अध्याय की झलक:
यह अध्याय एक महान आत्मिक युद्ध को दर्शाता है जो स्वर्ग और पृथ्वी पर चलता है। इसमें तीन मुख्य पात्र हैं — एक रहस्यमयी स्त्री, एक लाल अजगर, और एक पुत्र जो “लोहदंड से सारी जातियों पर राज्य करेगा।” इस अध्याय में शैतान (अजगर) के गिरने और कलीसिया की सुरक्षा को चमत्कारी रूप से दर्शाया गया है।
1-2 पद: स्वर्ग में एक महान चिन्ह — एक स्त्री
“स्वर्ग में एक बड़ा चिन्ह दिखाई दिया — एक स्त्री, जो सूर्य से परिधान किए हुए थी, और उसके पाँवों के नीचे चंद्रमा था, और उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था। वह गर्भवती थी और प्रसव वेदना में चिल्ला रही थी।”
प्रतीक और अर्थ:
- स्त्री – इस पर कई व्याख्याएँ हैं:
- इस्राएल राष्ट्र (जो मसीहा को जन्म देता है)
- मसीही कलीसिया (जिससे परमेश्वर की योजना आगे बढ़ती है)
- विश्वव्यापी आत्मिक सच्चाई की प्रतिनिधि
- सूर्य, चंद्रमा और 12 तारे – यूसुफ के स्वप्न (उत्पत्ति 37:9) की ओर इशारा करते हैं, जो याकूब (इस्राएल) और उसकी संतान (12 गोत्र) का प्रतीक हैं।
- गर्भवती स्त्री – मसीहा (यीशु मसीह) के आगमन की तैयारी।
सीख: परमेश्वर की योजना में मसीहा का आगमन एक प्रमुख घटना है, जिसकी तैयारी आत्मिक युद्ध से जुड़ी होती है।
3-4 पद: दूसरा चिन्ह — लाल अजगर
“एक और चिन्ह स्वर्ग में दिखाई दिया — एक बड़ा लाल अजगर, जिसके सात सिर और दस सींग थे, और उसके सिरों पर सात मुकुट थे। उसने अपनी पूँछ से आकाश के एक तिहाई तारों को खींच कर पृथ्वी पर फेंक दिया।”
प्रतीक और अर्थ:
- लाल अजगर – शैतान या शैतानी ताकतें (वचन में बाद में स्पष्ट किया गया)।
- सात सिर और दस सींग – शक्ति, शासन और झूठी धार्मिक व्यवस्था का प्रतीक (दानिय्येल 7:7 से संबंध)।
- एक तिहाई तारे गिराना – स्वर्गदूतों का पतन, जो शैतान के साथ गिर गए।
- बच्चे को निगलने की कोशिश – मसीहा के विरुद्ध शैतान का षड्यंत्र (जैसे हेरोदेस का बालहत्या आदेश)।
सीख: शैतान आरंभ से ही परमेश्वर की योजना को नष्ट करने की कोशिश करता आया है, लेकिन वह असफल रहता है।
5-6 पद: पुत्र का जन्म और स्त्री की सुरक्षा
“उसने एक पुत्र को जन्म दिया जो लोहदंड से सब जातियों पर राज्य करेगा, और उसका बच्चा परमेश्वर और उसके सिंहासन के पास उठा लिया गया।”
प्रतीक और अर्थ:
- पुत्र – यीशु मसीह, जो राजसी शक्ति के साथ शासन करता है (भजन संहिता 2:9)।
- स्वर्ग में उठा लिया गया – मसीह का स्वर्गारोहण।
- स्त्री का जंगल में भागना – परमेश्वर द्वारा अपनी प्रजा की अद्भुत सुरक्षा।
सीख: मसीहा की सुरक्षा और कलीसिया की देखभाल परमेश्वर स्वयं करता है, चाहे संकट कोई भी हो।
7-9 पद: स्वर्ग में युद्ध — शैतान का पतन
“मीकाएल और उसके स्वर्गदूतों ने अजगर से युद्ध किया… और अजगर को नीचे गिरा दिया गया।”
प्रतीक और अर्थ:
- मीकाएल – प्रमुख स्वर्गदूत; यहूदा की रक्षा करने वाला (दानिय्येल 12:1)।
- युद्ध – आत्मिक संघर्ष जो परमेश्वर और शैतान के बीच चलता है।
- नीचे गिराया जाना – शैतान का सीमित होना; वह अब स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर सकता।
सीख: शैतान पराजित है — यह सत्य हमें साहस देता है।
10-12 पद: विजयी घोषणा
“अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, सामर्थ, राज्य और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है।”
प्रतीक और अर्थ:
- भाईयों पर दोष लगाने वाला गिरा दिया गया – शैतान, जो विश्वासियों पर दिन-रात दोष लगाता था, अब गिरा दिया गया।
- विजय का कारण – मसीह का लहू और विश्वासियों की गवाही।
- “अपने प्राणों से भी प्रीति न की” – विश्वासियों की पूर्ण समर्पण की भावना।
सीख: हमारी विजय मसीह के बलिदान और हमारे गवाह होने में है।
13-17 पद: शैतान का स्त्री पर क्रोध
“जब अजगर ने देखा कि वह पृथ्वी पर गिराया गया है, तो उसने उस स्त्री पर जो पुत्र को जन्म दी थी, क्रोध किया।”
प्रतीक और अर्थ:
- स्त्री पर हमला – कलीसिया या परमेश्वर की प्रजा पर शैतान का क्रोध।
- दो बड़े पंख – सुरक्षा और स्वर्गीय सहायता (निर्गमन 19:4 की तरह)।
- नदी उगलना – शैतान द्वारा फैलाया गया धोखा, झूठ, और उत्पीड़न।
- पृथ्वी का सहायता करना – परमेश्वर का हस्तक्षेप; प्राकृतिक और चमत्कारी सुरक्षा।
- बाकी सन्तानों से युद्ध – विश्वभर के विश्वासी।
सीख: शैतान अंतिम समय में और अधिक हमला करेगा, पर परमेश्वर की सुरक्षा भी उसी तरह प्रकट होती है।
इस अध्याय से क्या सिखें?
परमेश्वर की योजना को शैतान रोक नहीं सकता — मसीहा विजयी हुआ है।
विश्वासियों की सुरक्षा परमेश्वर के हाथ में है, चाहे शैतान कितनी भी चालें चले।
आत्मिक युद्ध वास्तविक है, लेकिन हमारी विजय मसीह के लहू और हमारी सच्ची गवाही में है।
परमेश्वर का राज्य धीरे-धीरे प्रकट हो रहा है — और हम उसका भाग हैं।
याद रखने योग्य वचन:
“उन्होंने मेम्ने के लोहू और अपनी गवाही के वचन के द्वारा उस पर जय पाई है, और उन्होंने अपने प्राणों से भी प्रीति न की।”
(प्रकाशित वाक्य 12:11