7 कोलंबियन जवानो को स्वर्ग और नर्क का प्रकाशन – स्वर्ग

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Life-Changing Testimony: 7 Colombian Youths Witness Heaven and Hell with Jesus

एकसाथ एक समुह में, यह 7 कोलंबियाई जवान यीशु मसीह द्वारा स्वर्ग और नर्क देखने ले जाए गए। स्वर्ग की महिमा और नर्क के दुखो को उनके द्वारा सुनें 7 कोलंबियन जवानों को स्वर्ग और नर्क का प्रकाशन

पहली गवाही - ईसो

मैं मसीह में एक मनुष्य को जानता हूँ, चौदह वर्ष हुए कि न जाने देह सहित, न जाने देह रहित, परमेश्वर जानता है, ऐसा मनुष्य तीसरे स्वर्ग तक उठा लिया गया। (2 कुरिन्थियों 12:2)

हम कमरे में थे, जब हमने पहला अनुभव पाया। प्रभु की उपस्थिति द्वारा कमरा प्रकाश से भरना प्रारंभ हो गया। ऐसा लगा पूरा कमरा जल गया इतना सामर्थी था। उनकी महिमा से कमरा पूरा भरा था, उनके सामने होना यह सुंदर था। प्रभु यीशु बोले “मेरे बच्चो, अब मैं तुम्हे अपना राज्य दिखाउंगा, मेरी महिमा में हम जाएगें”। हमने एक दुसरे के हाथो को पकड़ लिया, और उठने लगे। 

मैं नीचे देखा और गौर किया हम अपने शरीरो से निकल रहे हैं। जैसे ही हम अपने शरीरो को छोड़ दिए, हम सफेद वस्त्र पहने हुए थे, और बहुँत ही तीव्र गति से उपर की ओर जाने लगे। हम एक बड़े द्वार के सामने पहुँचे, जो स्वर्ग का प्रवेशद्वार था। हमारे साथ जो कुछ भी हो रहा था उस से हम आश्चर्यचकित थे। धन्यवाद हो, प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र हमारे साथ थे, साथ दो स्वर्गदूत भी थे जिनके प्रत्येक के 4 पंख थे।

स्वर्गदूत ने हमसे बाते करना प्रारंभ किया, वे क्या कह रहे थे हम समझ नही पा रहे थे। उनकी भाषा हमसे बहुँत अलग थी, वह पृथ्वी की किसी भी भाषा जैसे नहीं थी। वे स्वर्गदूत हमारा स्वागत कर रहे थे, और उन्होने विशाल दरवाजे खोल दिए। हमने वहां अदभुत स्थान, और कई विभिन्न चीजों को देखा। जब हम अंदर गये, हमारे हृदयों में सिद्ध शांति भर गई। बाईबल बताती है तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी। (फ़िलिप्पियों 4:7)

पहली चीज जो मैं देखा वह हिरण था, तब मैं मेरे एक मित्र से पूछा, क्या तुम भी वही देख रही हो जो मैं देख रहा हूँ ?” वह मुस्कुरा रही थी और बोली ”हाँ मैं हिरण को देख रही हूँ !” तब मुझे पता चला यह सब सच था। हम सचमुच में स्वर्ग के राज्य में थे। हम वहाँ परमेश्वर की महिमा में आनंद कर रहे थे। हम वहाँ गए जहाँ हिरण था, वहाँ विशाल वृक्ष था जो स्वर्गलोक के बीच में था।

बाईबल बताती है जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा। (प्रकाशितवाक्य 2.7) यह वृक्ष प्रभु यीशु का प्रतीक है, क्योकि मसीह सनातन जीवन है। वृक्ष के पीछे स्वच्छ निर्मल पानी की नदी थी। वह बहुत साफ और सुदंर थी, हमने वैसी पृथ्वी पर पहले कभी नही देखी थी। 

हम उस स्थान में रहना चाहते थे। कई बार हमने प्रभु से कहा “कृपया प्रभु ! हमें इस स्थान से ना लेके जाए! हम यहाँ हमेशा रहना चाहते हैं ! हम वापस पृथ्वी पर नही जाना चाहते ! प्रभु हमें उत्तर दिया, “यह आवश्यक है कि तुम वापस जाके सब चीजों के गवाही दो, जो मैंने मुझसे प्रेम करने वालो के लिए तैयार की हैं, क्योंकि मैं अति शीघ्र वापस आने वाला हूँ, और मेरा प्रतिफल मेरे साथ है।”

जब हमने नदी देखी, हम वहाँ जल्दी से गये, और उसके अंदर चले गये। हमें वचन याद आया जो कहता है “जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी।” ( युहत्रा 7:38) 

ऐसा लग रहा था इस नदी का पानी स्वयं में जीवन है, हम अपने आप ही इसमें डूब गये। पानी के अंदर और बाहर हम सामान्य रुप से सांस ले रहे थे। वह नदी बहुत गहरी थी, और वहाँ कई तरह के विभिन्न प्रकार के रंगो की मछलीयाँ तैर रही थी। नदी के अंदर और बाहर रोशनी सामान्य थी ; स्वर्ग में रोशनी किसी विशिष्ट स्रोत से ही नही आ रही थी, सब कुछ चमक रहा था। बाईबल बताती है कि उस नगर का प्रकाश प्रभु यीशु मसीह हैं। 

