परमेश्वर के स्वभाव के गुण क्या हैं ? What are the attributes of God

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परमेश्वर कौन हैं? यह प्रश्न युगों से मानव हृदय और मस्तिष्क को आंदोलित करता रहा है। बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर अपने स्वभाव में अद्भुत, असीम और अपरिवर्तनीय हैं। उनके गुण न केवल उनके चरित्र को प्रकट करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि वे हमारे जीवन में कैसे कार्य करते हैं। इस लेख में हम परमेश्वर के प्रमुख गुणों का गहन अध्ययन करेंगे और समझेंगे कि वे हमारे विश्वास और जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।


A. परमेश्वर का सर्वशक्तिमान होना (God’s Omnipotence)

परमेश्वर संपूर्ण ब्रह्मांड के शासक हैं और उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी शक्ति असीमित और पूर्ण है।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • यिर्मयाह 32:17 – “हे प्रभु यहोवा, देख, तूने अपनी बड़ी शक्ति और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया, तेरे लिए कोई बात कठिन नहीं।”
    • मत्ती 19:26 – “यीशु ने उनकी ओर देखकर कहा, मनुष्यों से यह नहीं हो सकता, परंतु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • जीवन की कठिनाइयों में भी हम उन पर भरोसा कर सकते हैं।
    • उनकी शक्ति हमारे विश्वास को दृढ़ करती है।
    • जब हम असहाय महसूस करते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि परमेश्वर की शक्ति हमारे साथ है।

B. परमेश्वर की सर्वज्ञता (God’s Omniscience)

परमेश्वर सब कुछ जानते हैं – भूत, भविष्य और वर्तमान। उनकी बुद्धिमता और ज्ञान अनंत हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • भजन संहिता 147:5 – “हमारे प्रभु की महिमा बड़ी है और उसकी समझ अपरिमेय है।”
    • नीतिवचन 15:3 – “यहोवा की आँखें सब स्थानों में हैं, वे बुरे और भले दोनों को देखती रहती हैं।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • हमें चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि परमेश्वर हमारे जीवन की हर परिस्थिति को जानते हैं।
    • उनका ज्ञान हमें मार्गदर्शन और समझ प्रदान करता है।

C. परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता (God’s Immutability)

परमेश्वर कभी नहीं बदलते। उनकी प्रतिज्ञाएँ, उनके वचन और उनका प्रेम स्थिर और अटल हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • मलाकी 3:6 – “क्योंकि मैं यहोवा हूँ, मैं बदलता नहीं।”
    • इब्रानियों 13:8 – “यीशु मसीह कल, आज और युगानुयुग एक सा है।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • दुनिया बदल सकती है, परंतु परमेश्वर की भलाई और उनकी प्रतिज्ञाएँ अटल हैं।
    • हम उन पर पूर्ण विश्वास रख सकते हैं क्योंकि वे कभी नहीं बदलते।

D. परमेश्वर की पवित्रता (God’s Holiness)

परमेश्वर संपूर्ण रूप से शुद्ध, निष्कलंक और पवित्र हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • यशायाह 6:3 – “पवित्र, पवित्र, पवित्र है सेनाओं का यहोवा!”
    • 1 पतरस 1:16 – “तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • हमें भी अपने जीवन में पवित्रता अपनानी चाहिए।
    • परमेश्वर पाप से अलग हैं और हमें भी पाप से बचने के लिए बुलाते हैं।

E. परमेश्वर का प्रेम (God’s Love)

परमेश्वर प्रेम का सच्चा स्वरूप हैं। उनका प्रेम अनंत, निश्वार्थ और अटूट है।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • 1 यूहन्ना 4:8 – “परमेश्वर प्रेम है।”
    • यूहन्ना 3:16 – “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • परमेश्वर का प्रेम हमें क्षमा और उद्धार प्रदान करता है।
    • हमें भी दूसरों से प्रेम करना चाहिए।

F. परमेश्वर की दया और अनुग्रह (God’s Mercy and Grace)

परमेश्वर हम पर अनुग्रह और दया करने वाले हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • इफिसियों 2:8 – “क्योंकि अनुग्रह ही से तुम विश्वास के द्वारा उद्धार पाए हो।”
    • भजन संहिता 103:8 – “यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी है।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • उनकी दया के कारण हमें वह दंड नहीं मिलता जो हम पापों के कारण योग्य हैं।
    • उनके अनुग्रह से हमें वह आशीष मिलती है जिसके हम योग्य नहीं हैं।

G. परमेश्वर की न्यायशीलता (God’s Justice)

परमेश्वर न्यायी हैं और वह हर चीज को उचित रूप से आंकते हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • व्यवस्थाविवरण 32:4 – “वह चट्टान है, उसके कार्य सिद्ध हैं।”
    • रोमियों 2:6 – “वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देगा।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • वह हमेशा न्यायसंगत और निष्पक्ष होते हैं।
    • हमें उनके न्याय पर भरोसा करना चाहिए।

H. परमेश्वर की विश्वासयोग्यता (God’s Faithfulness)

परमेश्वर सदा विश्वासयोग्य रहते हैं और अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करते हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • 2 तीमुथियुस 2:13 – “यदि हम अविश्वासी भी हों, तौभी वह विश्वासयोग्य बना रहता है।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • हमें उनकी प्रतिज्ञाओं पर विश्वास रखना चाहिए।
    • वे कभी हमें नहीं छोड़ते।

I. परमेश्वर की सार्वभौमिकता (God’s Sovereignty)

परमेश्वर पूरे ब्रह्मांड के शासक हैं।

  1. बाइबल क्या कहती है?
    • दानिय्येल 4:35 – “कोई उसकी इच्छा को रोक नहीं सकता।”
  2. इसका क्या अर्थ है?
    • वह सर्वशक्तिमान शासक हैं और उनकी योजना सर्वोत्तम है।

निष्कर्ष : परमेश्वर के ये गुण हमें उनके चरित्र को समझने में सहायता करते हैं और हमें उनके प्रति और अधिक समर्पित बनाते हैं। हमें उनके प्रेम, न्याय, अनुग्रह, और विश्वासयोग्यता में भरोसा रखना चाहिए।

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