1 अब्राहम की सन्तान, दाऊद की सन्तान, यीशु मसीह* की वंशावली*। 2 अब्राहम से इसहाक उत्प न्न हुआ, इसहाक से याकूब उत्पमन्न हुआ, और याकूब से यहूदा और उसके भाई उत्प्न्नन हुए। 3 यहूदा और तामार से पेरेस व जेरह उत्प न्न, हुए, और पेरेस से हेस्रोन उत्पनन्नआ हुआ, और हेस्रोन से एराम उत्पनन्न हुआ। 4 एराम से अम्मीनादाब उत्प न्न हुआ, और अम्मीनादाब से नहशोन, और नहशोन से सलमोन उत्पहन्न हुआ। (रूत 4:19-20) 5 सलमोन और राहाब से बोआज उत्पेन्न हुआ, और बोआज और रूत से ओबेद उत्प न्न हुआ, और ओबेद से यिशै उत्पान्न हुआ। 6 और यिशै से दाऊद राजा उत्प्न्नप हुआ। और दाऊद से सुलैमान उस स्त्री से उत्पउन्नप हुआ जो पहले ऊरिय्याह की पत्नीय थी। (2 शमू. 12:24) 7 सुलैमान से रहबाम उत्पउन्न हुआ, और रहबाम से अबिय्याह उत्पेन्न हुआ, और अबिय्याह से आसा उत्पयन्न हुआ। 8 आसा से यहोशाफात उत्पपन्न हुआ, और यहोशाफात से योराम उत्पेन्न हुआ, और योराम से उज्जियाह उत्पशन्न हुआ। 9 उज्जियाह से योताम उत्पतन्न हुआ, योताम से आहाज उत्पान्न हुआ, और आहाज से हिजकिय्याह उत्पान्न हुआ। 10 हिजकिय्याह से मनश्शे उत्पनन्नन हुआ, मनश्शे से आमोन उत्पनन्नआ हुआ, और आमोन से योशिय्याह उत्पीन्नआ हुआ। 11 और बन्दी होकर बाबेल जाने के समय में योशिय्याह से यकुन्याह*, और उसके भाई उत्पन्न, हुए। (यिर्म. 27:20) 12 बन्दी होकर बाबेल पहुँचाए जाने के बाद यकुन्याह से शालतियेल उत्पान्न, हुआ, और शालतियेल से जरुब्बाबेल उत्प न्न हुआ। 13 जरुब्बाबेल से अबीहूद उत्पजन्न हुआ, अबीहूद से एलयाकीम उत्पहन्नउ हुआ, और एलयाकीम से अजोर उत्पआन्नन हुआ। 14 अजोर से सादोक उत्पून्न हुआ, सादोक से अखीम उत्पएन्न् हुआ, और अखीम से एलीहूद उत्प न्नस हुआ। 15 एलीहूद से एलीआजर उत्पउन्न हुआ, एलीआजर से मत्तान उत्पनन्नन हुआ, और मत्तान से याकूब उत्पनन्नआ हुआ। 16 याकूब से यूसुफ उत्प्न्न हुआ, जो मरियम का पति था, और मरियम से* यीशु उत्पबन्न हुआ जो मसीह कहलाता है। 17 अब्राहम से दाऊद तक सब चौदह पीढ़ी हुई, और दाऊद से बाबेल को बन्दी होकर पहुँचाए जाने तक चौदह पीढ़ी, और बन्दी होकर बाबेल को पहुँचाए जाने के समय से लेकर मसीह तक चौदह पीढ़ी हुई। 18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उनके इकट्ठे होने के पहले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 19 अतः उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 20 जब वह इन बातों की सोच ही में था तो परमेश्वदर का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई देकर कहने लगा, “हे यूसुफ! दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ ले आने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु* रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।” 22 यह सब कुछ इसलिए हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था, वह पूरा हो (यशा. 7:14) 23 “देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा,” जिसका अर्थ है – परमेश्वुर हमारे साथ। 24 तब यूसुफ नींद से जागकर परमेश्व र के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्नीऔ को अपने यहाँ ले आया। 25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।