1️ पुस्तक का परिचय (Introduction)
इफिसियों की पुस्तक पौलुस प्रेरित द्वारा लिखी गई एक पत्री है, जिसमें उन्होंने मसीही विश्वासियों को उनके आत्मिक आशीर्वाद, मसीह में उनकी नई पहचान और आत्मिक युद्ध के बारे में सिखाया। यह पत्री न केवल व्यक्तिगत विश्वासियों के लिए, बल्कि पूरी कलीसिया के लिए भी निर्देश देती है।
लेखक:
पौलुस प्रेरित (इफिसियों 1:1)
लिखने का समय:
लगभग 60-62 ईस्वी (रोम में कैद के दौरान लिखी गई)
मुख्य उद्देश्य:
मसीह में विश्वासियों की आत्मिक स्थिति को समझाना।
कलीसिया की एकता और उसके महत्व को स्पष्ट करना।
आत्मिक युद्ध और शैतान के हथकंडों के खिलाफ तैयार रहना।
मसीही जीवन में प्रेम, नम्रता और पवित्रता बनाए रखना।
2️ मुख्य विषय (Themes of Ephesians)
मसीह में हमारी आत्मिक आशीषें।
कलीसिया की एकता – मसीह का शरीर।
मसीही जीवन की पवित्रता और नया स्वभाव।
मसीही विवाह और परिवार का सिद्धांत।
आत्मिक युद्ध और परमेश्वर के हथियार।
3️ पुस्तक की संरचना (Outline of Ephesians)
खंड | विवरण | अध्याय |
भाग 1 | मसीह में विश्वासियों की आत्मिक आशीषें | 1-3 |
भाग 2 | मसीही जीवन का व्यवहारिक पक्ष | 4-6 |
भाग 3 | आत्मिक युद्ध और परमेश्वर के हथियार | 6 |
4️ प्रमुख शिक्षाएँ (Key Teachings in Ephesians)
इफिसियों 1:3 – “हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में हर प्रकार की आत्मिक आशीष दी।”
इफिसियों 2:8-9 – “क्योंकि अनुग्रह ही से तुम विश्वास के द्वारा उद्धार पाए हो, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, यह परमेश्वर का दान है।”
इफिसियों 2:19-20 – “इसलिए अब तुम विदेशी और परदेसी नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी नागरिक और परमेश्वर के घराने के हो गए हो।”
इफिसियों 4:22-24 – “तुम ने पुराने मनुष्यत्व को… उतार डाला और नए मनुष्यत्व को पहना है।”
इफिसियों 5:25 – “हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम रखो, जैसा कि मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया।”
इफिसियों 6:10-11 – “प्रभु में और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो। परमेश्वर के सारे हथियार बाँध लो, कि तुम शैतान की युक्तियों के सामने स्थिर रह सको।”
5️ आत्मिक शिक्षाएँ (Spiritual Lessons from Ephesians)
विश्वासियों को मसीह में अपनी आत्मिक आशीषों को पहचानना चाहिए।
हम मसीह में एक नया जीवन पाते हैं और पुराने स्वभाव को छोड़ते हैं।
परमेश्वर की योजना केवल व्यक्तिगत उद्धार नहीं, बल्कि पूरी कलीसिया के लिए है।
शैतान के खिलाफ आत्मिक युद्ध के लिए हमें परमेश्वर के सारे हथियार पहनने चाहिए।
मसीही विवाह और परिवार में मसीह का प्रेम और आदर्श प्रतिबिंबित होना चाहिए।
6️ प्रमुख पात्र (Key Figures in Ephesians)
पौलुस प्रेरित – इस पत्री के लेखक, जिन्होंने मसीही जीवन की गहरी सच्चाइयाँ सिखाईं।
इफिसुस के विश्वासियों – वे मसीही जिनके लिए यह पत्री लिखी गई, जो अपनी आत्मिक आशीषों को नहीं पहचान रहे थे।
यीशु मसीह – कलीसिया के सिर (मुख्य) और उद्धार का स्रोत।
शैतान और उसकी युक्तियाँ – जिससे बचने के लिए आत्मिक युद्ध आवश्यक है।
7️ मसीही भविष्यवाणियाँ (Messianic Prophecies in Ephesians)
इफिसियों 1:10 – “कि वह समय पूरा होने पर मसीह में सब चीज़ों को इकट्ठा करे।” – यह मसीह के दूसरे आगमन की ओर संकेत करता है।
इफिसियों 2:14 – “क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर दिया।” – यह मसीह के क्रूस पर किए गए कार्य को दर्शाता है।
इफिसियों 5:27 – “कि वह अपनी कलीसिया को तेजस्वी बना कर अपने सामने खड़ी करे।” – यह मसीह की कलीसिया की पूर्णता को दर्शाता है।
8️ निष्कर्ष (Conclusion)
इफिसियों की पुस्तक हमें मसीह में हमारी आत्मिक आशीषों, कलीसिया की महिमा, और आत्मिक युद्ध की सच्चाई को समझने में मदद करती है। यह हमें परमेश्वर की बुलाहट के अनुसार चलने, प्रेम में बढ़ने और शैतान के विरुद्ध आत्मिक रूप से तैयार रहने की प्रेरणा देती है।
अध्ययन प्रश्न (Study Questions)
1️ इफिसियों 1:3 के अनुसार, मसीह में हमें कौन-कौन सी आत्मिक आशीषें मिली हैं?
2️ इफिसियों 2:8-9 हमें उद्धार के बारे में क्या सिखाते हैं?
3️ “परमेश्वर के सारे हथियार” (इफिसियों 6:10-18) में कौन-कौन से हथियार शामिल हैं?
4️ मसीही विवाह में पति और पत्नी का क्या कर्तव्य है (इफिसियों 5:22-33)?