Christianity

यीशु मसीह के चेलों की शहादत | कैसे हुई 12 चेलों मृत्यु?

यीशु मसीह के शिष्य (Disciples of Jesus) उनके करीबी अनुयायी थे, जिन्होंने प्रभु के सुसमाचार (Gospel) को पूरी दुनिया में फैलाने का कार्य किया। उनके जीवन का अंत ज्यादातर शहादत (Martyrdom) के रूप में हुआ। उन्होंने अपने विश्वास के लिए क्रूर यातनाएँ सही और अंततः मृत्यु को गले लगाया। इस…
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शुरुआती मसीहियों का सताव | निर्दयी सम्राट और कलीसिया पर उनके अत्याचार

यीशु मसीह के अनुयायियों ने शुरुआत से ही कड़ी परीक्षा और उत्पीड़न (Persecution) का सामना किया। यह उत्पीड़न मुख्य रूप से यहूदी धार्मिक नेताओं और रोमन सम्राटों द्वारा किया गया था। प्रारंभिक मसीही समुदाय के लिए यह समय अत्यंत कठिन था, क्योंकि उन्हें अपने विश्वास के कारण क्रूर यातनाएँ झेलनी…
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कॉन्सटैंटाइन महान: वह सम्राट जिसने ईसाई धर्म का भविष्य बदला

सम्राट कॉन्सटैंटाइन महान – ईसाई इतिहास में एक युगांतकारी परिवर्तन कॉन्सटैंटाइन महान (Constantine the Great) ईसाई इतिहास के सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक थे। उन्होंने न केवल रोमन साम्राज्य पर शासन किया, बल्कि ईसाई धर्म को कानूनी मान्यता देकर पूरे इतिहास की दिशा बदल दी। उनकी नीतियों और कार्यों…
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बाइबल से जानें दुष्टआत्माएँ कितने प्रकार की होती हैं।

भावी कहने की दुष्टआत्मा “भावी कहने वाली आत्मा” (spirit of divination) का उल्लेख नए नियम में प्रेरितों के काम 16:16-18 में मिलता है। यह घटना फिलिप्पी नगर में घटित होती है जहाँ प्रेरित पौलुस और सीलास प्रचार कार्य कर रहे थे। बाइबल सन्दर्भ: प्रेरितों के काम 16:16-18 “जब हम प्रार्थना…
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