प्रकाशित वाक्य – अध्याय 21

🌟 अध्‍याय की झलक:
यह अध्याय परमेश्वर के शाश्वत राज्य की स्थापना और नई पृथ्वी तथा नई आकाश की भविष्यवाणी करता है। यह अध्याय अंतिम शांतिप्रेम और परमेश्वर की महिमा से भरे जीवन की उम्मीद को दर्शाता है। पुराने संसार की पीड़ाएँ और दुख समाप्त हो जाएंगेऔर परमेश्वर का निवास स्थल अपने लोगों के साथ होगा। यहाँ हम परमेश्वर के अनंत आशीर्वादउसकी उपस्थितिऔर उसके लोगों के लिए शांति और आनंद के बारे में पढ़ते हैं। यह अध्याय हमें परमेश्वर के राज्य की शाश्वत विजय और उसकी महिमा की आशा प्रदान करता है।

🔹 1-2 पद: नई पृथ्वी और नया आकाश
युहन्ना  ने देखा कि अंततः एक नई पृथ्वी और नया आकाश बनेंगेक्योंकि पुरानी पृथ्वी और आकाश का विनाश हो चुका था। नई यरूशलेमपरमेश्वर के निवास स्थान के रूप मेंस्वर्ग से पृथ्वी पर उतरेगीऔर यह परमेश्वर के साथ उसके लोगों के अनंत संबंध का प्रतीक होगी।
प्रतीक:

  • नई पृथ्वी और नया आकाश — परमेश्वर के राज्य में नया आरंभ और शांति की स्थिति।
    🌍 सीख: परमेश्वर का राज्य पुरानी चीजों को खत्म कर देता है और नई शुरुआत करता हैजहां दुख और पाप का कोई स्थान नहीं होगा।

🔹 3-4 पद: परमेश्वर की उपस्थिति
स्वर्ग से उतरकर नई यरूशलेम परमेश्वर की उपस्थिति में होगीऔर परमेश्वर स्वयं अपने लोगों के साथ रहेगा। वह अपने लोगों के साथ निवास करेगाऔर वे उसके साथ शांति में होंगे। वह हर आंसू को पोछेगा और दुखदर्दऔर मृत्यु को समाप्त कर देगा।
प्रतीक:

  • परमेश्वर की उपस्थिति — परमेश्वर का अपने लोगों के साथ सीधा संबंध और उनकी सभी परेशानियों का समाधान।
    🕊️ सीख: परमेश्वर की उपस्थिति शांतिआनंद और पूरी संपूर्णता लाती हैऔर उसके राज्य में कोई दुख नहीं रहेगा।

🔹 5-7 पद: परमेश्वर का वचन और आशीर्वाद
परमेश्वर ने वचन दिया कि जो लोग उसके साथ होंगेवे शाश्वत जीवन और आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। वह अपने लोगों को पूरे दिल से आशीर्वाद देगा और उन्हें उसकी संतान बनाएगा। वह अपने वादे को पूरा करेगाऔर उसके लोग हमेशा के लिए उसके साम्राज्य में रहेंगे।
प्रतीक:

  • आशीर्वाद और शाश्वत जीवन — परमेश्वर का प्रतिफल और उसके लोगों के लिए शाश्वत राज्य।
    🌿 सीख: परमेश्वर अपने लोगों को हमेशा आशीर्वाद देता हैऔर जो उसकी इच्छा के अनुसार चलते हैंवे अनंत जीवन प्राप्त करते हैं।

🔹 8-9 पद: परमेश्वर का न्याय
परमेश्वर का न्याय उस समय के बाद होगाजब उन सभी को जो उसके खिलाफ रहते हैं और पाप में डूबे रहते हैंन्याय मिलेगा। जो परमेश्वर से दूर हैंवे शाश्वत मृत्यु का सामना करेंगे।
प्रतीक:

  • परमेश्वर का न्याय — शाश्वत जीवन और मृत्यु का न्याय।
    ⚖️ सीख: परमेश्वर का न्याय पूरी तरह से निष्पक्ष और सच्चा होता हैऔर हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार पुरस्कृत किया जाएगा।

🔹 10-21 पद: नई यरूशलेम का वर्णन
नई यरूशलेम का वर्णन किया गया हैजिसमें उसकी महिमासुंदरताऔर पवित्रता का चित्रण है। शहर स्वर्ण और बहुमूल्य रत्नों से सजा होगाऔर उसके द्वार को रत्नों से सजाया जाएगा। यह यरूशलेम परमेश्वर के राज्य का प्रतीक होगाजहां उसकी पवित्रताशांति और आनंद का साम्राज्य होगा।
प्रतीक:

  • नई यरूशलेम — परमेश्वर के राज्य की पवित्रतामहिमा और स्थिरता।
    🏙️ सीख: परमेश्वर के राज्य में शांतिपवित्रता और सुंदरता होगीऔर वहाँ कोई भी पाप या बुराई का स्थान नहीं होगा।

🔹 22-27 पद: परमेश्वर का निवास स्थान और उसकी महिमा
नई यरूशलेम में परमेश्वर का निवास स्थान होगाऔर वहाँ कोई मंदिर नहीं होगा क्योंकि परमेश्वर और मसीह स्वयं वहाँ निवास करेंगे। इस शहर में कोई अंधेरा नहीं होगाऔर उसकी महिमा परमेश्वर की उपस्थिति से चमकती रहेगी।
प्रतीक:

  • परमेश्वर का निवास — परमेश्वर की उपस्थिति और उसकी महिमा का अनंत रूप।
    🌟 सीख: परमेश्वर की उपस्थिति ही हमारे जीवन में सबसे बड़ी महिमा हैऔर जब हम उसके राज्य में होंगेतो उसकी महिमा हमारी रोशनी होगी।

 इस अध्‍याय से क्‍या सिखें?
✝️ परमेश्वर का राज्य शाश्वतपवित्र और आनंद से भरपूर होगाजहाँ कोई भी पाप या दुःख नहीं रहेगा।
✝️ हमें परमेश्वर के राज्य की आशा रखनी चाहिए और उसके साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहिएताकि हम शाश्वत जीवन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
✝️ परमेश्वर का न्याय निष्पक्ष और सच्चा हैऔर उसके न्याय का पालन हर किसी को करना होगा।

📌 याद रखने योग्य वचन:
यहां कोई भी पापी नहीं रहेगालेकिन जो लिखा हैवे जीवन के पुस्तक में पाए जाएंगे।”
(प्रकाशित वाक्य 21:27)