🌟 अध्याय की झलक:
यह अध्याय परमेश्वर के अंतिम न्याय, मसीह के पुनरागमन और उसके शाश्वत राज्य की स्थापना का वर्णन करता है। यह अध्याय स्वर्ग के संगीत, परमेश्वर के न्याय, और पृथ्वी पर मसीह के राज्य की शुरुआत का उत्सव है। यहाँ हम मसीह के महिमामय आगमन, उसके विजय के जश्न, और उसके साथ शैतान और पाप की पराजय का दृश्य देखते हैं। यह अध्याय विश्व के अंत की ओर बढ़ते हुए परमेश्वर के उद्देश्यों के पूरा होने का संकेत देता है, जिसमें मसीह अपने राज्य का शासन स्थापित करेंगे।
🔹 1-6 पद: स्वर्ग में आशीर्वाद और मसीह के आगमन की घोषणा
स्वर्ग में एक महान भीड़ का आशीर्वाद है, जो परमेश्वर की महिमा और उसके न्याय की सराहना कर रही है। वे परमेश्वर की स्तुति करते हैं, कहते हैं: “अल्लीलुयाह! हमारा उद्धार, महिमा, और शक्ति हमारे परमेश्वर के हैं।” यह परमेश्वर का न्याय और उसकी योजना का पूरा होना है। मसीह का आगमन पास है, और स्वर्ग में यह शोरगुल है।
प्रतीक:
- स्वर्ग में आशीर्वाद — परमेश्वर के न्याय और मसीह के आगमन का उत्सव।
🎶 सीख: जब परमेश्वर का न्याय पूरी दुनिया पर स्थापित होता है, तो स्वर्ग और पृथ्वी दोनों उसे आशीर्वाद देते हैं।
🔹 7-10 पद: मसीह का विवाह और उसकी दुल्हन (कलीसिया)
यह दृश्य मसीह और उसकी दुल्हन (कलीसिया) के विवाह का है। स्वर्ग में यह घोषणा की जाती है कि समय आ गया है जब मसीह अपनी कलीसिया से मिलेंगे, और यह विवाह परमेश्वर के न्याय और आशीर्वाद का प्रतीक होगा। कलीसिया ने तैयार होकर सफेद वस्त्र पहनने की तैयारी की है, जो धार्मिकता और शुद्धता का प्रतीक है।
प्रतीक:
- मसीह का विवाह — मसीह और कलीसिया का मिलन, जो परमेश्वर की अंतिम योजना का हिस्सा है।
👰 सीख: हम, कलीसिया, मसीह के आने के लिए तैयार रहेंगे, और हमें उसकी धार्मिकता और शुद्धता में स्थित होना चाहिए।
🔹 11-16 पद: मसीह का आगमन और उसकी विजय
मसीह स्वर्ग से एक सफेद घोड़े पर आते हैं, और उसके पास एक न्यायपूर्ण और सच्चे युद्ध के लिए एक तलवार है। वह पृथ्वी पर शैतान और पाप के साम्राज्य को नष्ट करने के लिए आए हैं। उसका नाम “राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु” है।
प्रतीक:
- सफेद घोड़ा और तलवार — मसीह का न्यायपूर्ण आगमन और युद्ध।
⚔️ सीख: मसीह का पुनरागमन शांति का नहीं, बल्कि न्याय और न्यायपूर्ण युद्ध का समय होगा।
🔹 17-18 पद: युद्ध के लिए बुलावा
स्वर्गदूतों ने एक बड़ा आह्वान किया, जिसमें पृथ्वी के सभी पक्षी युद्ध में शरीक होने के लिए बुलाए गए। यह परमेश्वर के न्याय का समय है, जहां मसीह अपने शत्रुओं को पराजित करेगा।
प्रतीक:
- युद्ध के लिए पक्षी — परमेश्वर के न्याय का प्रतीक, जहां शत्रु पराजित होंगे।
🦅 सीख: जब परमेश्वर का न्याय आएगा, तो उसका विरोध करने वाले सभी पराजित होंगे।
🔹 19-21 पद: शैतान और पाप की पराजय
मसीह और उसकी सेनाएँ शैतान और पाप के साम्राज्य के खिलाफ युद्ध में विजयी होती हैं। शैतान और उसकी सेना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाता है, और उनका अंत आ जाता है। इस युद्ध में केवल परमेश्वर का साम्राज्य स्थिर और विजय प्राप्त करने वाला होगा।
प्रतीक:
- शैतान और पाप की पराजय — परमेश्वर के न्याय और उसके साम्राज्य की स्थिरता।
⚖️ सीख: परमेश्वर का न्याय हर पाप और शैतान की शक्ति को समाप्त करेगा, और उसके राज्य में कोई भी विरोध नहीं होगा।
✅ इस अध्याय से क्या सिखें?
✝️ मसीह का आगमन परमेश्वर के न्याय का अंतिम समय है, और वह अपने विरोधियों को पराजित करेगा।
✝️ हमें मसीह के पुनरागमन के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि यह शांति का समय नहीं, बल्कि न्याय और विजय का समय होगा।
✝️ परमेश्वर के न्याय से डरने के बजाय हमें उसकी महिमा में विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि उसका राज्य हमेशा के लिए रहेगा।
📌 याद रखने योग्य वचन:
“राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु… और वह हमारे साथ न्याय करेगा।”
(प्रकाशित वाक्य 19:16)