यीशु मसीह की क्यों क्रूस पर अपनी जान देनी पड़ी || Why did Messiah have to Die

  • Home
  • Content
  • Bible Study
  • यीशु मसीह की क्यों क्रूस पर अपनी जान देनी पड़ी || Why did Messiah have to Die

इस लेख में why did jesus have to die on the cross विस्तार से आपको सूचीबद्ध तरीके से समझाया गया है की यीशु मसीह को क्यों मरना पड़ा या क्यों अपनी जान देनी पड़ी। मुझे आशा है ये लेख पढ़कर आप यीशु मसीह के द्वारा किए गए इस उद्धार के कार्य को और बेहतर और विस्तार से समझेंगे। यदि आपके पास कोई सवाल हो तो आप हमारी रोजाना होने वाली ज़ूम सभा में जुड़कर पूछ सकते हैँ। परमेश्वर आपको आशीष दें। 

शैतान को हराने के लिए || To defeat Satan

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।  इब्रानियों 2:14

हमारे रोग और बीमारियों से हमें चंगा करने के लिए

वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। यशायाह 53:5

परमेश्वर पिता से हमारा टूटा संबंध जोड़ने के लिए

क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? रोमियो 5:10

पापों की कीमत चुकाने के लिए

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥ रोमियो 6:23

हमें अनंत काल का जीवन देने के लिए

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। यूहन्ना 3:16

हमें पवित्र करने के लिए

उसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए हैं। इब्रानियों 10:10 

क्योंकि और कोई इस योग्य नहीं था

परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की ताकि देखे कि कोई बुद्धि से चलने वाला वा परमेश्वर को पूछने वाला है कि नहीं॥ वे सब के सब हट गए; सब एक साथ बिगड़ गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं॥ भजन संहिता 53:3

क्योंकि परमेश्वर अपना प्रेम हम पर प्रकट करना चाहते थे

परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। यूहन्ना 3:16

ताकि यीशु खुदमें स्वर्ग का मार्ग हमारे लिए बना सके

यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। यूहन्ना 11:25

इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात अधमिर्यों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुंचाए: 1 पतरस 3:18

मृत्यु और उसके डर को हराने के लिए

हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 1 कुरिन्थियों 15:55-56

परमेश्वर पिता के द्वारा दी गई व्यवस्था को पूरा करने के लिए

यह न समझो, कि मैं व्यवस्था था भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों को लोप करने आया हूं। लोप करने नहीं, परन्तु पूरा करने आया हूं, क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएं, तब तक व्यवस्था से एक मात्रा या बिन्दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा। मत्ती 5:17-18

यहोवा परमेश्वर ने अपने नबियों के द्वारा कराई गई भविष्यवाणियाँ पूरी करने के लिए

तब यीशु ने उन से कहा; तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, कि मैं चरवाहे को मारूंगा; और झुण्ड की भेड़ें तित्तर बित्तर हो जाएंगी। मत्ती 26:31

हमें पवित्र आत्मा पाने के योग्य बनाने के लिए

और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा। लूका 24:49 

सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। यूहन्ना 14:26

पाप का स्वभाव हमसे दूर करने के लिए

इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ, वैसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। रोमियो 5:18

क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है। रोमियो 6:10

हमें हमारे अधिकार वापस दिलाने के लिए

पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं, कि उसे फिर ले लूं। कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, वरन मैं उसे आप ही देता हूं: मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है: यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है॥ यूहन्ना 17:18

देखो, मैने तुम्हे सांपों और बिच्छुओं को रौंदने का, और शत्रु की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है; और किसी वस्तु से तुम्हें कुछ हानि न होगी। लूका 10:19 

इस सूची के साथ, मुझे आशा है कि अब आपको यह पता चल गया होगा कि यीशु को हमारे पापों के लिए क्यों मरना पड़ा। वह हमें हमारे पापों से बचाने के लिए मर गया। वह मर गया ताकि हम जीवित रह सकें और भविष्य में परमेश्वर के राज्य का हिस्सा बन सकें। आइए हम सभी यीशु मसीह की मृत्यु के लिए जो हमारे पापों के लिए उठाई उसका धन्यवाद करें। 

Stay Updated with NewLetter SignUp

अपना ईमेल भरें ताकि नये पोस्ट आप तक सबसे पहले पहुचें
Support Us: GPay; PayTM; PhonePe; 9592485467
Stay Updated with NewLetter SignUp