प्रकाशित वाक्य – अध्याय 5

🌟 अध्याय की झलक:
स्वर्ग में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दृश्य सामने आता है — परमेश्वर के हाथ में एक पुस्तक हैजो सात मुहरों से बंद है।
पूरा स्वर्ग शोक करता है क्योंकि कोई उसे खोलने योग्य नहीं दिखता।
तभी “मेम्ना” (यानी यीशु मसीह) प्रकट होता है और वह इस पुस्तक को लेने और खोलने योग्य पाया जाता है।
यह अध्याय मसीह की विजयबलिदान और आराधना को प्रकट करता है।


🔹 1-4 पद: मुहरबंद पुस्तक और स्वर्ग का दुःख

  • यूहन्ना ने सिंहासन पर बैठे व्यक्ति के दाहिने हाथ में एक पुस्तक (स्क्रॉल) देखी।
  • वह भीतर और बाहर लिखा हुआ था और सात मुहरों से बंद था।
  • एक शक्तिशाली स्वर्गदूत ने ऊँचे स्वर से पुकारा:
    कौन इस पुस्तक को खोलने और इसकी मुहरें तोड़ने के योग्य है?”
  • परंतु कोई भी योग्य न मिलाइसलिए यूहन्ना बहुत रोया।

प्रतीक:

  • पुस्तक (Scroll) — परमेश्वर की योजनान्यायउद्धार और भविष्य के निर्णयों का पूरा रहस्य।
  • सात मुहरें — पूरी तरह से सील किया गयापूर्ण सुरक्षा और गोपनीयता का संकेत।
  • रोना — यह दर्शाता है कि मनुष्य स्वयं परमेश्वर की योजना को पूरा करने में असमर्थ है।

📜 सीख: जब तक मसीह प्रकट नहीं होताहमारे पास कोई आशा नहीं होती।


🔹 5-7 पद: विजयी सिंह और बलिदान मेम्ना

  • एक प्राचीन ने यूहन्ना से कहा:
    रो मत! देखयहूदा का सिंहदाऊद का मूलजीत गया है ताकि पुस्तक खोले और उसकी सातों मुहरें तोड़े।”
  • फिर यूहन्ना ने सिंहासन और चार जीवों और प्राचीनों के बीच में एक मेम्ना देखा,
    • जो मारा गया सा दिखाई देता था।
    • उसके सात सींग और सात आँखें थींजो पृथ्वी पर भेजी गईं सात आत्माएँ हैं।
  • मेम्ना ने जाकर पुस्तक को लिया।

प्रतीक:

  • यहूदा का सिंह — यीशु मसीह का बलशाली और राजसी रूप (उत्पत्ति 49:9-10)
  • बलिदान मेम्ना — मसीह का क्रूस पर बलिदान (यूहन्ना 1:29)
  • सात सींग — संपूर्ण शक्ति।
  • सात आँखें — सर्वज्ञतापवित्र आत्मा की परिपूर्णता (यशायाह 11:2)
  • पुस्तक को लेना — मसीह का परमेश्वर की योजना को पूरा करने का अधिकार।

🦁🐑 सीख: यीशु मसीह बलशाली राजा भी हैं और बलिदान देने वाला सेवक भी।


🔹 8-10 पद: स्वर्ग में मेम्ना की आराधना

  • जब मेम्ना ने पुस्तक लीतो चारों जीवित प्राणी और 24 प्राचीन गिर पड़े।
  • हर एक के पास
    • एक वीणा (संगीत वाद्य यंत्र) और
    • धूप से भरे सोने के कटोरे थे — जो संतों की प्रार्थनाएँ हैं।
  • उन्होंने एक नया गीत गाया:

तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरें खोलने के योग्य हैक्योंकि तू मारा गया और तूने अपने लहू के द्वारा हर जातिभाषालोगों और राष्ट्र में से लोगों को परमेश्वर के लिए खरीद लिया…”

प्रतीक:

  • वीणा — आराधना और स्तुति का प्रतीक।
  • धूप के कटोरे — संतों की प्रार्थनाएँ परमेश्वर के सामने उठती हैं।
  • नया गीत — मसीह के उद्धार कार्य के लिए नई आराधना।

🎵 सीख: उद्धार का अनुभव नई आराधना और नई आराधना का जीवन उत्पन्न करता है।


🔹 11-14 पद: स्वर्ग और सारी सृष्टि की संयुक्त आराधना

  • यूहन्ना ने हजारों हजारों स्वर्गदूतों को देखा जो गाते थे:

मेम्ना जो मारा गयासामर्थ्यधनज्ञानबलआदरमहिमा और धन्यवाद के योग्य है।”

  • फिर हर प्राणी — आकाशपृथ्वीसमुद्र और अधोलोक के प्राणी — एक साथ गाते हैं:

सिंहासन पर बैठे हुए और मेम्ना की महिमाआदर और सामर्थ्य युगानुयुग रहे!”

प्रतीक:

  • सात गुणों का उल्लेख (सामर्थ्यधनज्ञानबलआदरमहिमाधन्यवाद) — मसीह की सम्पूर्णता और पूर्ण योग्यताओं का चित्रण।
  • सारी सृष्टि की आराधना — मसीह का सार्वभौमिक प्रभुत्व।

🌍 सीख: यीशु मसीह ही सारी सृष्टि की आराधना का केन्द्र हैं।


 इस अध्याय से क्या सिखें?
✝️ मसीह ही परमेश्वर की योजना को पूरा करने के योग्य हैं।
✝️ केवल उनका बलिदान ही मनुष्यजाति का उद्धार संभव बनाता है।
✝️ स्वर्ग और पृथ्वी — दोनों के आराध्य केवल मसीह हैं।
✝️ हमें अपने जीवन से उन्हें आदरमहिमा और धन्यवाद देना चाहिए।


📌 याद रखने योग्य वचन
तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरें खोलने के योग्य हैक्योंकि तू मारा गया और तूने अपने लहू के द्वारा हर जातिभाषालोगों और राष्ट्र में से लोगों को परमेश्वर के लिए खरीद लिया।”
(प्रकाशित वाक्य 5:9)