उत्पत्ति अध्याय 28 – याकूब का भागना और परमेश्वर की प्रतिज्ञा

  • Home
  • Content
  • Quiz
  • Old Testament
  • Genesis
  • उत्पत्ति अध्याय 28 – याकूब का भागना और परमेश्वर की प्रतिज्ञा

इसहाक का याकूब को आशीर्वाद और आज्ञा

¹ तब इसहाक ने याकूब को बुलाया, उसे आशीर्वाद दिया और कहा, “तू किसी कनानी स्त्री से विवाह न कर। ² उठ और पदन-अराम चला जा, जहाँ तेरी माता के पिता बथूएल का घर है, और वहाँ अपने मामा लाबान की बेटियों में से किसी से विवाह कर।”

³ परमेश्वर सर्वशक्तिमान तुझे आशीर्वाद दे और तुझे बढ़ाए, जिससे तू एक बड़ी सभा बन जाए। वह तुझे और तेरे वंश को अब्राहम का आशीर्वाद दे, ताकि तू इस भूमि का अधिकारी बने, जिसे परमेश्वर ने अब्राहम को दिया था।”

तब इसहाक ने याकूब को पदन-अराम भेजा। याकूब वहाँ अपने मामा लाबान के पास गया, जो उसकी माँ रिबका के भाई और अरामी बथूएल का पुत्र था।

एसाव का एक और विवाह करना

जब एसाव ने देखा कि इसहाक ने याकूब को पदन-अराम भेजा और उसे कनानी स्त्रियों से विवाह न करने को कहा, तब उसे एहसास हुआ कि कनानी स्त्रियाँ उसके पिता को अप्रिय थीं। इसलिए उसने इश्माएल की बेटी महलत से विवाह कर लिया, जो इश्माएल का पुत्र नेबायोत की बहन थी।

याकूब का बैतएल में स्वप्न देखना

¹ याकूब बेर्शेबा से निकलकर हारान की ओर चला। ¹¹ रास्ते में, जब सूर्य डूब गया, तो उसने वहीं एक स्थान पर रात बिताने के लिए एक पत्थर सिरहाने रखा और लेट गया।

¹² उसने स्वप्न में देखा कि एक सीढ़ी पृथ्वी से स्वर्ग तक जाती है, और परमेश्वर के स्वर्गदूत उस पर चढ़-उतर रहे हैं। ¹³ फिर यहोवा वहाँ खड़ा होकर बोला,
मैं यहोवा हूँ, तेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक का परमेश्वर। मैं वह भूमि तुझे और तेरे वंश को दूँगा, जिस पर तू लेटा हुआ है। ¹
तेरा वंश धूल के कणों के समान बढ़ेगा और तू पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण फैलेगा। और पृथ्वी के सभी लोग तेरे और तेरे वंश के कारण आशीष पाएँगे। ¹ मैं तेरे साथ हूँ, जहाँ भी जाएगा तुझे सुरक्षित रखूँगा और इस देश में लौटा लाऊँगा। मैं तुझे तब तक नहीं छोड़ूँगा जब तक मेरी प्रतिज्ञाएँ पूरी न हो जाएँ।”

याकूब की परमेश्वर से प्रतिज्ञा

¹ जब याकूब जागा, तो उसने कहा, “निश्चय ही यहोवा इस स्थान में है, पर मुझे इसका ज्ञान न था!” ¹ वह भयभीत हुआ और बोला, “यह स्थान कितना भयानक है! यह परमेश्वर का घर और स्वर्ग का द्वार है।”

¹ उसने अपने सिरहाने के पत्थर को खड़ा किया और उस पर तेल डालकर उसे पवित्र किया। ¹ उसने उस स्थान का नाम बैतएल रखा, जिसका अर्थ है परमेश्वर का घर”, हालाँकि पहले वह स्थान लूज कहलाता था।

² फिर याकूब ने यह प्रतिज्ञा की,
यदि परमेश्वर मेरे साथ रहेगा, मुझे सुरक्षा देगा, भोजन और वस्त्र प्रदान करेगा, ²¹ और मैं सुरक्षित अपने पिता के घर लौटूँ, तो यहोवा ही मेरा परमेश्वर होगा। ²² और यह पत्थर जो मैंने खड़ा किया है, परमेश्वर का घर बनेगा। और मैं अपनी सभी वस्तुओं का दसवाँ भाग तुझे दूँगा।”


उत्पत्ति अध्याय 28 से संबंधित महत्वपूर्ण सीख

  1. परमेश्वर की योजना स्पष्ट होती है। याकूब को आशीर्वाद मिला, और परमेश्वर ने उसे महान बनाने की प्रतिज्ञा की।
  2. परमेश्वर कभी नहीं छोड़ता। याकूब अकेला और भयभीत था, लेकिन परमेश्वर ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसके साथ रहेगा।
  3. परमेश्वर हर जगह मौजूद है। याकूब को बैतएल में एहसास हुआ कि परमेश्वर वहाँ भी था।
  4. हमारी प्रतिज्ञाएँ परमेश्वर के प्रति हमारी निष्ठा दर्शाती हैं। याकूब ने परमेश्वर से वचन दिया कि वह उसके प्रति समर्पित रहेगा।

उत्पत्ति अध्याय 28 से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न 1: इसहाक ने याकूब को कहाँ भेजा और क्यों?
उत्तर: इसहाक ने याकूब को पदन-अराम भेजा ताकि वह वहाँ अपने मामा लाबान के घर से पत्नी चुने, न कि कनानी स्त्रियों में से।

प्रश्न 2: एसाव ने इसहाक की पसंद को देखकर क्या किया?
उत्तर: जब एसाव ने देखा कि कनानी स्त्रियाँ उसके पिता को अप्रिय थीं, तो उसने इश्माएल की बेटी महलत से विवाह कर लिया।

प्रश्न 3: याकूब ने स्वप्न में क्या देखा?
उत्तर: उसने एक सीढ़ी देखी जो पृथ्वी से स्वर्ग तक जाती थी, और परमेश्वर के स्वर्गदूत उस पर चढ़-उतर रहे थे।

प्रश्न 4: बैतएल का क्या अर्थ है, और इसे पहले क्या कहा जाता था?
उत्तर: बैतएल का अर्थ परमेश्वर का घर” है, और इसे पहले लूज कहा जाता था।

प्रश्न 5: याकूब ने परमेश्वर से क्या प्रतिज्ञा की?
उत्तर: यदि परमेश्वर उसकी रक्षा करेगा और उसे भोजन, वस्त्र और सुरक्षा देगा, तो वह यहोवा को अपना परमेश्वर मानेगा और अपनी संपत्ति का दसवाँ भाग देगा।

 

 

Stay Updated with NewLetter SignUp

अपना ईमेल भरें ताकि नये पोस्ट आप तक सबसे पहले पहुचें
Support Us: GPay; PayTM; PhonePe; 9592485467
Stay Updated with NewLetter SignUp