नूह की वाचा बाइबल में उल्लिखित महत्वपूर्ण वाचाओं में से एक है। यह वह वाचा है जो परमेश्वर ने जलप्रलय के बाद नूह और उसके वंशजों के साथ की थी। इस वाचा का उद्देश्य मानवजाति के प्रति परमेश्वर की प्रतिज्ञा को प्रकट करना था कि वह फिर कभी पृथ्वी को जलप्रलय से नष्ट नहीं करेगा। नूह की वाचा एक शर्तहीन वाचा है, जो परमेश्वर की अनंत दया और वफादारी को दिखाती है।
2. नूह की वाचा का संदर्भ
- पद: उत्पत्ति 9:8-17।
- “मैं तुम्हारे साथ और तुम्हारे बाद तुम्हारी सन्तान के साथ वाचा बाँधता हूँ।” (उत्पत्ति 9:9)
- “फिर कभी जलप्रलय के द्वारा पृथ्वी के प्राणियों का अन्त नहीं होगा।” (उत्पत्ति 9:11)
3. नूह की वाचा के मुख्य बिंदु
(i) मानवजाति को आशीर्वाद:
परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को पृथ्वी को पुनः भरने और प्रभुत्व स्थापित करने का आदेश दिया।
- पद: उत्पत्ति 9:1: “फिर परमेश्वर ने नूह और उसके बेटों को आशीर्वाद देकर कहा, ‘फलो-फूलो और पृथ्वी में भर जाओ।‘”
(ii) पशुओं पर अधिकार:
मनुष्य को सृष्टि में अन्य जीव-जंतुओं पर अधिकार और भोजन के रूप में उनके उपयोग की अनुमति दी गई।
- पद: उत्पत्ति 9:2-3।
(iii) मानव जीवन का महत्व:
मानव रक्तपात की निंदा की गई, और जीवन को पवित्र माना गया।
- पद: उत्पत्ति 9:6: “जो कोई मनुष्य का लहू बहाएगा, उसका लहू मनुष्य द्वारा बहाया जाएगा।”
(iv) जलप्रलय का अंत:
परमेश्वर ने वादा किया कि पृथ्वी फिर कभी जलप्रलय से नष्ट नहीं होगी।
- पद: उत्पत्ति 9:11।
(v) इंद्रधनुष का प्रतीक:
परमेश्वर ने इंद्रधनुष को अपनी वाचा के प्रतीक के रूप में स्थापित किया। यह वाचा की पुष्टि और परमेश्वर की प्रतिज्ञा की याद दिलाने वाला चिह्न है।
- पद: उत्पत्ति 9:13: “मैंने अपना धनुष बादल में रख दिया है; और वह पृथ्वी के साथ मेरी वाचा का चिह्न होगा।”
4. नूह की वाचा की विशेषताएँ
(i) शर्तहीन वाचा:
नूह की वाचा बिना किसी शर्त के थी; यह केवल परमेश्वर के विश्वास और कृपा पर आधारित थी।
(ii) सार्वभौमिक वाचा:
यह वाचा नूह, उसके वंशजों, और पूरी सृष्टि के लिए थी।
(iii) दया और न्याय का संगम:
यह वाचा परमेश्वर की दया और न्याय दोनों को दर्शाती है। जलप्रलय ने पाप के प्रति न्याय को दिखाया, और वाचा ने उसकी दया को।
5. मसीही जीवन के लिए नूह की वाचा का महत्व
(i) परमेश्वर की विश्वासयोग्यता:
नूह की वाचा यह सिखाती है कि परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करता है।
(ii) पाप का परिणाम:
जलप्रलय हमें पाप के गंभीर परिणामों की याद दिलाता है।
(iii) उद्धार की योजना:
यह वाचा मसीह में परमेश्वर की उद्धार योजना की ओर इशारा करती है, जिसमें उसकी कृपा और वफादारी स्पष्ट होती है।
6. सामान्य प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: नूह की वाचा क्या है?
उत्तर: नूह की वाचा वह वाचा है जो परमेश्वर ने जलप्रलय के बाद नूह, उसके वंशजों, और सभी जीवित प्राणियों के साथ की थी कि वह फिर कभी पृथ्वी को जलप्रलय से नष्ट नहीं करेगा।
प्रश्न 2: नूह की वाचा का मुख्य प्रतीक क्या है?
उत्तर: इंद्रधनुष। यह परमेश्वर की वाचा की याद दिलाने वाला चिह्न है।
प्रश्न 3: क्या नूह की वाचा आज भी लागू होती है?
उत्तर: हां, यह सार्वभौमिक और शाश्वत वाचा है, जो आज भी पूरी मानवजाति और सृष्टि के लिए लागू है।
प्रश्न 4: जलप्रलय से हमें क्या सिखना चाहिए?
उत्तर: जलप्रलय पाप के प्रति परमेश्वर के न्याय को प्रकट करता है, और वाचा उसकी दया और कृपा को दिखाती है।
प्रश्न 5: नूह की वाचा का मसीही विश्वास में क्या महत्व है?
उत्तर: यह वाचा परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और उसकी अनंत कृपा को दर्शाती है, और यह मसीह में अनुग्रह की पूर्णता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
नूह की वाचा पाप के प्रति परमेश्वर के न्याय और उसकी दया का अनूठा संगम है। इंद्रधनुष, जो इस वाचा का प्रतीक है, हमें परमेश्वर की वफादारी और कृपा की याद दिलाता है। इस वाचा का अध्ययन हमें मसीही जीवन में पाप, अनुग्रह, और परमेश्वर की अटल प्रतिज्ञाओं को समझने के लिए प्रेरित करता है।