परमेश्वर का धन्यवाद कैसे करें, कृतज्ञता व्यक्त करने के लिये 20 बाइबल आयत।

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कृतज्ञता (Gratitude) हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब हम परमेश्वर के आशीर्वादों को पहचानते हैं और उनके लिए धन्यवाद देते हैं, तो हमारा हृदय आनंद और शांति से भर जाता है। बाइबल हमें सिखाती है कि हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल हमारी आत्मा बलवान होती है, बल्कि हम परमेश्वर की महिमा भी करते हैं। इस लेख में हम कृतज्ञता पर आधारित 20 महत्वपूर्ण बाइबल आयतों को देखेंगे, जो हमें सिखाती हैं कि हम अपने जीवन में कैसे धन्यवाद से भरा दृष्टिकोण रख सकते हैं।


1. हर परिस्थिति में धन्यवाद करें

1 थिस्सलुनीकियों 5:18
सब बातों में धन्यवाद करो, क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।”

👉 यह आयत हमें सिखाती है कि चाहे हम सुख में हों या दुख में, हमें हमेशा परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए। कृतज्ञता एक शक्ति है जो हमें कठिन समय में भी स्थिर रखती है।


2. प्रभु की स्तुति करो और धन्यवाद दो

भजन संहिता 100:4
उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति लेकर प्रवेश करो; उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो।”

👉 जब हम परमेश्वर के पास जाते हैं, तो हमें शिकायतों के साथ नहीं, बल्कि धन्यवाद और स्तुति के साथ जाना चाहिए। यह हमें उसकी उपस्थिति में और अधिक आनंदित करता है।


3. चिंता की जगह धन्यवाद दें

फिलिप्पियों 4:6
किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारी प्रार्थनाएँ और विनतियाँ धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित की जाएँ।”

👉 अक्सर हम समस्याओं के बारे में चिंतित होते हैं, लेकिन बाइबल हमें सिखाती है कि चिंता के बजाय धन्यवाद के साथ प्रार्थना करें। इससे हमारा मन शांत होता है और हमें समाधान मिलता है।


4. धन्यवाद बलिदान के समान है

भजन संहिता 50:23
जो धन्यवाद करता है, वही मेरी महिमा करता है, और जो अपने चाल-चलन को ठीक रखता है, उसे मैं परमेश्वर का उद्धार दिखाऊँगा।”

👉 धन्यवाद देना केवल शब्दों का खेल नहीं है; यह परमेश्वर के लिए एक बलिदान के समान है। जब हम कृतज्ञता दिखाते हैं, तो हम उसकी महिमा करते हैं।


5. भलाई के लिए धन्यवाद दें

याकूब 1:17
हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है।”

👉 जब हम महसूस करते हैं कि हमारी सारी आशीषें परमेश्वर से आती हैं, तो हमारा हृदय धन्यवाद से भर जाता है।


6. हमेशा आनन्दित और धन्यवादित रहें

कुलुस्सियों 3:17
और वचन से या कर्म से जो कुछ भी करो, सब कुछ प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।”

👉 यह आयत हमें सिखाती है कि हमारे हर कार्य और हर शब्द में धन्यवाद होना चाहिए।


7. हर दिन नई करुणा के लिए धन्यवाद दें

विलापगीत 3:22-23
यहोवा की करुणा समाप्त नहीं हुई है, वे हर भोर नई होती हैं; तेरी सच्चाई महान है!”

👉 हर सुबह परमेश्वर की नई दया और अनुग्रह हमें मिलते हैं। इसलिए, हमें हर दिन धन्यवाद करना चाहिए।


8. प्रभु से प्रेम करने वालों को भला ही होता है

रोमियों 8:28
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।”

👉 यह जानकर कि परमेश्वर हमारे लिए हर चीज को अच्छे में बदल सकता है, हमें उसके प्रति और अधिक कृतज्ञ बनना चाहिए।


9. छोटे-बड़े हर आशीर्वाद के लिए धन्यवाद दें

भजन संहिता 103:2
हे मेरे प्राण, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी भी उपकार को न भूल।”

👉 कभी-कभी हम केवल बड़ी आशीषों के लिए धन्यवाद देते हैं, लेकिन बाइबल हमें सिखाती है कि हमें हर छोटे-बड़े आशीर्वाद के लिए परमेश्वर को धन्य कहना चाहिए।


10. प्रभु की भलाई के लिए धन्यवाद दें

भजन संहिता 107:1
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा बनी रहती है।”

👉 परमेश्वर की करुणा और भलाई के लिए हमें सदा धन्यवाद करना चाहिए।


अन्य महत्वपूर्ण आयतें

  1. 1 इतिहास 16:34 – “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा बनी रहती है।”
  2. 2 कुरिन्थियों 9:15 – “परमेश्वर का धन्यवाद हो, उसके उस अवर्णनीय दान के लिये!”
  3. भजन संहिता 136:1 – “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा की है।”
  4. कुलुस्सियों 4:2 – “प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उसमें जाग्रत रहो।”
  5. 1 तीमुथियुस 4:4-5 – “क्योंकि परमेश्वर की सृष्टि की हुई प्रत्येक वस्तु अच्छी है, और जो धन्यवाद के साथ ग्रहण किया जाता है, वह किसी रीति से तुच्छ नहीं।”
  6. 2 थिस्सलुनीकियों 2:13 – “परन्तु हे भाइयों, तुम्हारे लिये हम सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं।”
  7. भजन संहिता 28:7 – “यहोवा मेरी शक्ति और मेरी ढाल है; मेरा मन उस पर भरोसा रखता है, और मैं सहायता पाता हूँ।”
  8. भजन संहिता 118:1 – “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा बनी रहती है।”
  9. 1 कुरिन्थियों 15:57 – “परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जय देता है।”
  10. इफिसियों 5:20 – “हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम में सदा और सब बातों के लिए परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।”

निष्कर्ष धन्यवाद और कृतज्ञता एक ऐसी शक्ति है जो हमारे जीवन को सकारात्मक और आनंदमय बना सकती है। जब हम परमेश्वर के हर आशीर्वाद के लिए उसका धन्यवाद करते हैं, तो हम अधिक प्रेम, शांति और विश्वास से भर जाते हैं।

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