प्रकाशित वाक्य – अध्याय 22

🌟 अध्‍याय की झलक:
यह अध्याय प्रकाशित वाक्य की समाप्ति है और मसीह के शाश्वत राज्य की पूर्णता और परमेश्वर की योजनाओं की सिद्धि का वर्णन करता है। इसमें परमेश्वर का आशीर्वादअंतिम न्यायऔर मसीह के पुनरागमन के बारे में बताया गया है। इस अध्याय में नई पृथ्वी और नई यरूशलेम का चित्रण किया गया हैजहाँ परमेश्वर और मसीह के लोग शांतिआनंद और शाश्वत जीवन में रहेंगे। यह अध्याय यह भी दिखाता है कि मसीह का पुनरागमन न केवल न्याय का समय होगाबल्कि उसके साथ एक नई शुरुआत होगीजहां जीवन और परमेश्वर के राज्य की पूर्णता होगी।

🔹 1-5 पद: जीवन का जल और परमेश्वर की महिमा
युहन्ना  ने देखा कि परमेश्वर के सिंहासन से जीवन का जल बह रहा हैजो नए यरूशलेम के मध्य से निकलता है। यह जल शांतिजीवन और शुद्धता का प्रतीक है। इस जल के द्वारापरमेश्वर अपने लोगों को शाश्वत जीवन देगा। इसके अलावानए यरूशलेम में कोई अंधेरा नहीं होगाक्योंकि परमेश्वर और मसीह की महिमा वहां रहेगी।
प्रतीक:

  • जीवन का जल — परमेश्वर की शाश्वत आशीर्वाद और जीवन।
    💧 सीख: परमेश्वर का वचन और उसकी उपस्थिति हमें जीवन और शांति प्रदान करते हैंजो अनंतकाल तक रहेंगे।

🔹 6-7 पद: परमेश्वर की घोषणा और आशीर्वाद
परमेश्वर ने घोषणा की कि ये शब्द सत्य हैं और वे पूरी तरह से सिद्ध होंगे। मसीह का पुनरागमन नजदीक हैऔर जो मसीह के मार्ग पर चलते हैंउन्हें आशीर्वाद मिलेगा। परमेश्वर ने अपने लोगों को यह वचन दिया कि उनके लिए एक नयी शुरुआत होगीऔर वे मसीह के साथ शाश्वत जीवन का आनंद लेंगे।
प्रतीक:

  • परमेश्वर की घोषणा — परमेश्वर का वचन सत्य और स्थिर है।
    📜 सीख: परमेश्वर का वचन और उसका आशीर्वाद सत्य होते हैंऔर वे अंत में पूरी तरह से सिद्ध होते हैं।

🔹 8-9 पद: युहन्ना  का प्रण और स्वीकृति
युहन्ना  ने जब इन बातों को सुनातो वह बहुत हैरान हुआ और तुरंत दंडवत करने लगालेकिन स्वर्गदूत ने उसे मना किया और बताया कि यह सब परमेश्वर का वचन है। स्वर्गदूत ने युहन्ना  से कहा कि वह परमेश्वर के वचन को ग्रहण करें और इसे सबको बताए।
प्रतीक:

  • युहन्ना  का प्रण — परमेश्वर के वचन को ग्रहण करना और उसे फैलाना।
    🙏 सीख: हमें परमेश्वर के वचन को श्रद्धा से ग्रहण करना चाहिए और उसे संसार में फैलाने का कार्य करना चाहिए।

🔹 10-11 पद: समय का समापन और न्याय का समय
स्वर्गदूत ने कहा कि यह समय अब खत्म हो चुका हैऔर अब तक के सभी निर्णय और कार्य पूरे होने जा रहे हैं। यह समय शाश्वत न्याय और परमेश्वर की योजनाओं के पूरा होने का है। जो लोग पाप में हैंवे पाप में रहेंगेऔर जो धर्मी हैंवे धर्म में बने रहेंगे।
प्रतीक:

  • समय का समापन — परमेश्वर का अंतिम न्याय और कार्यों का पूरा होना।
    ⚖️ सीख: अंत समय में हर कोई अपने कर्मों के अनुसार न्याय प्राप्त करेगाऔर यह न्याय परमेश्वर द्वारा पूरी तरह से किया जाएगा।

