मूर्ति पूजा के विषय में क्या कहती है बाइबिल

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Bible Verses on Idol Worship

20 Bible Verses on Idol Worship

संसार के किसी भी व्यक्ति से अगर हम पूछें की “धर्म तो बहुत हैं, देवता और ईश्वर भी बहुत हैं पर परमेश्वर कितने हैं ? तो हर कोई एक ही जवाब देगा की परमेश्वर एक ही है. यदि सबको स्वाभाविक ही ये पता है परमेश्वर एक है तो फिर लोग मूर्ति पूजा क्यों करते हैं. बाइबिल कहती है “और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। 2 कुरिन्थियों 4:4.
जैसा की बाइबिल बताती है संसार का सरदार शैतान है जो परमेश्वर की बनायीं सृष्टि खासतौर कर मनुष्य जाती से घृणा करता है और नहीं चाहता की मनुष्य परमेश्वर को जानकार उनकी इच्छा पे चलकर उद्धार पाए और स्वर्ग में रहे. इसलिए शैतान मनुष्य जाती को भरमा कर परमेश्वर से दूर रखने की मंशा से नकली धर्म और ईश्वर बनाता है और लोगों को उलझाए रखता है.
क्या जिस परमेश्वर ने सारी सृष्टि को बनाया उसको कोई मूर्ति में ढाल सकता है ? नहीं। क्या जिस परमेश्वर ने इतनी सुन्दर प्रकृति बनायीं उसकी सुंदरता को कोई मनुष्य अपनी कल्पना में उतार सकता है ? कभी नहीं। इसके बाद भी मनुष्य अपने हाथ से मूर्तियों को बनाता है और उनको ईश्वर करके मानता है. ये ऐसा है जैसे बनायीं हुई वस्तु अपने बनाने वाले को छोड़कर अन्य अन्य को अपना रचयिता मानकर उनकी उपासना करे. इस से स्वाभाविक ही उस वस्तु का रचनाकार क्रोधित होगा और जलन रखेगा। आइये मूर्ति पूजा के विषय में कुछ बाइबिल के आयतों को देखते हैं

तब शमूएल ने इस्राएल के सारे घराने से कहा, यदि तुम अपने पूर्ण मन से यहोवा की ओर फिरे हो, तो पराए देवताओं और अश्तोरेत देवियों को अपने बीच में से दूर करो, और यहोवा की ओर अपना मन लगाकर केवल उसी की उपासना करो, तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा।
1 शमूएल 7:2-3

 

 


 

 

कि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है॥ 3 तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना॥ 4 तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है। 5 तू उन को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं,
निर्गमन 20:2-6

 

 


 

 

क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी, न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देने वाले, न अन्धेर करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।
1 कुरिन्थियों 6:9

 

 


 

 

अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धामिर्कता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति?
2 कुरिन्थियों 6:14

 

 


 

 

इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
कुलुस्सियों 3:5

 

 


 

 

शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन, मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म।
गलातियों 5:19-20

 

 


 

 

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो॥
1 कुरिन्थियों 6:11

 

 


 

 

सो मूरतों के साम्हने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में हम जानते हैं, कि मूरत जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
1 कुरिन्थियों 8:4

 

 


 

 

तुम देवताओं की मूत्तियां ढालकर न बना लेना।
निर्गमन 34:17

 

 


 

 

तुम मूरतों की ओर न फिरना, और देवताओं की प्रतिमाएं ढालकर न बना लेना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
लैव्यव्यवस्था 19:4

 

 


 

 

और मैं तुम्हारे पूजा के ऊंचे स्थानों को ढा दूंगा, और तुम्हारे सूर्य की प्रतिमाएं तोड़ डालूंगा, और तुम्हारी लोथों को तुम्हारी तोड़ी हुई मूरतों पर फूंक दूंगा; और मेरी आत्मा को तुम से घृणा हो जाएगी।
लैव्यव्यवस्था 26:30

 

 


 

 

तब उस देश के निवासियों उनके देश से निकाल देना; और उनके सब नक्काशे पत्थरों को और ढली हुई मूतिर्यों को नाश करना, और उनके सब पूजा के ऊंचे स्थानों को ढा देना।
गिनती 33:52

 

 


 

 

उनकी वेदियों को ढा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नाम मूत्तिर्यों को आग में जला देना, और उनके देवताओं की खुदी हुई मूत्तिर्यों को काटकर गिरा देना, कि उस देश में से उनके नाम तक मिट जाएं।
व्यवस्थाविवरण 12:3

 

 


 

 

तुम जानते हो कि जब हम मिस्र देश में रहते थे, और जब मार्ग में की जातियों के बीचोंबीच हो कर आ रहे थे, तब तुम ने उनकी कैसी कैसी घिनौनी वस्तुएं, और काठ, पत्थर, चांदी, सोने की कैसी मूरतें देखीं।
व्यवस्थाविवरण 29:16-17

 

 


 

 

परन्तु यशूरून मोटा हो कर लात मारने लगा; तू मोटा और हृष्ट-पुष्ट हो गया, और चर्बी से छा गया है; तब उसने अपने सृजनहार ईश्वर को तज दिया, और अपने उद्धारमूल चट्टान को तुच्छ जाना॥ उन्होंने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई॥
व्यवस्थाविवरण 32:15-16

 

 


 

 

शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उस की उपासना करना; और पीछे मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिन से न कुछ लाभ पहुंचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं।
1 शमूएल 12:20-21

 

 


 

 

तू ने उन सभों से बढ़कर जो तुझ से पहिले थे बुराई, की है, और जा कर पराये देवता की उपासना की और मूरतें ढालकर बनाईं, जिस से मुझे क्रोधित कर दिया और मुझे तो पीठ के पीछे फेंक दिया है।
1 राजा 14:9

 

 


 

 

तब सब लोगों ने बाल के भवन को जा कर ढा दिया, और उसकी वेदियां और मूरतें भली भंति तोड़ दीं; और मतान नाम बाल के याजक को वेदियों के साम्हने ही घात किया। और याजक ने यहोवा के भवन पर अधिकारी ठहरा दिए।
2 राजा 11:18

 

 


 

 

और वे उसकी विधियों और अपने पुरखाओं के साथ उसकी वाचा, और जो चितौनियां उसने उन्हें दी थीं, उन को तुच्छ जान कर, निकम्मी बातों के पीछे हो लिए; जिस से वे आप निकम्मे हो गए, और अपने चारों ओर की उन जातियों के पीछे भी हो लिए जिनके विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी कि उनके से काम न करना। वरन उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाओं को त्याग दिया, और दो बछड़ों की मूरतें ढाल कर बनाईं, और अशेरा भी बनाईं; और आकाश के सारे गणों को दण्डवत की, और बाल की उपासना की और अपने बेटे-बेटियों को आग में होम कर के चढाया; और भावी कहने वालों से पूछने, और टोना करने लगे; और जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था जिस से वह क्रोधित भी होता है, उसके करने को अपनी इच्छा से बिक गए।
2 राजा 17:15-17

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