रूत की पुस्तक का सर्वेक्षण (Survey of the Book of Ruth)

1️ पुस्तक का परिचय (Introduction)

रूत की पुस्तक बाइबल की एक अनूठी ऐतिहासिक पुस्तक है, जो एक गैर-इस्राएली महिला की परमेश्वर के प्रति भक्ति और विश्वास को दर्शाती है। यह पुस्तक न्यायियों के समय की घटनाओं का वर्णन करती है और दिखाती है कि कैसे एक मूआबी स्त्री (रूत) परमेश्वर की योजना का हिस्सा बन गई और अंततः मसीह के वंश की पूर्वज बनी।

📌 लेखक:
परंपरागत रूप से माना जाता है कि इस पुस्तक को भविष्यवक्ता शमूएल ने लिखा।

📌 लिखने का समय:
लगभग 1011-931 ईसा पूर्व, राजा सुलेमान के राज्यकाल के शुरुआती वर्षों में।

📌 ऐतिहासिक संदर्भ:
यह पुस्तक न्यायियों के दिनों में घटित होती है, जब इस्राएल में अराजकता का दौर था। यह दर्शाती है कि कैसे परमेश्वर अपने लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर आशीष देता है, भले ही राष्ट्र में अव्यवस्था हो।


2️ मुख्य विषय (Themes of Ruth)

परमेश्वर की भलाई और व्यवस्थापरमेश्वर अपने वफादार लोगों का मार्गदर्शन और सुरक्षा करता है।
भक्ति और प्रेमरूत की नाओमी के प्रति वफादारी प्रेम और आत्मसमर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मुक्तिदाता संबंधी विवाह (Kinsman Redeemer)बूआज़ का रूत से विवाह मसीह की उद्धारकर्ता भूमिका को दर्शाता है।
जातीय समावेशयह दर्शाता है कि परमेश्वर केवल इस्राएलियों तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य जातियों को भी अपने राज्य में स्थान देता है।
मसीही वंश का प्रारंभरूत दाऊद की परदादी थी और मसीह के वंश की पूर्वज बनी।


3️ पुस्तक की संरचना (Outline of Ruth)

खंड

विवरण

अध्याय

भाग 1

नाओमी का परिवार मूआब में जाता है

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भाग 2

रूत की भक्ति और बूआज़ से भेंट

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भाग 3

रूत का प्रस्ताव और बूआज़ की स्वीकृति

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भाग 4

विवाह, उद्धार और वंशावली

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4️ प्रमुख घटनाएँ और शिक्षाएँ (Key Events and Lessons in Ruth)

📍 नाओमी का परिवार मूआब जाता है (अध्याय 1)अकाल के कारण एलीमेलेक अपने परिवार के साथ मूआब चला जाता है। उनके पुत्र मूआबी स्त्रियों से विवाह करते हैं, लेकिन एलीमेलेक और उसके पुत्र मर जाते हैं।

📍 रूत का नाओमी के प्रति प्रेम (अध्याय 1:16-17)रूत अपनी सास नाओमी को नहीं छोड़ती और कहती है, तेरा लोग मेरा लोग, तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।”

📍 रूत का खेतों में अन्न बीनना (अध्याय 2)वह बूआज़ के खेत में काम करती है, जो उसके पति का रिश्तेदार होता है।

📍 बूआज़ की भलाई और उद्धार (अध्याय 3-4)बूआज़ विवाह करके रूत का उद्धारकर्ता बनता है, जिससे ओबेद जन्म लेता है, जो राजा दाऊद का दादा था।


5️ मसीही भविष्यवाणियाँ (Messianic Prophecies in Ruth)

📍 बूआज़ – उद्धारकर्ता संबंधी चित्र (Kinsman Redeemer)बूआज़ का रूत को अपनाना मसीह द्वारा कलीसिया को अपनाने का प्रतीक है।

📍 मसीह के वंश की स्थापना (रूत 4:17) – “ओबेद ईशै का पिता हुआ, और ईशै दाऊद का पिता हुआ।” यही वंश यीशु मसीह तक जाता है।


6️ आत्मिक शिक्षाएँ (Spiritual Lessons from Ruth)

भक्ति और विश्वास: रूत की वफादारी दिखाती है कि परमेश्वर निष्ठावान लोगों को आशीष देता है।
परमेश्वर की योजना: भले ही परिस्थितियाँ प्रतिकूल हों, परमेश्वर के मार्गदर्शन से सब कुछ भला होता है।
मुक्तिदाता मसीह का चित्रण: जैसे बूआज़ ने रूत को अपनाया, वैसे ही यीशु हमें उद्धार देते हैं।
नारी की भूमिका: यह पुस्तक दर्शाती है कि एक स्त्री की भक्ति और आत्मसमर्पण पूरे इतिहास को बदल सकता है।


7️ निष्कर्ष (Conclusion)

रूत की पुस्तक दिखाती है कि परमेश्वर अपने लोगों के प्रति विश्वासयोग्य है और उनकी छोटी-छोटी भक्ति की क्रियाओं को भी अनन्तकालीन आशीष में बदल सकता है। यह पुस्तक उद्धारकर्ता के रूप में मसीह के कार्यों का प्रतीक भी है।


🔎 अध्ययन प्रश्न (Study Questions)

 

1️ नाओमी और रूत ने मूआब से इस्राएल लौटने का निर्णय क्यों लिया?
2️
रूत ने नाओमी के साथ रहने का क्या कारण बताया? (रूत 1:16-17)
3️
बूआज़ ने रूत को अपनाने का क्या कारण बताया?
4️
रूत के वंश से कौन-कौन से प्रमुख बाइबलीय व्यक्ति उत्पन्न हुए?
5️
बूआज़ का रूत को अपनाना मसीह के उद्धार कार्य का कैसे प्रतीक है?