उद्धार और धार्मिकता का सिद्धांत बाइबल में बहुत महत्वपूर्ण है। उद्धार हमें पाप के बंधन से छुड़ाता है और धार्मिकता हमें परमेश्वर के सामने शुद्ध और स्वीकार्य बनाती है। यह विषय हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कैसे परमेश्वर के अनुग्रह से उद्धार प्राप्त कर सकते हैं और मसीही जीवन में धार्मिकता में बढ़ सकते हैं।
2. उद्धार क्या है?
(i) उद्धार की परिभाषा
- उद्धार का अर्थ है पाप से मुक्ति और अनंत जीवन प्राप्त करना।
- रोमियों 6:23: “क्योंकि पाप की मजदूरी मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन है।”
(ii) उद्धार की आवश्यकता
- हर मनुष्य पापी है और उसे उद्धार की आवश्यकता है। (रोमियों 3:23)
- बिना उद्धार के मनुष्य परमेश्वर के न्याय के अधीन रहता है। (यूहन्ना 3:18)
(iii) उद्धार का मार्ग
- उद्धार केवल यीशु मसीह के द्वारा संभव है। (यूहन्ना 14:6)
- यह अनुग्रह के द्वारा विश्वास से प्राप्त होता है, न कि कर्मों से। (इफिसियों 2:8-9)
3. धार्मिकता क्या है?
(i) धार्मिकता की परिभाषा
- धार्मिकता का अर्थ है परमेश्वर की दृष्टि में निर्दोष और शुद्ध होना।
- मत्ती 5:6: “धन्य हैं वे जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किए जाएंगे।”
(ii) धार्मिकता कैसे प्राप्त होती है?
- यीशु मसीह के द्वारा धार्मिकता
- जब हम मसीह में विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर हमें धार्मिक ठहराता है। (2 कुरिन्थियों 5:21)
- इसे ‘विनिमय सिद्धांत‘ कहा जाता है – हमारे पाप यीशु मसीह ने उठा लिए, और उसकी धार्मिकता हमें दी गई।
- विश्वास द्वारा धार्मिकता
- अब्राहम को उसके विश्वास के कारण धार्मिक गिना गया। (उत्पत्ति 15:6, रोमियों 4:3)
- हमारी धार्मिकता भी हमारे कर्मों पर नहीं, बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह और विश्वास पर आधारित है। (रोमियों 5:1)
- पवित्र आत्मा के द्वारा धार्मिकता
- पवित्र आत्मा हमें धार्मिक जीवन जीने की शक्ति देता है। (गलातियों 5:16)
- आत्मा का फल धार्मिकता का प्रमाण है। (गलातियों 5:22-23)
4. धार्मिक जीवन कैसे जिएं?
(i) पवित्रता में बढ़ना
- उद्धार के बाद, हमें पवित्र जीवन जीने के लिए बुलाया गया है। (1 पतरस 1:15-16)
- धार्मिकता में बढ़ना एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें परमेश्वर का वचन, प्रार्थना, और आत्मिक संगति आवश्यक हैं। (2 तीमुथियुस 3:16-17)
(ii) आत्मिक युद्ध और विजय
- संसार, शरीर, और शैतान के खिलाफ लड़ाई में हमें आत्मिक हथियारों की आवश्यकता है। (इफिसियों 6:12-18)
- परमेश्वर की शक्ति से हम पाप और बुरी आदतों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। (रोमियों 8:37)
5. सामान्य प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: उद्धार क्या है और यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर: उद्धार का अर्थ है पाप से छुटकारा और अनन्त जीवन की प्राप्ति। यह आवश्यक है क्योंकि सभी मनुष्य पापी हैं और केवल यीशु मसीह के माध्यम से ही उद्धार संभव है। (रोमियों 3:23, यूहन्ना 14:6)
प्रश्न 2: क्या उद्धार कर्मों से प्राप्त होता है?
उत्तर: नहीं, उद्धार केवल अनुग्रह के द्वारा विश्वास से प्राप्त होता है, न कि कर्मों से। (इफिसियों 2:8-9)
प्रश्न 3: धार्मिकता कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर: धार्मिकता केवल यीशु मसीह में विश्वास द्वारा प्राप्त होती है। जब हम मसीह पर विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर हमें धार्मिक ठहराता है। (2 कुरिन्थियों 5:21)
प्रश्न 4: उद्धार पाने के बाद क्या धार्मिकता में बढ़ना आवश्यक है?
उत्तर: हां, उद्धार के बाद हमें धार्मिकता में बढ़ने और पवित्र जीवन जीने के लिए बुलाया गया है। (1 पतरस 1:15-16)
प्रश्न 5: क्या धार्मिक जीवन जीना कठिन है?
उत्तर: हां, लेकिन पवित्र आत्मा हमें शक्ति देता है ताकि हम धार्मिक जीवन जी सकें। (गलातियों 5:16)
6. निष्कर्ष
उद्धार और धार्मिकता मसीही विश्वास के मूलभूत सिद्धांत हैं। उद्धार हमें पाप से मुक्त करता है और धार्मिकता हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन जीने में सक्षम बनाती है। उद्धार केवल मसीह में विश्वास के द्वारा प्राप्त होता है और धार्मिकता में निरंतर बढ़ना एक मसीही जीवन की पहचान है। हमें पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलते हुए धार्मिकता में बढ़ते रहना चाहिए ताकि हम परमेश्वर की महिमा कर सकें।