प्रकाशितवाक्य 21:23 में लिखा है “और उस नगर में सूर्य और चाँद के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेमना उसका दीपक है।” हमने अपने हाथी से, कुछ मछलियों को पानी से बाहर निकाल दिया ; लेकिन वे मरी नही। सो हम प्रभु की ओर भागे और उनसे पूछा ऐसा क्‍यों ? प्रभु मुस्कुराते हुए उत्तर दिए स्वर्ग में कोई मृत्यु नही, कोई रोना नही, और कोई दर्द नही। (प्रकाशितवाक्य 27:4) में लिखा है “और वह उन की आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा ; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”

हम नदी में से निकल गए, और हम हर एक स्थान को दौड़े जो हमें दिखा, हम हर चीज को छूना और अनुभव करना चाहते थे। हम हर चीज को वापस अपने साथ घर लाना चाहते थे, क्योंकि हम स्वर्ग की चीजों से अचंभित थे। शब्दों में इनकी व्याख्या करना कठिन है। जब प्रेरित पौलूस स्वर्ग पर उठा लिया गया, उसने ऐसी चीजों को देखा, जिनको शब्दों से बताया नहीं जा सकता था

फिर हम एक अति विशाल क्षेत्र में गये ; वह स्थान बहुँत अदभुत और सुंदर था। यह स्थान बहुमुल्य पत्थरो से भरा था : सोना, हीरा, पन्ना, माणिक और फर्श शुद्ध सोने से बना था। फिर हम एक स्थान गए जहाँ 3 बड़ी पुस्तकें थी। पहली पुस्तक बाईबल थी, जो शुद्ध सोने से बनी थी। भजन संहिता बताती है परमेश्वर का वचन सनातन है और परमेश्वर का वचन स्वर्ग में हमेशा रहेगा। भजन संहिता 119:89 में लिखा है “हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।” हम सोने की विशाल बाईबल देख रहे थे ; पन्ने, वचन, सब शुद्ध सोने का बना था।

दूसरी पुस्तक जो हमने देखी वह बाईबल से भी बड़ी थी। वह खुला था, और स्वर्गदूत उस पर बैठकर पुस्तक में लिख रहा था। प्रभु यीशु के साथ हम सब समीप गए कि स्वर्गदूत क्या लिख रहा है। पृथ्वी पर जो कुछ घटित हो रहा था, उसको स्वर्गदूत लिख रहा था। सब जो घटित होता है : दिनाँक के साथ, समय, सब कुछ दर्ज किया जाता है। यह इसलिए होता है कि प्रभु का वचन पूरा हो, वह कहता है कि पुस्तकें खोली जाएगी, और पृथ्वी के लोगो का न्याय उनके कामों के अनुसार होगा, जो उन पुस्तकों में लिखा होगा

(प्रकाशितवाक्य 20:12) में लिखा है “फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के साम्हने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उन के कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया।” मनुष्य जो कुछ पृथ्वी पर करता है, सब कुछ स्वर्गदूत लिखता है, वह चाहे अच्छा या बुरा जैसा हो वैसे ही लिखता है।

जहाँ तीसरी पुस्तक थी हम वहाँ गए। वह और भी बड़ी थी। वह पुस्तक बंद थी, परंतु हम उसके समीप गए। हम सातो ने मिलकर प्रभु के आदेशानुसार उस पुस्तक को उठाकर खम्बे पर रख दिया।

स्वर्ग में खंभा और स्तंभ बहुँत अदभुत है। चोटी अथवा गुथे हुए बाल के समान थे, वह विभिन्न बहुमूल्य पत्थरो से बने थे। कुछ हीरों से, कुछ शुद्ध पन्ना से, कुछ शुद्ध सोने से, और कुछ भिन्न प्रकार के पत्थरों को जोड़ के बने थे। तब मैं समझा कि परमेश्वर सब चीजों का स्वामी है, जैसा कि हाग्गै 2:8 में लिखा है, “चान्दी तो मेरी है, और सोना भी मेरा ही है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।” मैं समझ गया कि परमेश्वर पूर्णतया समृद्ध हैं, और संसार के सभी वस्तुओं के स्वामी हैं। 

मैं यह भी समझ गया कि संसार की संपूर्णता हमारे परमेश्वर की है, और वे उन सबको देना चाहते हैं जो विश्वास से माँगते हैं। प्रभु ने कहा “मुझ से माँग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूँगा।” (भजन सहिंता 2:8) 

यह पुस्तक जो हमने खंभे पर रखा था, वह बहुँत बड़ा था, पन्ना पलटने के लिए हमें प्रत्येक पन्ने पर चल के जाना पड़ता, जो पुस्तक के दूसरी ओर होता। पुस्तक में क्या था हमने पढ़ने की कोशिष की। पढ़ना मुश्किल था, क्योंकि अटपटे अक्षरों में लिखा हुआ था, सो हम समझ ना सके। 

यह पृथ्वी की किसी भी भाषा से अलग थी; यह सब कुछ स्वर्गीय था। परंतु पवित्र आत्मा की सहायता से, हमें अनुग्रह दिया गया कि हम समझ सके। यह ऐसे था जैसे हमारी आँखों से पट्टी को निकाल दिया गया, और अब हम लिखावट को समझ सकते थे ; जैसे हमारी अपनी ही भाषा हो।

 

हम 7 के नाम पुस्तक में लिखे हुए देख सकते थे। प्रभु ने हमें बताया कि यह जीवन की पुस्तक है। (प्रकाशितवाक्य 3:5) में लिखा है “जो जय पाए, उसे इसी प्रकार श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न कार्टूँगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूँगा।”

