मनुष्य का सिद्धांत, जिसे Anthropology कहा जाता है, बाइबल में मनुष्य की उत्पत्ति, प्रकृति, उद्देश्य और उसके परमेश्वर के साथ संबंध को स्पष्ट करता है। यह विषय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कौन हैं, क्यों बनाए गए, और पाप का हम पर क्या प्रभाव है। यह हमें परमेश्वर की योजना के अनुसार अपनी भूमिका को समझने और उसके अनुसार जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन देता है।
मनुष्य की उत्पत्ति
(i) मनुष्य का निर्माण
(ii) मनुष्य की दोहरी प्रकृति
(iii) मनुष्य की विशिष्टता
पाप और पतन
(i) आदम और हव्वा का पाप
(ii) पाप के परिणाम
(iii) पाप के प्रभाव
उद्धार की आवश्यकता
मनुष्य का उद्देश्य और परमेश्वर के साथ संबंध
(i) मनुष्य का उद्देश्य
(ii) मनुष्य और परमेश्वर का मेल-मिलाप
मसीह में नया जीवन
मनुष्य का सिद्धांत बाइबल में एक महत्वपूर्ण विषय है, जो हमें सिखाता है कि हम परमेश्वर की छवि में बनाए गए हैं, लेकिन पाप के कारण उससे अलग हो गए। मसीह के द्वारा उद्धार संभव है और हर विश्वासी को परमेश्वर की इच्छा के अनुसार जीना चाहिए। इस सिद्धांत को समझना हमें अपने जीवन के उद्देश्य और परमेश्वर की योजना को जानने में मदद करता है।

