यीशु मसीह बनाम श्रीकृष्ण: कौन हैं सच्चे परमेश्वर? बाइबल क्या कहती है?

  • Home
  • Content
  • Religion
  • Hinduism
  • यीशु मसीह बनाम श्रीकृष्ण: कौन हैं सच्चे परमेश्वर? बाइबल क्या कहती है?

कृष्ण का प्रेम-प्रसंग व सोलह हजार एक सौ आठ रानियाँ

कई लोग यीशु मसीह और श्रीकृष्ण की तुलना करते हैं, लेकिन क्या वास्तव में दोनों समान हैं? बाइबल हमें स्पष्ट रूप से सिखाती है कि यीशु मसीह ही सच्चे और जीवित परमेश्वर हैं। आइए, इस विषय को गहराई से समझें और तुलना करें।


1. यीशु मसीह का चरित्र बनाम कृष्ण का चरित्र

(A) पवित्रता और नैतिकता

यीशु मसीह: बाइबल बताती है कि यीशु मसीह बिना पाप के थे। उन्होंने कभी कोई अनैतिक कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा:

तुम में से कौन मुझे पापी ठहरा सकता है?” (यूहन्ना 8:46)

श्रीकृष्ण: पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, कृष्ण ने सोलह हज़ार एक सौ आठ रानियों से विवाह किया और रासलीला की। यह बाइबल में बताए गए परमेश्वर के पवित्र स्वरूप से मेल नहीं खाता।


2. विवाह और नैतिकता

यीशु मसीह: यीशु ने कभी विवाह नहीं किया, न ही उन्होंने किसी स्त्री के साथ अनैतिक संबंध रखे। उन्होंने लोगों को पवित्र जीवन जीने की शिक्षा दी।

श्रीकृष्ण: श्रीमद्भागवत के अनुसार, कृष्ण ने कई रानियों से विवाह किया और राधा के साथ प्रेम-प्रसंग भी रहा। यह अनैतिक संबंधों को बढ़ावा देने जैसा प्रतीत होता है।


3. सत्य और न्याय

यीशु मसीह: उन्होंने कहा,

मैं मार्ग, सत्य और जीवन हूँ।” (यूहन्ना 14:6)

उनका जीवन पूर्ण सत्य और न्याय पर आधारित था। उन्होंने कभी भी छल-कपट का सहारा नहीं लिया।

श्रीकृष्ण: महाभारत में, श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध में जीत दिलाने के लिए कई बार छल का सहारा लिया, जैसे कि भीष्म और द्रोणाचार्य को हराने के लिए रणनीतिक धोखा।


4. मुक्ति का मार्ग

यीशु मसीह: यीशु ने स्पष्ट कहा कि उद्धार केवल उन्हीं के द्वारा संभव है। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि मानव जाति के पापों का प्रायश्चित हो।

परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नष्ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।” (यूहन्ना 3:16)

श्रीकृष्ण: हिंदू ग्रंथों के अनुसार, मुक्ति का मार्ग कर्म और पुनर्जन्म के चक्र से होकर जाता है, जो मनुष्य के अपने प्रयासों पर निर्भर करता है।


5. यीशु मसीह ही सच्चे परमेश्वर हैं

बाइबल के अनुसार, यीशु मसीह ही परमेश्वर का पूर्ण स्वरूप हैं:

शुरुआत में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।” (यूहन्ना 1:1)

यीशु ने पापी मनुष्यों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जबकि कृष्ण की कथाएँ अधिकतर सांसारिक प्रेम और युद्ध पर केंद्रित हैं।


इस तुलना से स्पष्ट होता है कि यीशु मसीह ही सच्चे परमेश्वर हैं। उनका जीवन पूर्ण पवित्रता, सत्य, न्याय और प्रेम का आदर्श है। जो कोई भी अनन्त जीवन प्राप्त करना चाहता है, उसे यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए।

जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है।” (यूहन्ना 3:36)

 

आज ही यीशु मसीह को अपने जीवन में ग्रहण करें और सच्ची शांति और उद्धार प्राप्त करें।

क्या हिन्दू धर्म वास्तव में सनातन धर्म है? सच्चाई जानें!
हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णित अजीबो गरीब वर्णन
विश्व की धार्मिक व्यवस्था || World Religion System
शिवलिंग की पूजा क्यों होती है
रामायण काल्पनिक है, इस लेख में साबित || Ramayan is a Myth
महाभारत इतिहास नहीं बल्कि एक काल्पनिक काव्य है
यीशु मसीह ही सच्चे परमेश्वर हैं—बाइबल, तर्क और ऐतिहासिक प्रमाणों के साथ तुलना