हमने ध्यान दिया कि पुस्तक में जो नाम लिखे थे, वे वह नाम नही थे, जो हम पृथ्वी पर बोलते हैं ; यह नये नाम हैं, सो परमेश्वर का वचन इससे पूरा होता है, जब वे कहते हैं कि वे हमें नया नाम देगें, उसके पाने वाले के सिवाय और कोई नही जानेगा। (प्रकाशितवाक्य 2:17) में लिखा है “जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उस को मैं गुप्त मन्ना में से दूँगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पाने वाले के सिवाय और कोई न जानेगा।”

 

स्वर्ग में हम अपना नाम बोल पा रहे थे, परंतु जब प्रभु यीशु हमें वापस पृथ्वी पर ले आए तब वह नाम हमारे दिमाग और हमारे हृदय से निकाल लिया गया। परमेश्वर का वचन सनातन है, और यह पूरा किया जाएगा। मेरे मित्रो, बाईबल कहती है (प्रकाशितवाक्य 3:11) में लिखा है “मैं शीघ्र ही आनेवाला हूं; जो कुछ तेरे पास है, उसे थामें रह, कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले।” किसी और को हड़पने ना दो या पिता ने जो जगह तैयार किया है उसे खोने मत दो। 

स्वर्ग में लाखों चीजें हैं, जो अदभुत है, हम उसे अपने मुँह से व्याख्या नही कर सकते। परंतु मैं आपको कुछ बताना चाहता हूँ “परमेक्षर आपका इंतजार कर रहे हैं हॉलाकि केवल वही लोग, जो अंत तक हदृण रहेगें, वही बचाए जाएगें (मरकुस 13:13) में लिखा है “और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे; पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।”

 

From Earth to Eternity: 7 Colombians' Journey to Heaven and Hell

दूसरी गवाही, ऐरियल

जब हम स्वर्ग के राज्य जाने लगे, हम एक सुंदर स्थान जिसमें बहुमूल्य दरवाजा भी था। दरवाजो के सामने 2 स्वर्गदूत थे। उन्होने बात करना प्रारंभ किया, परंतु उनकी भाषा स्वर्गदूतों की भाषा थी, और वे क्या कहते हैं, हम समझ नही पा रहे थे। परंतु पवित्र आत्मा ने हमें समझ दी। वे हमारा स्वागत कर रहे थे। प्रभु यीशु ने दरवाजे पर अपना हाथ रखा और वह खुल गया। यदि यीशु हमारे साथ ना होते हम कभी स्वर्ग में जा नही सकते थे।

हम स्वर्ग की सब चीजों को सराहने लगे। हमने विशाल वृक्ष देखा, बाईबल इस वृक्ष को ”जीवन का वृक्ष” बताता है, (प्रकाशितवाक्य 2:7) में लिखा है “जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा।” हम नदी में गये, बहुत सी मछलीयाँ उसमें देखे। सब कुछ बहुँत अदभुत था, मैं और मेरे मित्र पानी के अंदर जाने का निश्चय किए। हम पानी के भीतर तैर रहे थे। 

हमने देखा मछलीयाँ हमारे चारो ओर तैर रही थी, और हमारे शरीर को सहला रही थी। जैसे सामान्यतः पृथ्वी पर होता है, वैसे वे नही तैर रही थी ; प्रभु यीशु की उपस्थिति मछलीयों को शांत कर रही थी। मछलीयाँ हम पर भरोसा कर रही थी, क्‍योंकि वह जानती थी कि, हम उनको नुकसान नही पहुँचाएगें। मैने एक मछली को पकड़ा और पानी के बाहर निकाला, मैं सौभाग्यशाली और अचंभित था। क्या ही अदभुत था, मछली मेरे हाथ में ही प्रभु यीशु की उपस्थिति में शांत होकर आनंदित थी। मैं मछली को वापस पानी में डाल दिया।

मैं दूर से ही स्वर्ग में सफेद घोड़ो को देख सकता था, जैसा कि परमेश्वर के वचन में लिखता है (प्रकाशितवाक्य 19:11) “फिर मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ कर | देखा; और देखता हूँ कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वास योग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धर्म के साथ न्याय और लड़ाई करता है।” वो घोड़े वे थे, जिनका उपयोग प्रभु यीशु पृथ्वी पर आएगें अपनी कलीसिया, अपने लोगो को ले जाने के लिए करेगें। मैं घोड़ो के पास चला गया, और उनको थपथपाना प्रारंभ किया। प्रभु मेरे पास आए और उनमें से किसी पर भी सवारी करने की अनुमति दिए।

मैंने सवारी करना प्रारंभ किया , मैंने कुछ महसूस किया, जो मैं कभी पृथ्वी पर महसूस नही किया था। मैं शांति, आजादी, प्रेम, पवित्रता का अनुभव कर रहा था, जो प्रभु यीशु ने मेरे लिए तैयार किए हैं। 

हमने विवाह के भोज की मेज भी देखे, सब कुछ पहले से परोसा गया था। उसका शुरुआत और अंत नही था। हमने कुर्सियों को देखा, जिनको हमारे लिए तैयार पहले से ही रखा हुआ है, उन सबके लिए जो मेमने के सफेद कपड़ों के साथ थे। यह सब देखकर मैं चकित था। अनंत जीवन के मुकुट तैयार है हमारे प्राप्त करने के लिए, वे भी थे। हमने देखा स्वादिष्ट खाना पहले से ही रखा हुआ है, उन सबके लिए जो मेमने के विवाह के लिए आमंत्रित हैं। 

हमें परमेश्वर के राज्य को छोटे बच्चों की तरह प्राप्त करना है। (मत्ती 18:3) में लिखा है “’मैं तुम से सि कहता हूँ, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे।‘’ हम बच्चों की तरह थे, जब हम स्वर्ग में थे। हम वहाँ सब कुछ का आनंद उठा रहे थे; प्रभु हमे अनुमति दिए कि हम स्वर्ग में के उन घरो में जा सकें। 

