प्रेरितों के काम की प्रथम कलीसिया से लेकर वर्त्तमान समय तक परमेश्वर अद्भुद कार्यों और चँगाईयों के द्वारा उनकी उपस्थिति को अपने लोगों के बीच दर्शाते रहे हैं। पवित्र लोगों में अनेकों गवाहियां (Testimony) उनके जीवन में देखी और सुनी जा सकती हैं. बहुत सी कलीसियाओं में देखा जाता है की जब विश्वासी गवाही (Testimony) देते हैं तो वे गवाही में पहले उस व्यक्ति का नाम लेते हैं जिसने उनके लिए प्रार्थना किया या जिसकी प्रार्थना के द्वारा आशीष मिली, क्योंकि ऐसा ही करने को सिखाया जाता है।
पर क्या ये सही तरीका है ?
जब भी आप गवाही देते हैं तो किस बात की गवाही (Testimony) देते हैं ? इस बात की परमेश्वर ने आपके जीवन में कैसा अद्भुद कार्य किया। और इसके लिए आप परमेश्वर को महिमा देते और गवाही देते हैं।
पर क्या आप जानते हैं यदि आप अपनी गवाही में परमेश्वर के अतिरिक्त किसी भी अन्य का नाम लेते हैं तो आप परमेश्वर की महिमा को चुराते हैं। ये ऐसा हैं जैसे आप एक फूटे हुए बर्तन में तेल देते हैं।
जब भी आप परमेश्वर को महिमा देते हैं तो वह दोषरहित और पवित्र और पूर्णतः परमेश्वर ही की महिमा के लिए होनी चाहिए। क्योंकि केवल और केवल परमेश्वर ही सारी महिमा के योग्य है और पर्मेश्ववर अपने वचन में कहते हैं, अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूंगा॥ (यशायाह 48:10-11)
यदि आप भी इस ही प्रकार से गवाही (Testimony) देते आये हैं तो आज जी परमेश्वर से माफ़ी मांगे और अगली बार जब भी आप गवाही दें तो सिर्फ और सिर्फ परमेश्वर की ही महिमा करें।
Bible Verses on Testimony Sharing
यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो।
1 इतिहास 16:29
सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
1 कुरिन्थियों 10:31
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें॥
मत्ती 5:16
देख, मैं ने तुझे निर्मल तो किया, परन्तु, चान्दी की नाईं नहीं; मैं ने दु:ख की भट्ठी में परखकर तुझे चुन लिया है। अपने निमित्त, हां अपने ही निमित्त मैं ने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूंगा॥
यशायाह 48:10-11
परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिस ने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।
2 पतरस 1:3
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन॥
1 पतरस 4:11
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में, ज्ञान और प्रकाश का आत्मा दे।
इफिसियों 1:17-21
हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥
प्रकाशित वाक्य 4:11
हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है।
1 इतिहास 29:11
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन॥
इफिसियों 3:21
जो काम तू ने मुझे करने को दिया था, उसे पूरा करके मैं ने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है। और अब, हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत के होने से पहिले, मेरी तेरे साथ थी।
यूहन्ना 17:4-5