प्रकाशित वाक्य – अध्याय 20

🌟 अध्‍याय की झलक:
यह अध्याय परमेश्वर के न्याय के अंतिम समय और शैतानमृत्युऔर पाप की पूरी पराजय के बारे में है। इसमें मसीह का 1000 वर्षों तक राज करने का समयशैतान की बंदीग़ीऔर फिर उसकी पराजय का विवरण है। साथ हीयह अध्याय अंतिम न्यायमृतकों का उद्धारऔर अंत में सभी के लिए परमेश्वर के न्याय की पूर्णता का उद्घाटन करता है। यह अध्याय परमेश्वर के राज्य की स्थिरताउसके न्याय की सिद्धताऔर उसके अंतिम राज्य की स्थापना का चित्रण है।

🔹 1-3 पद: शैतान की बंदीग़ी
युहन्ना  ने देखा कि एक स्वर्गदूत आकर शैतान को पकड़ता है और उसे 1000 वर्षों तक बंदी बना देता हैताकि वह पृथ्वी पर राष्ट्रों को और अधिक धोखा न दे सके। यह समय शांति और न्याय का होगाजब शैतान को पूरी तरह से नष्ट किया जाएगा।
प्रतीक:

  • शैतान की बंदीग़ी — शैतान की शक्ति को निष्क्रिय करना और परमेश्वर के न्याय का समय लाना।
    🕊️ सीख: शैतान की शक्ति और उसके छल को परमेश्वर समय आने पर पूरी तरह से समाप्त कर देगा।

🔹 4-6 पद: मसीह का 1000 वर्षों तक राज करना
युहन्ना  ने देखा कि मसीह और उसके साथियों ने 1000 वर्षों तक पृथ्वी पर राज किया। यह समय शांतिधार्मिकताऔर परमेश्वर के न्याय का होगा। मसीह का यह राज्य उसके न्याय और सत्य का प्रतीक हैऔर केवल उसके सच्चे अनुयायी ही इस राज्य में भाग लेंगे।
प्रतीक:

  • 1000 वर्षों का राज्य — मसीह का शांतिधर्मऔर परमेश्वर के न्याय के साथ पृथ्वी पर शासन।
    👑 सीख: मसीह का राज्य शाश्वत होगा और उसमें कोई भी पाप या भ्रष्टता नहीं होगी। हमें उसकी सत्यता और न्याय में विश्वास रखना चाहिए।

🔹 7-10 पद: शैतान की फिर से छूटना और उसकी पराजय
1000 वर्षों के बादशैतान को कुछ समय के लिए फिर से पृथ्वी पर छोड़ा जाएगाताकि वह उन राष्ट्रों को धोखा दे सके जो परमेश्वर के खिलाफ खड़े होंगे। शैतान एक आखिरी बार संघर्ष करेगालेकिन मसीह और उसके लोग उसे पूरी तरह से पराजित कर देंगे।
प्रतीक:

  • शैतान की छूटना और पराजय — शैतान की अंतिम पराजय और परमेश्वर की पूर्ण विजय।
    ⚔️ सीख: शैतान और पाप की कोई शक्ति परमेश्वर के खिलाफ स्थायी नहीं हो सकतीऔर परमेश्वर का न्याय अंततः उसे नष्ट करेगा।

🔹 11-15 पद: अंतिम न्याय का दिन
युहन्ना  ने देखा कि एक महान सिंहासन पर परमेश्वर न्याय करने के लिए बैठा है। सभी मरे हुए लोगअच्छे और बुरेउसके सामने आएंगे और उनके कर्मों के अनुसार उन्हें इनाम या सजा दी जाएगी। जो लोग जीवन में परमेश्वर की इच्छा के अनुसार नहीं चलेउन्हें अंतिम सजा मिलेगीऔर वे शाश्वत मृत्यु का सामना करेंगे।
प्रतीक:

  • सिंहासन पर परमेश्वर का न्याय — परमेश्वर का अंतिम न्यायजहां हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार सजा या पुरस्कार मिलेगा।
    ⚖️ सीख: हमें अपनी आत्मा की स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिएक्योंकि परमेश्वर का न्याय सच्चा और न्यायपूर्ण होता हैऔर किसी को बचने का मौका नहीं मिलेगा।

🔹 16-17 पद: शाश्वत मृत्यु और जीवन का न्याय
जो लोग जीवन में परमेश्वर के साथ नहीं थेउन्हें शाश्वत मृत्यु का सामना करना होगाऔर वे अंतिम मृत्यु के भागी होंगे। जबकि परमेश्वर के लोग शाश्वत जीवन के अधिकारी होंगे। यह अंतिम न्याय की पूरी और पूरी रूप से परमेश्वर की व्यवस्था का परिणाम होगा।
प्रतीक:

  • शाश्वत मृत्यु और जीवन — अंत मेंहर व्यक्ति को परमेश्वर के न्याय के अनुसार शाश्वत जीवन या शाश्वत मृत्यु का सामना करना होगा।
    🌱 सीख: परमेश्वर के न्याय के दिनहमें उसके साथ सही रिश्ते में रहकर शाश्वत जीवन की प्राप्ति के लिए तैयार रहना चाहिए।

 इस अध्‍याय से क्‍या सिखें?
✝️ परमेश्वर का न्याय सटीक और अपरिवर्तनीय हैऔर हर कोई अपनी मृत्यु के बाद परमेश्वर के सामने न्याय के लिए खड़ा होगा।
✝️ शैतान और पाप का अंत होगालेकिन परमेश्वर का राज्य शाश्वत रहेगा।
✝️ हमें अपनी आत्मा की स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए और मसीह के साथ सही रिश्ते में रहना चाहिए ताकि हम शाश्वत जीवन प्राप्त कर सकें।

📌 याद रखने योग्य वचन:
और जो कोई जीवन के पुस्तक में नहीं पाया गयावह शाश्वत आग में डाला गया।”
(प्रकाशित वाक्य 20:15)