और प्रभु उन वहाँ पर मौजूद बच्चों के साथ खेलने लगे। प्रभु ने सुनिश्चत किया कि उनमें से प्रत्येक के साथ पर्याप्त समय बिताए, और बच्चे उनके साथ आनंदित थे। प्रभु ने बताया यह बच्चे वे हैं जो पृथ्वी पर गर्भपात हो गए।” यह सुनने के पश्चात, मुझे अंदर कुछ महसूस हुआ, जिससे मैं हिल गया। 

मेरा एक स्त्री के साथ संबध था, और वह गर्भवती हो गई। जब उसने मुझे बताया कि वह गर्भवती है, मैं नही जानता था कि अब क्या करूँ, तब अपना निर्णय बताने के लिए उसके पास गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि वह पहले ही गर्भपात कर चुकी थी, यह मेरे जीवन में कलंक लग गया। उसके बाद मैंने प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवन में स्वीकार किया, इस घटना के कारण मैं अपने आप को क्षमा नही कर पा रहा था। परंतु परमेश्वर उस दिन मेरे लिए एक कार्य किया। 

उन्होंने उस बच्चों के स्थान में प्रवेश करने की अनुमति दिए और बोले “ क्या तुम वहाँ उस बच्ची को देख रहे हो ? वह बच्ची तुम्हारी बेटी है।” जब उन्होने मुझसे ऐसा कहा, मैं उस लड़की को देखा, मैने उस जख्म को महसूस किया, जो मेरी आत्मा में लंबे समय से था, और वह उसी घड़ी चंगा हुआ। प्रभु मुझे अनुमति दिए कि मैं उसके समीप जाऊ और वह मेरे समीप आ गई। मैं उसे अपने हाथो में लिया और उसकी आँखो को देखा। एक शब्द मैं उसके होठों से सुना “ड्रैडी”। मैं समझ गया और परमेश्वर ने मुझ पर अनुग्रह किया और मुझे क्षमा कर दिया, परंतु मुझे अपने आप को क्षमा करना सीखना था।

प्रिय मित्रो, जो भी इसे पढ़ता है, मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ। परमेश्वर ने आपके पाप पहले ही क्षमा कर दिए हैं, अब अपने आपको क्षमा करना आपको सीखना होगा। मैं परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि यह गवाही मुझे आपके साथ बॉटने का अनुग्रह किया। प्रभु यीशु मसीह को मैं आदर और महिमा देता हूँ ! यह प्रभु की गवाही है, उन्होने यह प्रकाशन हम को प्राप्त करने के लिए अनुग्रह किया। मैं आशा करता हूँ कि हम में से हर एक भाई इस गवाही को पढ़ता है, वह इस गवाही के आशीषो को प्राप्त कर सके, और दूसरो को भी आशीषित कर सके।

 

परमेश्वर आपको आशीष दे।

In the Presence of the Divine: 7 Colombian Youths' Testimony

तीसरी गवाही

“और वह उन की आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।” प्रकाशितवाक्य 21:4

जब हम पहुँचे, यह बड़े दरवाजे हमारे लिए खोले गये, और फूलो से भरी वादी, मैं देखने लगी। फूल सुंदर थे और उनकी महक मनमोहक थी। हमने चलना प्रारंभ किया और हमने पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव किया, ऐसा पृथ्वी पर हमने कभी महसूस नही किए थे। हमने शांति का अनुभव किया, जो हमारे हृदय में भर गई और जब हमने फूलो को देखा तो हमने गौर किया कि प्रत्येक फूल अनूठा था ; प्रत्येक पंखुड़ी अलग थी, वास्तविक और अलग-अलग रंगो की थी।

मेरे हृदय में, प्रभु से मैं बोली मैं इनमे से एक फूल को चाहती हूँ। प्रभु सहमति के संकेत दिए, मैं फूल के समीप गई और उसे तोड़ने लगी। परंतु कुछ हुआ नही, मैं फूल को जमीन से अलग नही कर पाई, मैं फूल के पंखुड़ी या पत्तों तक को तोड़ नही पाई। तब प्रभु चुप्पी तोड़े और बोले “यहाँ सब कुछ प्रेम में होता है।” उन्होने फूल को छुआ और उस फूल ने प्रभु के हाथ में समर्पण कर दिया, तब उन्होने उसे हमें दिया। हम चलने लगे और फूलो की खुशबू लगतार या रही थी। 

हम उस स्थान पर पहुँचे, जहाँ बहुँत सुंदर दरवाज़ा था। यह साधारण द्वार नही था, वे अपने शिल्पकारी में बहुँत सुंदर थे, और कीमती पत्थरों से उन पर उकेरा गया था। दरवाजा खुला और हम बहुँत लोगो के साथ कमरे मे प्रवेश किया। वहाँ हर कोई यहाँ वहाँ दौड़ रहा था और तैयारीयाँ कर रहे था।  

कुछ ने चमकीले सफेद कपड़ों के रोल अपने कंधों पर पकड़े थे, कुछ ने सुनहरे धागो के गुच्छे पकड़े थे और कुछ प्रकार के प्लेट जो अंदर से कवच की तरह थी। हर कोई मेहनत से दौड़ रहा था। हमने प्रभु से पूछा कि यहाँ सब इतनी मेहनत और जल्दबाजी में क्यों हैं। तब प्रभु ने एक जवान व्यक्ति को समीप बुलाया। यह व्यक्ति कपड़ों का रोल अपने कंधों पर रखे था, वह आया और प्रभु की ओर आदरपूर्वक देखने लगा। 

