1. मत्ती रचित सुसमाचार (Gospel of Matthew)
✍ लेखक: प्रेरित मत्ती | 🕰 समय: 50-60 ईस्वी
📖 परिचय: यह सुसमाचार यीशु को यहूदी मसीहा के रूप में प्रस्तुत करता है और उसके उपदेशों, चमत्कारों, और क्रूस पर चढ़ाए जाने का विवरण देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: मसीह का जन्म, पहाड़ी उपदेश, क्रूस और पुनरुत्थान, स्वर्ग का राज्य।
2. मरकुस रचित सुसमाचार (Gospel of Mark)
✍ लेखक: यूहन्ना मरकुस | 🕰 समय: 55-65 ईस्वी
📖 परिचय: यह सबसे संक्षिप्त सुसमाचार है, जो यीशु की सेवकाई और उसके कार्यों पर केंद्रित है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: यीशु के चमत्कार, सेवक के रूप में मसीह, क्रूस और पुनरुत्थान।
3. लूका रचित सुसमाचार (Gospel of Luke)
✍ लेखक: डॉक्टर लूका | 🕰 समय: 60-70 ईस्वी
📖 परिचय: यह सुसमाचार विस्तृत और ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत करता है, जिसमें यीशु की करुणा और उद्धार योजना को दर्शाया गया है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: यीशु का जन्म, करुणा और दया, भटके हुओं को खोजना और उद्धार देना।
4. यूहन्ना रचित सुसमाचार (Gospel of John)
✍ लेखक: प्रेरित यूहन्ना | 🕰 समय: 80-90 ईस्वी
📖 परिचय: यह सुसमाचार यीशु की दिव्यता और उद्धारकर्ता के रूप में उसकी भूमिका पर बल देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: यीशु परमेश्वर का पुत्र है, “मैं हूँ” कथन, अनंत जीवन का संदेश।
5. प्रेरितों के काम (Acts of the Apostles)
✍ लेखक: लूका | 🕰 समय: 63-70 ईस्वी
📖 परिचय: यह पुस्तक प्रारंभिक कलीसिया की स्थापना और पवित्र आत्मा के कार्यों का विवरण देती है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: पेंतेकोस्त का दिन, पौलुस और पतरस की सेवकाई, कलीसिया की वृद्धि।
6. रोमियों को पत्र (Romans)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 57-58 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र विश्वास द्वारा धर्मी ठहरने और उद्धार की गहरी समझ देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: पाप, उद्धार, अनुग्रह, और विश्वास द्वारा धार्मिकता।
7. 1 कुरिन्थियों को पत्र (1 Corinthians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 55 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र कुरिन्थ की कलीसिया की समस्याओं को संबोधित करता है और आत्मिक एकता पर बल देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: प्रेम का अध्याय (1 कुरिन्थियों 13), आत्मिक वरदान, पुनरुत्थान।
8. 2 कुरिन्थियों को पत्र (2 Corinthians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 56 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र कलीसिया में सेवा, धैर्य और परमेश्वर की शक्ति के बारे में सिखाता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: सेवा का मूल्य, आत्मिक संघर्ष, परमेश्वर की कृपा।
9. गलातियों को पत्र (Galatians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 49-55 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र अनुग्रह और विश्वास द्वारा उद्धार को स्पष्ट करता है, न कि व्यवस्था के कार्यों से।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: आत्मिक स्वतंत्रता, विश्वास द्वारा उद्धार, आत्मा का फल।
10. इफिसियों को पत्र (Ephesians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 60-62 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र कलीसिया के शरीर, आत्मिक युद्ध और मसीही जीवन के विषय में बताता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: मसीह में हमारी पहचान, आत्मिक कवच, कलीसिया की एकता।
11. फिलिप्पियों को पत्र (Philippians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 61-62 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र आनन्द, कृतज्ञता और मसीही जीवन की पूर्णता के बारे में सिखाता है, जिसे पौलुस ने जेल में रहते हुए लिखा था।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: मसीह में आनंद, आत्मिक परिपक्वता, नम्रता, और मसीही जीवन में स्थिरता।
12. कुलुस्सियों को पत्र (Colossians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 60-62 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र मसीह की सर्वोच्चता और विश्वासियों के नए जीवन के बारे में सिखाता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: मसीह की महिमा, आत्मिक परिपक्वता, पुराना और नया जीवन।
13. 1 थिस्सलुनीकियों को पत्र (1 Thessalonians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 50-51 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र मसीही जीवन में पवित्रता और प्रभु यीशु के पुनः आगमन की आशा पर बल देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: विश्वासियों के लिए आशा, यीशु का पुनः आगमन, आत्मिक शुद्धता।
