निर्गमन सर्वेक्षण || Survey of Exodus

Survey of Exodus

निर्गमन की पुस्तक की विशेषता-क्या है?

निर्गमन शब्द का अर्थ है “निकास” या “बाहर निकलना” जिन्होंने पुराना-नियम के यूनानी संस्करण (द सेप्टुआर्जिट) को लिखा, उन्होंने इस बात पर बल देने के लिये इसका नाम निर्गमन रखा कि परमेश्वर ने किस प्रकार मूसा को चुना ताकि वह इब्री लोगों को मिस्र की गुलामी से बाहर निकाल लाए। इस पुस्तक के इब्रानी शीर्षक का अर्थ है “नाम ये हैं,” एंक वाक्यांश जो कि उत्पत्ति 46:8 में प्रकट होता है और इस्राएल के पूर्वजों की सूची प्रस्तुत करता है। यह शीर्षक इस बात पर बल देता हैं कि किस’प्रकार निर्गमन उस वृत्तान्त को जारी रखता है, जिसका आरम्भ उत्पत्ति में हुआ था (पंचग्रन्थ की भूमिका को देखें,)

Survey of Exodus

निर्गमन की पुस्तक क्‍यों लिखी गई?

निर्गमन इस्राएल के लोगों के इतिहास की दो प्रमुख घटनाओं का वर्णन करती है। पहली घटना मिस्र से बाहर निकलने की है। यह मूसा के जन्म से आरम्भ होती है, जो मिस्र का राजकुमार बनता है परन्तु बाद में परमेश्वर की आज्ञा मानता है ताकि वह अपने इब्री लोगों को मिस्र में बंधुआई से स्वतन्त्र कराए। निर्गमन की घटना में महा विपदाओं (जिन्हें विपत्तियाँ भी कहा जाता है) का वर्णन भी हुआ है, जिन्हें परमेश्वर ने मिस्री लोगों पर भेजा था, जिससे कि उनकां राजा विवश होकर इस्राएंलियों को मिस्र देश छोड़कर जाने दें। मित्र से एकाएक बचकर निकल आने में लाल समुद्र को आश्चर्यजनक रूप से पार करना सम्मिलित है। भविष्य की समस्त पीढ़ियाँ इस प्रकार निकल आने को परमेश्वर की बचानेवाली सहायता के महान्‌ उदाहरण के रूप में स्मरण रखेंगी। पुस्तक में दूसरी मुख्य घटना सीनै पर्वत पर घटती है जहाँ परमेश्वर मूसा एवं लोगों को दस आज्ञाएँ एवं व्यवस्था देता है जो उनका मार्ग दर्शन करेगी, कि उन्हें किस प्रकार परमेश्वर की प्रजा के रूप में आराधना करना और एक साथ मिलकर रहना है। इसमें तम्बू और उसके साजो-सामान तथा याजकीय वस्त्रों को पवित्र बनाए रखने के निर्देश भी सम्मिलित थे। सीनै पर्वत पर लोगों के साथ परमेश्वर ने जो वाचा बाँधी थी वह उन प्रतिज्ञाओं पर आधारित थी जिन्हें सबसे पहले परमेश्वर ने अब्राहम के साथ की थीं (निर्ग 33:1-3, उत्प १2:१-3; 7:1-8 भी देखें)। परन्तु परमेश्वर द्वारा प्रतिज्ञा की गई आशीषों को पाने के लिये लोगों को परमेश्वर के हीं प्रति निष्ठावान बने रहना था और परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना था (23:20-33)

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पर्दे के पीछे घटी घटनाएँ?

1 राजा 6:1 के अनुसार, मिस्र देश से यह प्रस्थान राजा सुलैमान के राज्य के चौथे वर्ष से 480 वर्ष पूर्व हुआ-था। सुलैमान ने लगभग ई. पू. 970 से 931 तक राज्य किया था। इसका अर्थ हुआ कि यह निर्गमन ई. पू. 1446 के आसपास हुआ था। फिर भी हो सकता है कि 480 बारह पीढ़ियों के लिये एक प्रतीकात्मक संख्या हो। जो थोड़ा-बहुत ऐतिहासिक प्रमाण    है (1:11 में का नाम रामसेस) वह मिस्र के राजाओं के रूप में सेटी-प्रथम एवं रामसेस-द्वितीय की ओर संकेत करता है जो दल को बँधुआई तथा मिस्र देश से बच निकलने के समय मिस्र के राजा थे। “मिस्र के राजा (फ़िरौन)” नामक लेख देखें, इस प्रकार प्रस्थान का समय ई. पू. 1300 के कुछ समय बाद का निर्धारित होता है।

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निर्गमन की पुस्तक का ढाँचा कैसा हैँ?

निम्न रूपरेखा पुस्तक को तीन प्रमुख भागों में बॉटती है, जो कि प्राथमिक रूप से घटनाओं के स्थानों पर आधारित है।

मिस्र से बाहर निकलने में मूसा द्वारा लोगों की अगुआई (1:1-13:16)

  • इस्राएलियों एवं मूसा के लिये संकटमय समय (1:1-2:25)
  • परमेश्वर द्वारा मूसा को चुनना (3:1-4:31)
  • इस्राएल का परमेश्वर बनाम मिस्र का राजा (5:1-11:10)
  • फ़सह का पर्व एवं मिस्र से प्रस्थान (12:1-13:16)

 
मूसा द्वारा जंगल में लोगों की अगुआई (13:17-18:27)

  • समुद्र को पार करके बच निकलना (13:17-15:21)
  • परमेश्वर द्वारा पानी और भोजन प्रदान किया जाना (15:22-17:7)
  • युद्ध में विजय एवं न्यायियों की नियुक्ति (17:8-18:27)

 
सीने पर्वत पर मूसा एवं इस्राएली (19:1-40:38)

  • परमेश्वर द्वारा मूसा को व्यवस्था देना (19:1-24:18)
  • परमेश्वर द्वारा आराधना सम्बन्धी निर्देश देना (25:1-31:18)
  • लोगों का विद्रोह, परन्तु परमेश्वर का विश्वासयोग्य बने रहना (32:1-33:23)
  • परमेश्वर के निर्देशों का पालन किया जाना (34:1-40:38)

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मुख्य आयत

  • मिस्र में एक नया राजा गद्दी पर बैठा जो यूसुफ को नहीं जानता था। निर्गमन 1:8
  • और परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने इब्राहीम, और इसहाक, और याकूब के साथ बान्धी थी, स्मरण किया और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया॥ निर्गमन 2:24-25
  • कि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है॥ तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना॥ निर्गमन 20:2-3

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