जब प्रभु ने उससे पूछा कि वह कपड़ों के रोल को क्‍यों पकड़े हुए है, वह प्रभु को देखते हुए बोला, “प्रभु आप तो जानते हैं कि यह कपड़े किस लिए हैं ! यह कपड़े छुड़ाए हुओ के लिए परिधान बनाने के लिए है, यह परिधान दुल्हिन के लिए है। यह सुनने के बाद, हमने आनंद और शांति महसूस किया। 

प्रकाशितवाक्य 19:8 हमें बताता है “और उस को शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया, क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम हैं।” जब हम उस स्थान से बाहर आए, हमने और भी ज्यादा शांति का अनुभव किया, क्योंकि यह देखते हुए बहुँत सुंदर था कि प्रभु स्वयं हमारे लिए कुछ अच्छा बना रहे हैं। 

उनके पास आपके लिए स्थान और समय है, क्योंकि उनके लिए आप महत्वपूर्ण हैं। जब हम उस स्थान से बाहर आए, हमारी आँखें स्वर्ग के हर अंश में खो गई। ऐसा लगता है कि सब में जीवन है, और सब वस्तुए परमेश्वर को महिमा दे रही हैं।

फिर हम उस स्थान पर आए जहाँ लाखों-लाखों बच्चे थे, वह हर उम्र के थे। जब उन्होने प्रभु को देखा, सब प्रभु से गले मिलना चाहते थे, उसके प्रेम को और भी अधिक प्राप्त करने के लिए। वहाँ के प्रत्येक बच्चे यीशु के लिए दीवाने है। हमें यह देखकर रोने जैसा महसूस हुआ कि यीशु कैसे हर बच्चे को दुलार करते, उनको कैसे चूमते, और उनके हाथ को पकड़ते। हमने देखा चादर में लिपटे हुए बच्चों को स्वर्गदूत कैसे प्रभु के समीप लाते। प्रभु उनको सहलाते, छूते, और माथे को चूमते और स्वर्गदूत उन्हे वापस ले जाते। हमने प्रभु से पूछा यहाँ इतने सारे बच्चे कैसे हैं क्या यह पृथ्वी पर भेजे जाने वाले हैं? 

प्रभु एक पल के लिए शांत रहे और बोले “नहीं, यह बच्चे पृथ्वी पर नहीं भेजे जाएगें ! यह वे हैं जिनका पृथ्वी पर गर्भपात कर दिया गया, उनके पिता- माता उनको रखना नही चाहते थे, यह मेरे बच्चे हैं, और मैं इनसे प्यार करता हूँ। मैं अपना सिर झुका लिया, प्रभु से ऐसा प्रश्न पूछने के लिए मेरी आवाज भी कपकपाने लगी। जब मैं प्रभु को नही जानती थी कि सत्य जीवन वह ही है, मैं गलतीयाँ करती थी, और पाप करती थी, जैसा दूसरे लोग करते हैं। उन पापो में गर्भपात भी था। 

यहाँ वह समय था, जब मैं प्रभु से आमने-सामने होकर सवाल पूछी क्या यहाँ वह बच्चा है जो पहले मैं गर्भपात करवाई थी ? प्रभु का उत्तर था “हाँ।” मैं एक दिशा में चल रही थी, और एक सुंदर छोटा लड़का देखा। उसके पैर के पास एक स्वर्गदूत था। स्वर्गदूत प्रभु की ओर देख रहा था, और लड़के का पीठ हमारी ओर था।

प्रभु ने मुझसे कहा “देखो, तुम्हारा बेटा यही है।” मैं उसे देखना चाहती थी, तो मैं उसकी ओर दौड़ी, परंतु स्वर्गदूत ने मुझे अपने हाथ से रोक दिया। वह दिखाया कि पहले मुझे बच्चे को सुनना चाहिए। मैं सुनने के लिए रुकी कि छोटा लड़का क्या कहता है। वह बोल रहा था, और दूसरे बच्चों की ओर देख रहा था। 

उसने स्वर्गदूत से पूछा “क्या मेरे डैड़ी और मेरी मम्मी यहाँ जल्दी आएगें स्वर्गदूत मुझे देखा और उससे बोला “हाँ तुम्हारे डैड़ी और तुम्हारे मग्मी यहाँ आने ही वाले है।” मुझे नही पता कि क्‍यों मुझे इन शब्दों को सुनने दिया गया, परंतु मेरे हृदय में मैं जानती थी कि यह शब्द मेरे लिए प्रभु की ओर से सबसे अच्छा उपहार है। यह छोटा बच्चा दर्द, गुस्से से बात नही कर रहा था, हो सकता है वह जानता हो कि हमने उसे जन्म होने ही नही दिया। वह प्रेम से इंतजार कर रहा था।

हम आगे चलने लगे, परंतु मैं अपने हृदय में उस बच्चे की छवि को रखी थी। मैं जानती हूँ कि मुझे हर दिन और मेहनत करनी होगी कि मैं एकदिन उसके साथ रहूँ। वहाँ जाने का मेरे पास एक और कारण है, क्योंकि कोई मेरा स्वर्ग के राज्य में इंतजार कर रहा है। परमेश्वर का वचन हमे बताता है (यशायाह 65:19) “मैं आप यरूशलेम के कारण मगन, और अपनी प्रजा के हेतु हर्षित हँगा; उस में फिर रोने वा चिल्लाने का शब्द न सुनाई पड़ेगा।”