14. 2 थिस्सलुनीकियों को पत्र (2 Thessalonians)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 51-52 ईस्वी
📖 परिचय: इस पत्र में झूठे शिक्षकों के विरुद्ध चेतावनी दी गई है और मसीह के पुनः आगमन के बारे में स्पष्ट किया गया है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: मसीह का पुनरागमन, न्याय, विश्वास में दृढ़ता।
15. 1 तीमुथियुस को पत्र (1 Timothy)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 63-65 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र युवा पास्टर तीमुथियुस को कलीसिया की अगुवाई के लिए निर्देश देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: कलीसिया का प्रबंधन, विश्वास की रक्षा, आत्मिक नेतृत्व।
16. 2 तीमुथियुस को पत्र (2 Timothy)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 66-67 ईस्वी
📖 परिचय: पौलुस का अंतिम पत्र, जिसमें वह अपने जीवन के अंत के करीब आत्मिक धैर्य और दृढ़ता की शिक्षा देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: आत्मिक धैर्य, अच्छे सेवक की विशेषताएँ, सत्य की रक्षा।
17. तीतुस को पत्र (Titus)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 63-65 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र कलीसिया में अगुवों और विश्वासियों के चरित्र और आचरण पर बल देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: आत्मिक नेतृत्व, अच्छे कार्य, परमेश्वर की कृपा।
18. फिलेमोन को पत्र (Philemon)
✍ लेखक: प्रेरित पौलुस | 🕰 समय: 60-62 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र एक भगोड़े दास ओनेसिमुस की क्षमा और मसीह में भाईचारे को बढ़ावा देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: प्रेम और क्षमा, आत्मिक पुनर्स्थापन, मसीह में समानता।
19. इब्रानियों को पत्र (Hebrews)
✍ लेखक: अज्ञात (संभावित रूप से पौलुस या किसी अन्य प्रेरित का शिष्य) | 🕰 समय: 60-70 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र यहूदियों को संबोधित करता है और दिखाता है कि यीशु मसीह मूसा और पुरानी वाचा से श्रेष्ठ है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: यीशु महान महायाजक, विश्वास की शक्ति, नई वाचा।
20. याकूब का पत्र (James)
✍ लेखक: याकूब (यीशु का भाई) | 🕰 समय: 45-50 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र विश्वास और कर्मों के संतुलन की शिक्षा देता है और व्यावहारिक मसीही जीवन पर केंद्रित है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: विश्वास और कर्म, जीभ पर नियंत्रण, प्रार्थना की शक्ति।
21. 1 पतरस का पत्र (1 Peter)
✍ लेखक: प्रेरित पतरस | 🕰 समय: 60-65 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र सताव का सामना करने वाले विश्वासियों को धैर्य और आत्मिक शक्ति की शिक्षा देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: सताव में विश्वास, आत्मिक अनुशासन, परमेश्वर की कृपा।
22. 2 पतरस का पत्र (2 Peter)
✍ लेखक: प्रेरित पतरस | 🕰 समय: 65-68 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र झूठे शिक्षकों से बचाव और आत्मिक परिपक्वता पर बल देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: झूठी शिक्षाओं से बचाव, आत्मिक वृद्धि, मसीह का दूसरा आगमन।
23. 1 यूहन्ना का पत्र (1 John)
✍ लेखक: प्रेरित यूहन्ना | 🕰 समय: 85-95 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र प्रेम, आत्मिक सत्य और अनंत जीवन के बारे में सिखाता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: परमेश्वर का प्रेम, आत्मिक जांच, अनंत जीवन का आश्वासन।
24. 2 यूहन्ना का पत्र (2 John)
✍ लेखक: प्रेरित यूहन्ना | 🕰 समय: 85-95 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र झूठे शिक्षकों से सावधान रहने और सत्य में बने रहने का निर्देश देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: सत्य में जीवन, प्रेम की आज्ञा, झूठी शिक्षा से बचाव।
25. 3 यूहन्ना का पत्र (3 John)
✍ लेखक: प्रेरित यूहन्ना | 🕰 समय: 85-95 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र मसीही आतिथ्य और सेवा के विषय में शिक्षण देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: प्रेम और आतिथ्य, सत्य में चलना, बुराई से दूर रहना।
26. यहूदा का पत्र (Jude)
✍ लेखक: यहूदा (यीशु का भाई) | 🕰 समय: 65-80 ईस्वी
📖 परिचय: यह पत्र विश्वास की रक्षा और झूठे शिक्षकों के खिलाफ चेतावनी देता है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: विश्वास की रक्षा, झूठी शिक्षा से सावधान, परमेश्वर का न्याय।
27. प्रकाशितवाक्य (Revelation)
✍ लेखक: प्रेरित यूहन्ना | 🕰 समय: 90-95 ईस्वी
📖 परिचय: यह पुस्तक अंत समय की भविष्यवाणियों और मसीह की विजयी वापसी को दर्शाती है।
📜 मुख्य शिक्षाएँ: परमेश्वर की अंतिम योजना, कलीसिया का भविष्य, नया स्वर्ग और नई पृथ्वी।