🔹 12-13 पद: मसीह का पुनरागमन और उसकी शाश्वत उपस्थिति
मसीह ने कहा कि वह जल्दी आ रहा है और उसके पास हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार पुरस्कृत करने की शक्ति है। मसीह खुद को “आल्फा और ओमेगाप्रारंभ और अंत” के रूप में प्रस्तुत करता हैजो यह दर्शाता है कि वह समय और अस्तित्व के पहले और अंत से है।
प्रतीक:

  • आल्फा और ओमेगा — मसीह की शाश्वत उपस्थिति और उसकी परम सत्ता।
    👑 सीख: मसीह के पुनरागमन का समय नजदीक हैऔर वह अपने अनुयायियों को उनके कर्मों के अनुसार पुरस्कार देगा।

🔹 14-15 पद: आशीर्वाद और शाप
स्वर्गदूत ने यह भी बताया कि जो लोग परमेश्वर के आदेशों को पालन करते हुए जीवन जीते हैंउन्हें जीवन के पेड़ का फल मिलेगाऔर वे शाश्वत जीवन का आनंद लेंगे। परंतु जो लोग पाप और भ्रष्टता में डूबे रहेंगेउन्हें शाप मिलेगा और वे शाश्वत मृत्यु का सामना करेंगे।
प्रतीक:

  • जीवन का पेड़ — शाश्वत जीवन और परमेश्वर के आशीर्वाद का प्रतीक।
    🍃 सीख: जो परमेश्वर के मार्ग पर चलते हैंउन्हें शाश्वत जीवन और आशीर्वाद प्राप्त होगालेकिन जो परमेश्वर से दूर रहते हैंवे उसकी सजा का सामना करेंगे।

🔹 16-17 पद: मसीह का आह्वान
मसीह ने स्वयं आकर कहा कि वह सभी को अपनी उपस्थिति में आमंत्रित करता है। उसने शांतिजीवन और उद्धार का आह्वान किया हैऔर जो लोग उससे प्रार्थना करेंगेउन्हें वह शाश्वत जीवन और उसकी उपस्थिति देगा।
प्रतीक:

  • मसीह का आह्वान — मसीह का उद्धार के लिए आह्वान और उसकी शांति का निमंत्रण।
    🕊️ सीख: मसीह हमें अपनी उपस्थिति में शांति और शाश्वत जीवन का आह्वान करता हैऔर हमें उसे स्वीकार करना चाहिए।

🔹 18-19 पद: वचन के बारे में चेतावनी
स्वर्गदूत ने चेतावनी दी कि जो लोग इस वचन में किसी भी प्रकार का बदलाव करेंगेउन्हें परमेश्वर का न्याय सामना करना होगा। यह वचन पूरी तरह से सत्य हैऔर इसे बिना किसी परिवर्तन के ग्रहण किया जाना चाहिए।
प्रतीक:

  • वचन का परिवर्तन न करना — परमेश्वर के वचन की सत्यता और उसकी शुद्धता का सम्मान करना।
    📖 सीख: हमें परमेश्वर के वचन को बिना किसी परिवर्तन के ग्रहण करना चाहिएक्योंकि यह पूरी तरह से सत्य और शुद्ध है।

🔹 20-21 पद: मसीह का पुनरागमन और आशीर्वाद
मसीह ने कहा कि वह जल्दी आ रहा हैऔर उसके आने पर हम उसे देखेंगे और उसका स्वागत करेंगे। साथ हीयह कहा गया कि परमेश्वर का आशीर्वाद उन सभी पर रहेगाजो उसके वचन पर चलते हैं।
प्रतीक:

  • मसीह का पुनरागमन — मसीह की वापसी और उसके राज्य की स्थापना।
    🌟 सीख: हमें मसीह के पुनरागमन के लिए तैयार रहना चाहिएऔर उसके वचन के अनुसार जीवन जीना चाहिए।

 इस अध्‍याय से क्‍या सिखें?
✝️ मसीह का पुनरागमन नजदीक हैऔर हमें उसकी वापसी के लिए तैयार रहना चाहिए।
✝️ परमेश्वर का वचन सत्य हैऔर हमें उसे बिना किसी परिवर्तन के ग्रहण करना चाहिए।
✝️ मसीह का आह्वान हर किसी को शाश्वत जीवन और शांति की ओर बुलाता हैऔर हमें उसकी उपस्थिति में आकर शाश्वत आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

📌 याद रखने योग्य वचन:
आल्फा और ओमेगाप्रारंभ और अंतपहला और अंतिम।”
(प्रकाशित वाक्य 22:13)