हम एक स्थान पर पहुँचे जहाँ कुछ छोटे पहाड़ थे, और प्रभु यीशु नृत्य करते हुए आए। उनके सामने लोगो की भीड़ थी, जो सफेद परिधान पहने हुए थे, और उन्होने हाथों में हरे जैतून के शाखाओं को पकड़े थे। उन्होने शाखाओं को हवा में लहराया, उनमें से तेल निकलने लगा। परमेश्वर ने महान चीजें आपके लिए तैयार किए हैं! अपना हृदय उसके सामने रखने के लिए यही समय है।

परमेश्वर आपको आशीष दें।

Beyond the Veil: 7 Colombian Youths Witness Heaven and Hell with Jesus

चौथी गवाही

 

स्वर्ग के राज्य में, हमने अदभुत वस्तुओं को देखा। और परमेश्वर के वचन में लिखा है 

(1 कुरिश्थियों 2:9) “परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आँख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।”

जब हम स्वर्ग के राज्य में पहुँचे, वह बहुत शानदार और अदभुत था ; बहुँत सारी बड़ी वस्तुए और परमेश्वर की महिमा को महसूस करना। यह तो बहुँत खास है ; एक स्थान जहाँ बहुत सारे बच्चे थे। हम कह सकते हैं कि उस स्थान में लाखों बच्चे थे। हमने अलग-अलग उम्र के बच्चों को देखा, स्वर्ग कई हिस्सों मे बटा हुआ है। हमने कुछ घरों को देखा, जो 2-4 वर्ष के बच्चों के लिए था। हमने यह भी गौर किया कि बच्चे बड़े होते हैं, और वहाँ बच्चों को परमेश्वर का ज्ञान सिखाने की व्यवस्था भी है, जहाँ बच्चों को परमेश्वर का वचन सिखाया जाता है। वहाँ स्वर्गदूत शिक्षक हैं, और वे बच्चों को आराधना के गीत और प्रभु यीशु मसीह की महिमा कैसे करें, सिखाया जाता है।

जब प्रभु पहुँचे, हम अपने राजा के असीम आनंद को महसूस कर सके। जबकि हम उनके चेहरे को नही देख सकते थे, उनकी मुस्कुराहट को हम देख सकते थे, वह पूरे स्थान में भर गया। जब वे पहुँचे, सभी बच्चे उनकी ओर दौड़े ! उन सभी बच्चों के मध्य, हमने मरियम को देखा जो पृथ्वी पर प्रभु यीशु मसीह की माता थी। हमने मरियम को सिंहासन पर नही देखा, और नाहीं कोई उनकी आराधना कर रहा था। वह स्वर्ग में दूसरी सत्रीओं की तरह ही थी, पृथ्वी पर दूसरे लोगो की तरह उन्होंने भी अपने उद्धार को पाया। वे सफेद परिधान और सुनहरा पटुका उनके कमर में पहने हुए थी ; और उसके बाल कमर तक पहुँचते थे।

पृथ्वी पर, हमने बहुँतों को कहते सुना कि वे मरियम यीशु की माता की आराधना करते हैं, परंतु मैं आपको बताना चाहता हूँ कि परमेश्वर का वचन कहता है (यूहज्रा 14:6) “यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।” स्वर्ग के राज्य का एक ही प्रवेशद्वार है, और वह नासरत का यीशु है।

हमने यह भी गौर किया कि वहाँ सूर्य और चाँद नही है। परमेश्वर का वचन हमे प्रकाशितवाक्य 22:5 में बताता है “और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले का प्रयोजन न होगा, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा: और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।” हम परमेश्वर की महिमा को देख सकते थे। 

जो हमने नर्क में देखा उसकी व्याख्या करना कठिन है, परंतु स्वर्गीय चीजों के बारे में व्याख्या करना उससे भी ज्यादा कठिन है। हमने हमारे बनानेवाले के प्रवीणता को देखा। जब हम वहाँ थे, हम दौड़कर सब चीजों को देखना चाहते थे। हम घास पर लेट गये, और हम परमेश्वर की महिमा को महसूस कर सकते थे। वह मधुर चहचहहाहट; शीतल हवा हमारे चेहरे को स्पर्श कर रही थी, वह तो अदभुत था। 

आसमान के मध्य में, विशाल क्रुस जो शुद्ध सोने का बना था, हम देख सकते थे। हम जानते हैं कि यह मूर्तिपूजा का चिन्ह नही है परंतु प्रभु यीशु के मृत्यु का क्रुस पर का निशान है, हमारे पास स्वर्ग के राज्य का प्रवेशद्वार है और वह प्रभु यीशु मसीह हैं।

हम स्वर्ग में पुनः चलने लगे, प्रभु यीशु मसीह के साथ चलना मनोहर था। हम यहाँ निश्चित रुप से जानते हैं कि जिस परमेश्वर की हम सेवा करते हैं वह नासरत का यीशु है। पृथ्वी पर हम में से बहुँत से ऐसा सोचते हैं कि परमेश्वर वहाँ ऊपर हैं, वह हमारे पाप करने का इंतजार करते हैं, ताकि वह दंण्ति कर सके और नर्क में भेज सके। परंतु यह सच नही है, हमें प्रभु यीशु के दूसरे पहलू को भी देखना चाहिए, प्रभु यीशु मित्र हैं; जब आप रोते हैं प्रभु यीशु भी रोते हैं। यीशु प्रेम, दया, तरस के परमेश्वर हैं। उद्धार के मार्ग में हमारी मदद करने के लिए वे हमें अपने हाथों से उठा लेते हैं।

