मनुष्य जाति की उत्पत्ति के आश्चयर्जनक तथ्य

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Amazing Facts About the Human Body Creation

Amazing Facts About the Human Body Creation

मनुष्यों को भूमि की मिट्टी से बनाया गया है।

और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा।

उत्पत्ति 2:7

परमेश्वर ने मनुष्य जाति को सृष्टि में सभी जीवों और प्रजातियों में सबसे श्रेष्ठ बनाया है क्योंकि परमेश्वर सिर्फ मनुष्य जाति को उनके खुदके गुण दिए है और खुदकी आत्मा का अंश दिया है। इस लिहाज़ से मनुष्य जाति सभी जीवों में श्रेष्ठ है और मनुष्य जीवन अत्यधिक मूल्यवान है। 

और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास और आदम जीवता प्राणी बन गया।

उत्पत्ति 2:7

परमेश्वर ने मनुष्य जाति को बुद्धि दी और साथ ही अपने चुनाव खुद करने का अधिकार दिया है जिसका अर्थ है हर एक व्यक्ति भला बनकर भलाई करे गया बुरा बनकर बुराई करे ये उसका अपना चुनाव है और इसी चुनाव के आधार पर मनुष्यों का न्याय होता है। परमेश्वर जानते हैं कि कौन कब क्या करेगा लेकिन उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते क्योंकि परमेश्वर कभी नियम तोड़ सकते या गलती नही कर सकते। 

पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥

उत्पत्ति 2:17

परमेश्वर ने मनुष्य को अत्यधिक क्षमता वाली बुद्धि दी है। परमेश्वर के ही समान रचना करना, सोचने की क्षमता, क्रियात्मकता ये सब बुद्धि के गुण परमेश्वर से ही मिले हैं। 

सो आदम ने सब जाति के घरेलू पशुओं, और आकाश के पक्षियों, और सब जाति के बनैले पशुओं के नाम रखे; 

उत्पत्ति 2:20

मनुष्य जाति की प्रथम स्थिति में मृत्यु और बीमारियां नहीं थी।

और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।

उत्पत्ति 2:7

परमेश्वर ने प्रथम आदम को भी सिर्फ विश्राम करने और विलासिता में जीवन बिताने के लिए नहीं बल्कि काम करने के लिए बनाया था। 

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे, 

उत्पत्ति 2:15

मनुष्य जाति या आदम अपनी प्रथम स्थिति में कभी थकता नहीं था और न सोता था, उसे विश्राम की आवश्यकता नहीं थी।

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकाल कर उसकी सन्ती मांस भर दिया।

उत्पत्ति 2:21

मनुष्य जाति की रचना पृथ्वी पर ही कि गयी थी और पृथ्वी पर ही रहने के लिए की गई थी।

और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।

उत्पत्ति 2:8

परुष या आदम की पसली से स्त्री या हव्वा को बनाया गया है अतः पुरुषों में स्त्रियों को अपेक्षा ज्यादा बल होता है।

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकाल कर उसकी सन्ती मांस भर दिया

उत्पत्ति 2:21

मनुष्य जाति अपनी प्रथम स्थिति में मांसाहारी नही बल्कि शाकाहारी थी।

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है:।

उत्पत्ति 2:16

सर्व प्रथम पुरुष यानी आदम बनाया गया था उसके पश्चात स्त्री यानी हव्वा बनाई गई थी।

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकाल कर उसकी सन्ती मांस भर दिया। 22 और यहोवा परमेश्वर ने उस पसली को जो उसने आदम में से निकाली थी, स्त्री बना दिया; और उसको आदम के पास ले आया।

उत्पत्ति 2:21-22

ये नियम परमेश्वर ने बनाया की स्त्री पुरुष अपने माता पिता से अलग हो जाएंगे (उनकी मृत्योपरांत) पर आपस मे कभी अलग नही होंगे। अर्थात तलाक वर्जित है।

इस कारण पुरूष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा और वे एक तन बने रहेंगे।

उत्पत्ति 2:24

अपनी प्रथम स्थिति में स्त्री और पुरुष नंगे थे पर उन्हें इस बात से कोई शर्म न थी क्योंकि इस समय पाप प्रवेश नही हुआ था। शर्म, क्रोध, धोखा और सभी विकार आदम और हव्वा के परमेश्वर विरूद्ध जाकर पाप करने के पश्चात आये। 

और आदम और उसकी पत्नी दोनो नंगे थे, पर लजाते न थे

उत्पत्ति 2:25

स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों की बौद्धिक क्षमता अधिक होती है और गंभीर निर्णय लेने में पुरुष अधिक सक्षम होते हैं क्योंकि पुरुष या आदम पहले बनाया गया था।

सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।

उत्पत्ति 3:6

स्त्रियों को संतान उत्पन्न करना प्रमेश्वर के द्वारा बनाया गया प्रावधान है जिसमें प्रथम स्थिति में कोई दुख, दर्द या किसी प्रकार की समस्या नहीं थी। ये सब पाप के प्रवेश के परिणाम स्वरूप आये। 

फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; 

उत्पत्ति 3:16

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