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ईसाई इतिहास के प्रमुख युग और घटनाएँ – कॉन्स्टेंटाइन से सुधार आंदोलन तक

ईसाई इतिहास (Christian History) बहुत ही समृद्ध और प्रेरणादायक है। इसकी शुरुआत यीशु मसीह (Jesus Christ) और उनके प्रेरितों (Apostles) के द्वारा हुई, लेकिन इसके बाद भी सदियों तक यह बदलता और विकसित होता रहा। इस लेख में हम चर्च के इतिहास (Church History) के कुछ महत्वपूर्ण चरणों को समझेंगे—कैसे…
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इब्रानी काव्यशैली (Hebrew Poetry) | भजन संहिता को समझने की कुंजी

इब्रानी काव्यशैली (Hebrew Poetry) क्या है? बाइबल में कविता एक अनोखी शैली में लिखी गई है, जिसे “इब्रानी काव्यशैली” कहा जाता है। यह शैली पश्चिमी कविता की तरह तुकबंदी (rhyme) पर आधारित नहीं होती, बल्कि इसमें समांतरता (parallelism), चित्रात्मक भाषा (imagery), और लयबद्ध संरचना का उपयोग किया जाता है। बाइबल…
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एक आदर्श सेवक: गुण, बाइबलीय सिद्धांत और मसीही सेवकाई की विशेषताएँ

प्रस्तावना (Introduction) सेवकाई (Ministry) केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि परमेश्वर की बुलाहट (Calling) का एक पवित्र उत्तरदायित्व है। बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर ने अपने लोगों को दूसरों की सेवा करने के लिए बुलाया है। यीशु मसीह ने स्वयं कहा:“क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया कि उसकी सेवा…
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कलीसिया का सिद्धांत: प्रकृति, लक्षण

प्रस्तावना (Introduction) कलीसिया (Church) केवल एक इमारत या संगठन नहीं है; यह परमेश्वर के द्वारा बुलाए गए विश्वासियों का एक पवित्र समुदाय है। बाइबल में “कलीसिया” के लिए प्रयुक्त ग्रीक शब्द “एक्लेसिया” (Ekklesia) का अर्थ है “बुलाए हुए लोग”—अर्थात वे लोग जिन्हें परमेश्वर ने संसार से निकालकर अपने उद्देश्य के…
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व्यवस्था को समझने के लिए क्या और कैसे पढ़ें?

यदि आप बाइबल की व्यवस्था (Law) को गहराई से समझना चाहते हैं, तो लैव्यव्यवस्था (Leviticus) और व्यवस्थाविवरण (Deuteronomy) सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं। लेकिन इनके अलावा निर्गमन (Exodus) और गिनती (Numbers) भी पढ़ना आवश्यक है। बाइबल की व्यवस्था को समझने के लिए आवश्यक पुस्तकें निर्गमन (Exodus) – व्यवस्था का आरंभ अध्याय…
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उद्धार और धार्मिकता | Salvation and Righteousness

उद्धार और धार्मिकता का सिद्धांत बाइबल में बहुत महत्वपूर्ण है। उद्धार हमें पाप के बंधन से छुड़ाता है और धार्मिकता हमें परमेश्वर के सामने शुद्ध और स्वीकार्य बनाती है। यह विषय हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कैसे परमेश्वर के अनुग्रह से उद्धार प्राप्त कर सकते हैं…
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मूसा की वाचा (Mosaic Covenant): क्या है?

मूसा की वाचा, जिसे “सिनाई की वाचा” भी कहा जाता है, वह महत्वपूर्ण वाचा है जो परमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ मूसा के माध्यम से सीनै पर्वत पर स्थापित की। यह वाचा इस्राएल को परमेश्वर के चुने हुए राष्ट्र के रूप में स्थापित करती है और उन्हें धार्मिक, नैतिक, और…
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अब्राहम की वाचा (Abrahamic Covenant): क्या है?

अब्राहम की वाचा परमेश्वर और अब्राहम (जिसका मूल नाम अब्राम था) के बीच की गई एक महत्वपूर्ण वाचा है। यह वाचा परमेश्वर की चुनी हुई जाति की स्थापना और उद्धार की योजना में एक आधारभूत भूमिका निभाती है। यह वाचा परमेश्वर के वादों और विश्वासयोग्यता को दर्शाती है, और इसके…
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कार्य की वाचा (Covenant of Works): क्या है?

कार्य की वाचा, जिसे “कार्य के नियम” भी कहा जाता है, बाइबल में परमेश्वर द्वारा आदम के साथ स्थापित की गई एक महत्वपूर्ण वाचा है। यह वाचा आदम और उसकी वंशजों के साथ परमेश्वर का एक समझौता था, जिसमें आज्ञाकारिता के माध्यम से जीवन और आशीष का वादा था, लेकिन…
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अदन की वाचा (Edenic Covenant): क्या है?

एडेनिक वाचा बाइबल में दी गई पहली वाचा मानी जाती है। यह वाचा परमेश्वर और आदम के बीच अदन की वाटिका में स्थापित की गई थी। इसे “आरंभिक वाचा” भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह सृष्टि के समय मानवता के लिए परमेश्वर की इच्छाओं और अपेक्षाओं का वर्णन करती…
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