प्रभु यीशु हमें बाईबल के एक व्यक्ति से भी मिलने की अनुमति दिए। हम राजा दाऊद से मिले,राजा दाऊद के बारे में वचनों में लिखा हुआ है। वह बहुँत आकर्षक व्यक्ति हैं, लंबे और उसके चेहरे से परमेश्वर की महिमा दिखाई देती है। जब तक हम स्वर्ग के राज्य में थे, राजा दाऊद एक ही काम किए और वह था नृत्य, नृत्य, और नृत्य और सारी महिमा और आदर परमेश्वर को दे रहे थे। 

उनके लिए जो इस गवाही को पढ़ते हैं, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि परमेश्वर के वचन प्रकाशितवाक्य 21:27 में कहता है “और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेमने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।’ और मैं आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि सिर्फ निड़र ही स्वर्ग के राज्य में पहुँचेगें।

परमेश्वर आपको आशीष दे।

 

Sharing the Divine Message: 7 Colombian Youths' Heavenly Encounter

पाँचवी गवाही

“क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए।” (2 क॒रिन्यियों 5:10)

स्वर्ग के राज्य में, हमने नया यरुशलेम देखा, जिसके विषय में बाईबल हमें यूहत्रा 14:2 में इस प्रकार बताता है “मेरे पिता के घर में बहुँत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ।” हमने नगर को देखा और उसमें प्रवेश किया ; वह वास्तविक और अदभुत नगर है ! हमारे लिए जगह तैयार करने के लिए प्रभु यीशु वहाँ गये हैं।

हमने नगर में देखा कि प्रत्येक घरों के स्वामीयों के नाम घर के सामने लिखे हुए हैं। यह नगर अभी बसा हुआ नही है, परंतु यह हमारे लिए तैयार हो चुका है। हमे अनुमति मिली कि हम घरों के आंदर जा सकें और अंदर सब वस्तुओं को देख सकें। परंतु बाद में जब हम नगर से बाहर निकले, हमने जो देखा था, भूल गए, वे यादें हमसे निकाल लिया गया, हॉलाकि, हमें यह याद था कि घरों के खंबे बहुमूल्य धातुओं से बनाया गया है, और विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से उन पर अलंकृत किया गया है। उनमें शुद्ध सोने के भी थे।

बाईबल में जैसा बताया गया है, वैसा ही उस नगर का सोना है ; वह पारदर्शी है, और बहुँत चमकीला है। जो सोना पृथ्वी पर है, उस सोने से जो स्वर्ग में है, उसकी चमक, सुंदरता का तुलना ही नही की जा सकती। 

इसके बाद, जहाँ बहुँत  बर्तन रखे हुए थे, हम उस स्थान पर ले जाए गये। उन बर्तनों में आँसू थे। यह परमेश्वर के पुत्रों के आँसू है, जो वे पृथ्वी पर बहाते हैं। वे शिकायत के आँसू नही हैं, परंतु जब मनुष्य परमेश्वर की उपस्थिति में आँसू बहाता है ; पश्चाताप के आँसू, धन्यवाद के आँसू। परमेश्वर इन आँसूओं को बहुमूल्य खजानों की तरह स्वर्ग में रखते हैं, भजन सहिंता 56:8 में लिखा है “तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है ?’

हम उस स्थान पर गये, जहाँ बहुँत स्वर्गठदूत थे, जबकि हम स्वर्ग में विभिन्न प्रकार के स्वर्गदूत देख सकते थे, यह खास स्थानों में से एक है। हमने देखा कि प्रभु यीशु हर व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट स्वर्गदूत रखे हैं। उन्होने यह भी दिखाया कि यह स्वर्गदूत हमारे जीवन भर हमारे साथ रहेगा। जो स्वर्गदूत हमारे लिए नियुक्त किया गया था, उससे हमें परिचय कराया गया। हमें उसकी विशेषताए दिखाई गई, परंतु परमेश्वर हमें उसके बारे में दूसरों को बताने की अनुमति नही दिए। हम पढ़ते हैं भजन सहिंता 91:11 “क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहाँ कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें।”

फिर हम जहाँ बहुँत से लॉकर्स थे उस स्थान पर पहुँचे, उन पर विभिन्न प्रकार के फूल थे, कुछ फूल खुले, सुंदर, और उज्जवल थे। परंतु कुछ लटके हुए, और दूसरे कुछ मुरझाए हुए थे। हमने प्रभु से पूछा इन सारे फूलों का अर्थ क्या है ? उन्होने उत्तर दिया “जैसा तुम में से हर एक का जीवन है, वैसा ही इन फूलों का भी है।” उन्होने एक उज्जवल फूल लिया और बोले “तुम्हारा जुड़ाव मुझसे किस स्थिति में है, यह फूल दिखाता है।” 

उसने वह फूल रख दिया और मुरझाया फूल लिया और बोले “देखो यह व्यक्ति इसलिए मुरझाया हुआ क्योंकि उसको परखा जा रहा है या यह कठिनाई में है। उसके जीवन में कुछ है, जो उसे मुझसे संपर्क बनाने के लिए रोक रहा है। 

क्या तुम जानते हो कि इन मुरझाए फूलों को फिर से उज्जवल और सुंदर बनाने के लिए मैं क्या करूँगा ?” उन्होने फूल को अपने हाथ में लिया और बोले ” मैं अपने आँसूओं को उस पर बहाउंगा, और मैं उन्हे उठाउंगा।” हमने देखा कितनी सामर्थी ढंग से इस फूल में जीवन आने लगा, और उठ गया और इसके रंग फिर से दिखने लगे।

फिर उन्होने एक मुर॒झाया फूल लिया और उसे आग में डाल दिया और बोले “देखों यह व्यक्ति मुझे जानता है, और मुझसे दूर चला गया। अब वह मेरे बिना मरेगा और वह आग में फेंक दिया जाएगा।” वचन कहता है (यूहत्रा 15:5-6) “मैं दाखलता हूँ: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।”

