प्रकाशित वाक्य – अध्याय 13

🌟 अध्याय की झलक:
यह अध्याय अन्त समय की दो मुख्य शैतानी शक्तियों को प्रकट करता है: एक समुद्र से निकलने वाला पशु (Antichrist) और एक पृथ्वी से निकलने वाला दूसरा पशु (False Prophet)। ये दोनों शैतान की योजना के उपकरण हैं, जो संसार को धोखा देकर मसीह के विरुद्ध उठाते हैं।


🔹 1-10 पद: समुद्र से निकला हुआ पहला पशु

मैंने देखा कि एक पशु समुद्र से निकल रहा है, जिसके दस सींग और सात सिर थे… और उस पर निन्दा के नाम लिखे हुए थे।”

🔍 प्रतीक और अर्थ:

·                     समुद्र – राष्ट्रों, जातियों और अशांत मानव-समाज का प्रतीक (देखें: यशायाह 57:20)

·                     पशु – मसीह-विरोधी (Antichrist), जो शैतान की शक्ति से शासन करता है।

·                     दस सींग और सात सिर – यह दानिय्येल 7 से जुड़ा हुआ है; यह राजनीतिक साम्राज्य और नेतृत्व का प्रतीक है।

·                     निन्दा के नाम – परमेश्वर के विरुद्ध बगावत और झूठी उपासना।

·                     शैतान से शक्ति पाना – यह पशु शैतान से अधिकार, सिंहासन और सामर्थ पाता है (13:2)

·                     मरने के समान घाव” और फिर भी जी उठना – मसीह के पुनरुत्थान की नकल; धोखे से लोगों को आकर्षित करना।

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सीख: शैतान झूठे मसीह द्वारा दुनिया को भ्रमित करता है — वह सच्चे मसीह की नकल करता है।

सारा जगत चकित होकर उस पशु के पीछे चला।”

🔹 लोग उसकी उपासना करते हैं, कहते हैं:

इस पशु के समान कौन है? कौन उसके साथ युद्ध कर सकता है?”

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सीख: दुनिया राजनीतिक ताकत और चमत्कारों के पीछे चलती है, लेकिन यह झूठ का जाल हो सकता है।


🔹 11-18 पद: पृथ्वी से निकला दूसरा पशु

फिर मैंने एक और पशु को पृथ्वी से निकलते देखा, उसके दो सींग थे जैसे मेम्ने के, पर बोलता अजगर के समान था।”

🔍 प्रतीक और अर्थ:

·                     दूसरा पशु – झूठा भविष्यवक्ता, धार्मिक धोखे का प्रतिनिधि (प्रका. 16:13; 19:20)

·                     मेम्ने के जैसे सींग – यह दिखावे में कोमल और धार्मिक लगता है, पर इसका स्वर अजगर जैसा (शैतानी)।

·                     पहले पशु की उपासना करवाना – यह राजनीतिक शक्ति को धार्मिक वैधता देता है।

·                     चमत्कार करना – अग्नि को स्वर्ग से पृथ्वी पर गिराना (मसीह की सामर्थ की नक़ल – लूका 9:54)

·                     मूर्ति बनाना – पहले पशु की मूर्ति को बनवाकर उसकी पूजा कराना।

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सीख: यह धार्मिक धोखा है, जो दिखावे में धार्मिकता लाता है, लेकिन शैतान का उपकरण है।


🔹 पशु का चिन्ह और संख्या: 666

उसने सब को… एक छाप दाहिने हाथ या माथे पर लगवाने दी, कि कोई व्यक्ति बिना उस छाप के… न खरीद सके न बेच सके।”
यह पशु का नाम है, और उसकी संख्या है: 666”

🔍 प्रतीक और अर्थ:

·                     छाप (Mark of the Beast) – पूर्ण आज्ञाकारिता और पहचान।

o        दाहिना हाथ – कार्यों का प्रतीक।

o        माथा – सोच और निष्ठा का प्रतीक।

·                     666 – मनुष्य की संख्या। परमेश्वर की पूर्णता 7 है, तो 6 अधूरापन का प्रतीक है। तीन बार 6 – परम त्रिएकता के विरुद्ध शैतान की त्रिएकता (शैतान, मसीह विरोधी, झूठा भविष्यवक्ता)।

o        यह संख्या मसीह-विरोधी की पहचान को दर्शाती है।

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सीख: यह विश्वव्यापी नियंत्रण का प्रतीक है — जो धर्म, अर्थव्यवस्था और शासन तीनों को प्रभावित करेगा।


 इस अध्याय से क्या सिखें?

शैतान मसीह की नक़ल करके धोखे फैलाता है – राजनीतिक और धार्मिक दोनों स्तरों पर।
चमत्कार और बाहरी शक्ति सच्चाई का प्रमाण नहीं हैं — विवेक और आत्मिक ज्ञान ज़रूरी है।
अंतिम समय में सच्चे विश्वासियों पर बहुत दबाव आएगा — लेकिन उन्हें डटे रहना है।
️ “छाप” केवल भौतिक नहीं — यह विचार, निष्ठा, और कार्य में परमेश्वर या शैतान की ओर झुकाव है।


📌 याद रखने योग्य वचन:

जो धीरज धरते और विश्वास पर स्थिर रहते हैं, उन्हीं के लिए यह बुलाहट है।”
(प्रकाशित वाक्य 13:10)