यहाँ “Demonology” (दुष्टात्मा विज्ञान) से संबंधित 25 प्रमुख हिंदी बाइबल वचन दिए जा रहे हैं जो दुष्टात्माओं के स्वभाव, कार्य, सीमाएँ, आत्मिक युद्ध और मसीही अधिकार के विषय में गहरी समझ प्रदान करते हैं। ये शास्त्रीय, आत्मिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से उपयोगी हैं:
1. उत्पत्ति 3:1
यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?
दुष्ट आत्मा का पहला कार्य — प्रलोभन देना।
2. यशायाह 14:12-15
“हे भोर के पुत्र हे उज्ज्वल तारे, तू कैसे स्वर्ग से गिर पड़ा!… तू अधोलोक में गिरा दिया जाएगा।”
शैतान का गौरव से पतन और उसकी दिव्य स्थिति का ह्रास।
3. यहेजकेल 28:12-17
“तू पूर्णता की छवि था… परन्तु तेरा मन तेरे सौंदर्य के कारण गर्व से भर गया।”
शैतान के अहंकार और गिरावट की व्याख्या।
4. मत्ती 4:1
“तब आत्मा ने यीशु को जंगल में ले जाकर शैतान से परीक्षा में डालने के लिए पहुंचाया।”
दुष्टात्माएँ मसीह को भी प्रलोभित करने का प्रयास करती हैं।
5. मत्ती 8:16
“…बहुतों को, जिनमें दुष्टात्माएँ थीं, उसके पास लाया गया, और उसने वचन से आत्माओं को निकाला।”
मसीह की दुष्टात्माओं पर प्रभुता।
6. मत्ती 12:43-45
“जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकलती है… और लौटकर उसे खाली, साफ़ और सजा हुआ पाती है।”
दुष्टात्माओं की वापसी और निवास की लालसा।
7. मत्ती 17:18
“तब यीशु ने उस दुष्टात्मा को झिड़का, और वह लड़का उसी घड़ी चंगा हो गया।”
दुष्टात्माओं को झाड़ने का अधिकार।
8. मरकुस 1:23-26
“एक मनुष्य जिसमें अशुद्ध आत्मा थी, चिल्लाकर कहने लगा… ‘क्या तू हमें नाश करने आया है?’”
दुष्टात्माएँ मसीह को पहचानती हैं और डरती हैं।
9. मरकुस 5:9-13
“मेरा नाम ‘सेना’ है क्योंकि हम बहुत हैं।”
एक व्यक्ति में कई आत्माएँ रह सकती हैं।
10. लूका 4:41
“और बहुत दुष्टात्माएँ निकल गईं और चिल्लाकर कहने लगीं, ‘तू परमेश्वर का पुत्र है।’”
दुष्टात्माएँ मसीह की पहचान जानती हैं।
11. लूका 10:17-20
“प्रभु, तेरे नाम से दुष्टात्माएँ भी हमारे अधीन होती हैं।”
मसीही विश्वासियों को शैतान पर अधिकार।
12. लूका 11:24-26
मत्ती 12 के समान, आत्माओं के वापसी की चेतावनी।
13. यूहन्ना 8:44
“तुम अपने पिता शैतान के हो… वह आरंभ से ही हत्यारा है।”
शैतान का स्वभाव: झूठ और हत्या।
14. प्रेरितों के काम 5:3
“हे अनन्याह, शैतान ने क्यों तेरे मन में डाला कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले?”
शैतान विचारों को प्रभावित कर सकता है।
15. प्रेरितों के काम 8:7
“बहुतों में से दुष्टात्माएँ चिल्लाकर निकल गईं।”
प्रारंभिक कलीसिया में आत्माओं की मुक्ति।
16. प्रेरितों के काम 16:16-18
“एक दासी… जिसमें भावी कहने वाली आत्मा थी… पौलुस ने आत्मा को झाड़ा।”
झूठे भविष्यवाणी की आत्मा से छुटकारा।
17. प्रेरितों के काम 19:13-16
“यीशु का नाम लेकर झाड़ने वाले यहूदी पुजारी… दुष्टात्मा बोली, ‘मैं यीशु को जानती हूँ, पौलुस को भी जानती हूँ, पर तुम कौन हो?’”
शुद्ध विश्वास के बिना अधिकार नहीं चलता।
18. रोमियों 8:15
“तुमने भय की दासता की आत्मा नहीं पाई, परन्तु लेपालकपन की आत्मा पाई है।”
मसीही दुष्ट भय से मुक्त हैं।
19. 1 कुरिन्थियों 10:20-21
“जो अन्यजाति बलिदान करते हैं वह दुष्टात्माओं के लिए है, परमेश्वर के लिए नहीं।”
मूर्ति-पूजा और आत्मिक अशुद्धता।
20. 2 कुरिन्थियों 11:14-15
“शैतान आप को ज्योतिर्मय दूत का रूप देता है।”
शैतान का छलपूर्वक प्रकाश के रूप में आना।
21. इफिसियों 6:11-12
“हमारा मल्लयुद्ध रक्त और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानताओं… और आकाश के दुष्टात्माओं से है।”
आत्मिक युद्ध का महत्वपूर्ण वचन
22. 1 थिस्सलुनीकियों 5:22-23
“हर प्रकार की बुराई से बचो… और तुम्हारी आत्मा, प्राण और शरीर निर्दोष ठहरे।”
आत्मिक संपूर्णता और पवित्रता की आवश्यकता।
23. 1 तीमुथियुस 4:1
“कपटी आत्माओं और दुष्टात्माओं की शिक्षाओं को मानेंगे।”
झूठे आत्मिक संदेशों से सावधान रहना।
24. यहूदा 1:6
“स्वर्गदूतों को… अन्धकार में रखा है।”
पतन के बाद की दंडित आत्माएँ।
25. प्रकाशितवाक्य 20:10
“शैतान… आग और गन्धक की झील में डाला गया।”
शैतान और दुष्टात्माओं का अंतिम न्याय।
Demonology (दुष्टात्मा विज्ञान) केवल डरने या रहस्यों की खोज का विषय नहीं है, बल्कि आत्मिक जागरूकता और विश्वास में स्थिरता का मार्ग है। ये 25 बाइबल वचन मसीही विश्वासियों को सिखाते हैं कि कैसे वे शैतान की चालों को पहचानें और मसीह में विजयी जीवन जिएं।