जब हम वहाँ से निकले, हम एक सुंदर महल देखे, जो बहुँत दूर था। उस महल के समीप जाने की किसी में हिम्मत नही थी। और हम विश्वास करते हैं कि वचन उसके बारे में क्या कहता है (प्रकाशितवाक्य 22:1) “फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंमने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।” हम विश्वास करते हैं कि वह महल परमेश्वर के सिंहासन और उनकी उपस्थिति के समीप है।स्वर्ग के राज्य के सब चीजों को अनुभव करने से, हमारे हृदयों में बहुतायत का आनंद है, हमारे पास समझ से परे शांति थी। 

(फिलिप्पियों 4:7) “तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारेविचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।” 

(1 परतरस 1:4) “अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये।

 

 

7 Young Colombians' Extraordinary Testimony: A Glimpse of Heaven and Hell

छठवी गवाही

“वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूँ, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; वरन सिंहासनों पर बैठकर इस्त्नाएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।”

लूका 22:30

उस अदभुत स्थान में, परमेश्वर हमें अनुमति दिए कि हम सबसे सुंदर स्वागत कक्ष को देख सके, संपूर्ण जगत में ऐसा कहीं नही हो सकता। हमने एक अति विशाल सिंहासन देखा और साथ में 2 कुर्सीयों को जो शुद्ध सोने और बहुमूल्य पत्थरों से बनी थी देखा, वैसा पृथ्वी पर नही पाया जाता। उस अति विशाल सिंहासन के सामने मेज था और उस मेज का कोई अंत नही था, मेज की चादर सफेद रंग की थी। वह इतना सफेद था कि हम पृथ्वी के किसी भी वस्तु से तुलना नही कर सकते।

सब प्रकार के उत्तम, और शुद्ध भोजन मेज पर थे। हमने संतरे के आकार के अंगूर देखे, और प्रभु यीशु मसीह ने उनमें से कुछ खाने को कहा। हमें अब तक उसके स्वाद याद है, वह बहुत बढ़िया था ! मेरे भाईयों और मित्रों, आप सोच भी नही सकते कि सब वस्तुओं के विषय में स्वर्ग के राज्य में तैयार हैं, और परमेश्वर आपके लिए पहले से क्या तैयार किए हैं। (1 कुशिन्थियों 2:9) “परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आँख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।”

और मेज पर, परमेश्वर हमें रोटी “मन्ना” देखने दिए। यह परमेश्वर की रोटी है, जो हमें वचन बताता है। हमें अनुमति मिली कि हम स्वाद ले सकें, और साथ में बहुँत से अदभुत वस्तुओं का भी आनंद ले सकें, जो पृथ्वी पर मौजूद ही नही है।

हमारी अविनाशी विरासत स्वर्ग के राज्य में यह सब वस्तुए हमारा इंतजार कर रही है। हम स्वर्ग के वारिस हैं, हम अदभुत उत्तम और स्वादिष्ट भोजन का आनंद करेगें। कुर्सीयों मेज के दोनो ओर व्यवस्थित थी, हम अचंभित थे। हर एक कुर्सीयों पर नाम लिखे थे। हम साफ-साफ हमारे नाम पढ़ रहे थे, जो उन कुर्सीयों पर लिखे थे, परंतु हमारे नाम पृथ्वी के नाम के समान नही थे। वह नये नाम हैं, पाने वाले के सिवाय और कोई नही जान सकेगा। 

(प्रकाशितवाक्य 2:17) “जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उस को मैं गुप्त मन्ना में से दूँगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पाने वाले के सिवाय और कोई न जानेगा।”

परमेश्वर के वचन में लिखा है, यह हमें आश्चर्ययकित किया “तौभी इस से आनन्दित मत हो, कि आत्मा तुम्हारे वश में हैं, परन्तु इस से आनन्दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं।” (लूका 10:20) वहाँ बहुँत से कुर्सीयाँ थी। वहाँ पर्याप्त स्थान है, उनके लिए जो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना चाहते हैं। वहाँ ऐसी भी कुर्सीयाँ थी, जिसे मेज से हटा दिया गया। इसका मतलब है, जो पुरुष, स्त्री परमेश्वर की सेवा करने से शिथिल हो गए हैं, और उनके नाम जीवन की पुस्तक में से काट दिया जाएगा, और उनको मेमने के ब्याह के भोज से हटा दिया जाएगा।

परमेश्वर हमें बाईबल के व्यक्ति को देखने की अनुमति दिए। संतों के विषय में हम वचनों में पढ़ते हैं। हम इब्राहिम को देखकर अचंभित थे। इब्राहिम बुजुर्ग हैं, परंतु उनके शरीर से नही और नाहीं उनके रंग-रुप से। वे बड़े हैं बुद्धी से जो उनके पास है। इब्राहिम के पूरे बाल सफेद है, परंतु हर एक बाल काँच या हीरे के समान है। 

हमें सबसे ज्यादा अचंभित इसने किया कि वे हमसे भी जवान (कम उम्र) के हैं। स्वर्ग में, हम सब नये और जवान हो जाएगें। हम उसके शब्दों से भी अचंभित थे। इब्राहिम हमें ऐसा कुछ बताया कि हम कभी भूल नही सकते। उसने स्वर्ग के राज्य में हमारा स्वागत किया, और हमें बताया कि जल्दी ही हम इस स्थान में होगें, क्योंकि प्रभु यीशु मसीह का आगमन अति शीघ्र होने वाला है।

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