Doctrines

सैटनोलॉजी (Satanology) – बाइबल में शैतान का अध्ययन | Satan in the Bible Explained

1. परिचय “सैटनोलॉजी” शब्द का अर्थ है — बाइबल में वर्णित शैतान (Satan), उसके स्वभाव, कार्यों, उत्पत्ति और अंतिम परिणाम का अध्ययन।बाइबल हमें शैतान के बारे में अंधविश्वास या पौराणिक कहानियों पर नहीं, बल्कि परमेश्वर द्वारा प्रकट सत्य पर आधारित जानकारी देती है (2 कुरिन्थियों 2:11)।उद्देश्य – विश्वासी को शैतान…
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होमिलेटिक्स (Homiletics) – बाइबिलीय प्रचार कला का अध्ययन

1️⃣ प्रस्तावना: होमिलेटिक्स क्या है? होमिलेटिक्स मसीही धर्मशास्त्र की वह शाखा है जो बाइबल के संदेश को प्रभावी और विश्वासयोग्य ढंग से प्रचार करने की कला और विज्ञान सिखाती है।शब्द Homiletics यूनानी शब्द “homilia” से आया है, जिसका अर्थ है “संवाद” या “उपदेश”।मूल रूप से इसका लक्ष्य यह है कि…
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एस्केटोलॉजी (Eschatology) – अंतकालविज्ञान: एक बाइबिल आधारित अध्ययन

परिभाषा: एस्केटोलॉजी (Eschatology) यूनानी शब्द “eschatos” से बना है, जिसका अर्थ है “अंतिम” या “अंतकाल”, और “logos” का अर्थ है “अध्ययन”। इस प्रकार, एस्केटोलॉजी का अर्थ है – “अंतकाल की घटनाओं का अध्ययन”। यह बाइबल की वह शाखा है जो मसीह की दूसरी आगमन, मृतकों के पुनरुत्थान, न्याय के दिन,…
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दुष्टात्मा विज्ञान (Demonology) क्या है? आत्मिक युद्ध, शैतान और बाइबल की दृष्टि से विश्लेषण

Demonology – Day 1 Demonology – Day 2 Demonology – Day 3 Demonology – Day 4 दुष्टात्मा विज्ञान (Demonology) systematic theology की वह शाखा है जो विशेष रूप से दुष्ट आत्माओं, शैतान और आत्मिक युद्ध के बारे में अध्ययन करती है। यह विषय पवित्र शास्त्र में दुष्टात्माओं की उत्पत्ति, स्वभाव,…
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संत ऑगस्टीन और ईश्वरविज्ञान – एक गहन अध्ययन

संत ऑगस्टीन कौन थे? संत ऑगस्टीन (Saint Augustine) चौथी और पाँचवीं सदी के एक महान मसीही विचारक, धर्मशास्त्री और बिशप थे। उनका जन्म 354 AD में उत्तरी अफ्रीका के थागस्ते (अब अल्जीरिया) में हुआ था। उन्होंने मसीही धर्म को गहराई से समझा और समझाया, और पश्चिमी ईसाई धर्मशास्त्र की नींव…
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ईश्वरविज्ञान – बाइबल आधारित गहन अध्ययन | Theology Proper – Paterology

Theology Proper, systematic theology की वह शाखा है जो विशेष रूप से परमेश्वर के स्वरूप, अस्तित्व, गुण, और कार्य पर ध्यान केंद्रित करती है। यह विषय हमें परमेश्वर को उसकी बाइबिलीय पहचान में गहराई से जानने में मदद करता है। ईश्वरविज्ञान न केवल बौद्धिक अध्ययन है, बल्कि एक आत्मिक खोज…
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कलीसिया और यीशु मसीह की दूसरी आगमन: एक दिव्य विवाह का रहस्य

यीशु की दूसरी आगमन और कलीसिया का विवाह | मसीह की दुल्हन की भूमिका यीशु मसीह की दूसरी आगमन (Second Coming) और कलीसिया का उसके साथ मिलन एक अद्भुत और गूढ़ विषय है, जिसे बाइबल में विवाह (Marriage) के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रकाशितवाक्य (Revelation) और अन्य शास्त्रों…
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Ecclesiology: बाइबलीय कलीसिया का स्वरूप, उद्देश्य और भूमिका

परिचय: कलीसिया का अर्थ और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका Ecclesiology (एक्लीसियोलॉजी) मसीही धर्मशास्त्र की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो यह समझने में सहायता करती है कि बाइबलीय कलीसिया (Church) क्या है, इसका स्वरूप क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, और यह कैसे संचालित होती है। बाइबल में ‘कलीसिया’ का अर्थ केवल…
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मनुष्य का सिद्धांत (मानवशास्त्र) – Doctrine of Man (Anthropology)

मनुष्य का सिद्धांत, जिसे Anthropology कहा जाता है, बाइबल में मनुष्य की उत्पत्ति, प्रकृति, उद्देश्य और उसके परमेश्वर के साथ संबंध को स्पष्ट करता है। यह विषय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कौन हैं, क्यों बनाए गए, और पाप का हम पर क्या प्रभाव है। यह हमें परमेश्वर की योजना…
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Bible Study | The Doctrine of Salvation | उद्धार का सिद्धांत: परमेश्वर की अनंत योजना

1. उद्धार का परिचय (What is Salvation?) उद्धार का अर्थ है पाप और उसके परिणामों से मुक्त होकर परमेश्वर के साथ शाश्वत संबंध स्थापित करना। यह परमेश्वर का अनुग्रह है, जिसके द्वारा वह पापी को न्याय और मृत्यु से बचाकर नया जीवन देता है। परिभाषा: उद्धार का ग्रीक शब्द सोज़ो…
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