बाइबल के विषय में आधारभूत शिक्षा। Basic Knowledge of Bible

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1. परिचय

बाइबल” शब्द ग्रीक (यूनानी) शब्द बीबलिओस से लिया गया है, जिसका अर्थ है “पुस्तक”। यह एक अद्वितीय पुस्तक है जो सभी समय के लिए, सभी लोगों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह किसी भी अन्य पुस्तक से अलग और विशेष है क्योंकि यह परमेश्वर के प्रेरित वचन को प्रकट करती है।


2. बाइबल की संरचना

बाइबल एक पुस्तक होते हुए भी 66 अलग-अलग पुस्तकों का संग्रह है, जिसे विभिन्न लेखकों ने अलग-अलग समय में लिखा। इन पुस्तकों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

  • व्यवस्था की पुस्तकेंलेवीयव्यवस्था, व्यवस्थाविवरण।
  • इतिहास की पुस्तकें – 1 और 2 इतिहास, प्रेरितों के कार्य।
  • काव्य पुस्तकेंभजन संहिता, सभोपदेशक।
  • भविष्यवाणी की पुस्तकेंदानिय्येल, प्रकाशित वाक्य।
  • जीवनी पुस्तकेंमत्ती, मरकुस, यूहन्ना।
  • पत्रियाँरोमियों, इब्रानियों।

3. बाइबल के दो मुख्य भाग

(i) पुराना नियम (Old Testament)

  • यीशु मसीह के जन्म से पहले लिखा गया।
  • इसमें इस्राएल राष्ट्र के इतिहास, व्यवस्था, और भविष्यवाणी शामिल हैं।
  • कुल 39 पुस्तकें।

(ii) नया नियम (New Testament)

  • यीशु मसीह के जन्म के बाद लिखा गया।
  • इसमें मसीह के जीवन, सेवकाई, और चर्च की स्थापना का विवरण है।
  • कुल 27 पुस्तकें।

4. बाइबल के लेखक और लेखन काल

  • बाइबल लगभग 1500 वर्षों में लिखी गई।
  • इसे 40 से अधिक लेखकों ने लिखा, जिनमें राजा, मछुआरे, याजक, अधिकारी, किसान, चरवाहे, और चिकित्सक शामिल थे।
  • इसके बावजूद, सभी पुस्तकों में “मानव जाति के उद्धार” का एक ही केंद्रीय विषय बना रहता है।
  • 2 तीमुथियुस 3:16:हर एक पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है।”

5. बाइबल का कैननाइज़ेशन (Canonization)

बाइबल में शामिल पुस्तकों का चयन एक जटिल प्रक्रिया थी, जिसे कैननाइज़ेशन कहा जाता है।

(i) कैनन शब्द की परिभाषा

  • ग्रीक शब्द कैनोन से लिया गया, जिसका अर्थ है “नियम” या “मानक”।

(ii) पुस्तकों को बाइबल में शामिल करने के मानदंड

नए नियम के लिए:

  • पुस्तक प्रेरितों या उनके करीबी सहयोगियों द्वारा लिखी हो।
  • इसकी शिक्षाएँ मसीही समुदाय में स्वीकृत हों।
  • यह चर्च में आराधना और शिक्षण के लिए उपयोग होती हो।

पुराने नियम के लिए:

  • तोराह (पहली पाँच पुस्तकें) सबसे पहले मान्य की गईं।
  • भविष्यवक्ताओं की पुस्तकें यहूदी पूजा पद्धति का हिस्सा बनीं।
  • दूसरी शताब्दी CE तक पुराने नियम की सभी पुस्तकें स्थापित हो चुकी थीं।

नए नियम का अंतिम रूप:

  • 393 ई. – हिप्पो की धर्मसभा में नए नियम की 27 पुस्तकें स्वीकृत हुईं।
  • 397 ई. – कार्थेज की परिषद ने इसे पुष्टि दी।

6. बाइबल के महत्वपूर्ण तथ्य

  • कुल पुस्तकें: 66
  • पुराने नियम की पुस्तकें: 39
  • नए नियम की पुस्तकें: 27
  • सबसे छोटी पुस्तक: 3 यूहन्ना
  • सबसे लंबी पुस्तक: भजन संहिता
  • सबसे छोटा अध्याय: भजन संहिता 117
  • सबसे लंबा अध्याय: भजन संहिता 119
  • बाइबल में कुल शब्द: 773,692
  • बाइबल की सबसे छोटी आयत: यूहन्ना 11:35 (“यीशु रो पड़ा।”)

8. निष्कर्ष

बाइबल परमेश्वर की प्रेरित पुस्तक है, जो मानव जाति के उद्धार, नैतिकता, और विश्वास के बारे में सिखाती है। यह हमें जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती है और हमें परमेश्वर के साथ संबंध स्थापित करने में सहायता करती है।

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