🌟अध्याय की झलक: यह अध्याय एक अस्थायी “विराम” जैसा है — तुरहियों की न्यायकारी घटनाओं के बीच में परमेश्वर एक गुप्त संदेश और एक विशेष आदेश प्रकट करता है। यह अध्याय दिखाता है कि परमेश्वर की योजना पूरी हो रही है, और उसका वचन मीठा भी है और कठिन भी।
🔹1-4 पद: बलवान स्वर्गदूत और सात गरजनें
एक और बलवान स्वर्गदूत स्वर्ग से उतरा, बादल में लिपटा हुआ।
उसके सिर पर इंद्रधनुष था, और उसका मुख सूर्य के समान चमकता था।
उसके पाँव आग के खंभों जैसे थे।
उसके हाथ में एक खुली छोटी पुस्तक थी।
उसने अपना दायाँ पैर समुद्र पर और बाँया पैर पृथ्वी पर रखा।
वह सिंह के गर्जने जैसा जोर से चिल्लाया।
उसके चिल्लाने पर सात गरजनें बोल उठीं।
जब सात गरजनों ने बातें कीं, तो यूहन्ना उन्हें लिखने वाला था, लेकिन उसे आदेश दिया गया: “इन्हें न लिख।”
प्रतीक और उनके अर्थ:
बलवान स्वर्गदूत — संभवतः मसीह के प्रतिनिधि जैसा एक शक्तिशाली स्वर्गदूत।
बादल में लिपटा — दिव्यता और स्वर्गीय महिमा का चिन्ह।
इंद्रधनुष — परमेश्वर की वाचा और दया का प्रतीक।
मुख सूर्य सा — परमेश्वर की महिमा और न्याय का प्रकाश।
पाँव अग्नि के खंभे — स्थिरता और न्याय की शक्ति।
छोटी पुस्तक — विशेष संदेश, जो यूहन्ना के द्वारा लोगों तक पहुँचेगा।
समुद्र और पृथ्वी पर पैर — सम्पूर्ण सृष्टि पर अधिकार।
सात गरजनें — परमेश्वर के छिपे हुए रहस्य जो अभी उजागर नहीं किए जाने चाहिए।
☁️🌈🔥📖सीख: परमेश्वर कुछ रहस्य अभी भी हमारे लिए गुप्त रखता है।
🔹5-7 पद: शपथ और रहस्य का पूरा होना
स्वर्गदूत ने समुद्र और पृथ्वी की ओर हाथ उठाया और परमेश्वर की शपथ खाई:
“अब देर न होगी।”
सातवें स्वर्गदूत के तुरही फूँकते समय, परमेश्वर का रहस्य पूरा हो जाएगा — जैसे उसने अपने सेवक भविष्यद्वक्ताओं को बताया था।
प्रतीक और उनके अर्थ:
हाथ उठाकर शपथ लेना — अत्यंत गंभीर और अंतिम घोषणा।
अब देर न होगी — परमेश्वर की योजना शीघ्र पूरी होने वाली है।
रहस्य पूरा होना — उद्धार, न्याय और मसीह का राज्य स्थापन।
⏳🎺सीख: परमेश्वर अपनी समयसीमा के अनुसार अपने वचन को पूरा करता है।
🔹8-11 पद: छोटी पुस्तक को खाना
यूहन्ना को वही स्वर्गदूत आज्ञा देता है:
“जा, उस स्वर्गदूत के हाथ से छोटी पुस्तक ले ले।”
यूहन्ना ने पुस्तक ली और खा ली।
पुस्तक का स्वाद मुँह में मधु जैसा मीठा था, पर पेट में वह कड़वा बन गई।
फिर यूहन्ना से कहा गया: “तुझे फिर से बहुत से देशों, जातियों, भाषाओं और राजाओं के विषय में भविष्यवाणी करनी होगी।”
प्रतीक और उनके अर्थ:
पुस्तक को खाना — परमेश्वर का वचन पूरी तरह आत्मसात करना।
मीठा मुँह में — परमेश्वर का वचन सुनना आनंददायक है।
कड़वा पेट में — वचन का संदेश कठिनाइयों, पीड़ा और न्याय से भरा हो सकता है।
भविष्यवाणी करना — परमेश्वर का संदेश पूरी दुनिया में प्रचारित करना।
🍯📖😖सीख: परमेश्वर का वचन सच्चा आनंद देता है, पर उसे जीना और प्रचार करना बलिदान मांगता है।
✅इस अध्याय से क्या सिखें? ✝️परमेश्वर के रहस्य पूरी तैयारी से पूरे होते हैं। ✝️हमें वचन को न केवल जानना, बल्कि उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। ✝️परमेश्वर का संदेश प्रचार करना कभी-कभी कठिन होता है, लेकिन यह आवश्यक है। ✝️परमेश्वर ने सब कुछ समयबद्ध किया है — सब कुछ उसकी योजना के अनुसार होगा।
📌याद रखने योग्य वचन: “तुझे फिर से बहुत से देशों, जातियों, भाषाओं और राजाओं के विषय में भविष्यवाणी करनी होगी।” (प्रकाशित वाक्य 10:11)