इब्रानी काव्यशैली (Hebrew Poetry) | भजन संहिता को समझने की कुंजी

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इब्रानी काव्यशैली (Hebrew Poetry) क्या है?

बाइबल में कविता एक अनोखी शैली में लिखी गई है, जिसे “इब्रानी काव्यशैली” कहा जाता है। यह शैली पश्चिमी कविता की तरह तुकबंदी (rhyme) पर आधारित नहीं होती, बल्कि इसमें समांतरता (parallelism), चित्रात्मक भाषा (imagery), और लयबद्ध संरचना का उपयोग किया जाता है।

बाइबल में प्रमुख रूप से भजन संहिता (Psalms), नीतिवचन (Proverbs), सभोपदेशक (Ecclesiastes), अय्यूब (Job), और श्रेष्ठगीत (Song of Songs) इब्रानी काव्यशैली के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।


इब्रानी काव्यशैली की विशेषताएँ

1. समांतरता (Parallelism)

इब्रानी काव्य में सबसे महत्वपूर्ण विशेषता “समांतरता” (Parallelism) है, जिसमें दो या अधिक पंक्तियाँ एक दूसरे से संबंधित होती हैं। इसके मुख्य प्रकार हैं:

(A) समानार्थी समांतरता (Synonymous Parallelism)

इसमें दूसरी पंक्ति पहली पंक्ति के अर्थ को पुनः दोहराती है लेकिन अन्य शब्दों में।

उदाहरण: भजन संहिता 19:1
आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन करता है, और आकाशमंडल उसके हाथों के काम को प्रकट करता है।”

(B) विरोधी समांतरता (Antithetical Parallelism)

इसमें दूसरी पंक्ति पहली पंक्ति के विपरीत होती है, जिससे अर्थ अधिक स्पष्ट होता है।

उदाहरण: भजन संहिता 1:6
धर्मी का मार्ग यहोवा जानता है, परंतु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा।”

(C) कृमिक समांतरता (Synthetic Parallelism)

इसमें दूसरी पंक्ति पहली पंक्ति के विचार को आगे बढ़ाती है।

उदाहरण: भजन संहिता 23:1-2
यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। वह मुझे हरी-हरी चराइयों में बैठाता है, और शांत जल के पास ले जाता है।”


2. चित्रात्मक भाषा और प्रतीकात्मकता (Imagery & Symbolism)

इब्रानी कविता में गहरी आध्यात्मिक सच्चाइयों को व्यक्त करने के लिए प्रतीक और रूपकों (metaphors) का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • यहोवा मेरा गढ़ है” (भजन संहिता 18:2) – परमेश्वर को सुरक्षा के प्रतीक के रूप में दर्शाता है।
  • मेरी आत्मा प्यासे हिरण के समान है” (भजन संहिता 42:1) – परमेश्वर के प्रति गहरी लालसा को व्यक्त करता है।

3. अक्रोस्टिक कविता (Acrostic Poetry)

कुछ भजन इब्रानी वर्णमाला के क्रम में लिखे गए हैं, जैसे कि भजन संहिता 119, जहाँ प्रत्येक खंड की पहली पंक्ति इब्रानी वर्णमाला के एक अक्षर से शुरू होती है।


4. दोहराव (Repetition)

भजन संहिता में कई बार विचारों को दोहराया जाता है ताकि वे अधिक प्रभावी बनें।

उदाहरण:

  • क्योंकि उसकी करुणा सदा की है” (भजन संहिता 136) पूरे अध्याय में दोहराया गया है।

5. भावनात्मक अभिव्यक्ति

भजन संहिता में प्रार्थना, स्तुति, शोक, पश्चाताप और विजय के गीत पाए जाते हैं। यह कविताएँ दिल की गहराइयों से निकली हुई होती हैं।

  • स्तुति भजन (Praise Psalms): भजन 103 – “हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह!”
  • शोक भजन (Lament Psalms): भजन 22 – “हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
  • धन्यवाद भजन (Thanksgiving Psalms): भजन 116 – “मैं यहोवा के सभी उपकारों को कैसे चुका सकता हूँ?”

भजन संहिता को समझने के लिए इब्रानी काव्यशैली क्यों आवश्यक है?

इब्रानी काव्यशैली को समझने से हम भजन संहिता के गहरे अर्थ और आध्यात्मिक सन्देश को बेहतर समझ सकते हैं।

  • यह हमें बाइबल की मूल भाषा में लिखी गई भावनाओं और विचारों को पहचानने में मदद करता है।
  • समांतरता और प्रतीकात्मकता हमें शास्त्र की व्याख्या करने में सहायता करती है।
  • यह हमें भजन संहिता को अधिक आत्मिक गहराई से पढ़ने और प्रार्थना करने में मार्गदर्शन करता है।

निष्कर्ष

इब्रानी काव्यशैली बाइबल की कविता को अनोखा और प्रभावशाली बनाती है। यदि हम इसके पैटर्न, रूपकों और समांतरता को समझ लें, तो हम भजन संहिता और अन्य काव्यात्मक पुस्तकों को और अधिक आत्मिक गहराई से अनुभव कर सकते हैं।