1. बाइबल में नर्क के विभिन्न नाम
बाइबल में नर्क को विभिन्न नामों से जाना जाता है:
- पुराने नियम में: शिओल (Sheol) – जिसे “गड्ढा” (Pit) या “कब्र” भी कहा गया है। (भजन 9:17)
- नए नियम में:
- हेडिस (Hades) – जिसका अर्थ है “अदृश्य स्थान” (प्रकाशित वाक्य 1:18)
- गेहेना (Gehenna) – जो “हिन्नोम की घाटी” का प्रतीक है, जहां अनंतकाल का दंड दिया जाएगा। (मरकुस 9:43)
शिओल और हेडिस न्याय से पहले पीड़ा, कष्ट और यातना के स्थान हैं, जबकि गेहेना अनंतकालीन दंड का स्थान है।
2. नर्क कहाँ स्थित है?
बाइबल के अनुसार नर्क पृथ्वी के निचले स्थानों या गहरे हिस्सों में स्थित है।
- लूका 10:15: “और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा।”
- इफिसियों 4:9: “उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था।”
3. नर्क की पीड़ा और यातनाएँ
बाइबल में नर्क को अत्यंत पीड़ा और यातना के स्थान के रूप में वर्णित किया गया है:
(i) परमेश्वर से अनंत अलगाव (Eternal Separation from God)
- 2 थिस्सलुनीकियों 1:9: “वे सदा विनाश की सज़ा पाएँगे और प्रभु की उपस्थिति से और उसकी महिमा की शक्ति से अलग हो जाएँगे।”
(ii) अनंत दंड (Eternal Punishment)
- मत्ती 25:46: “तब वे अनन्त दण्ड की ओर जाएँगे, परन्तु धर्मी अनन्त जीवन की ओर।”
(iii) कभी न बुझने वाली आग (Unquenchable Fire)
- मरकुस 9:43: “यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल; टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए इस से भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक में, उस आग में डाला जाए, जो कभी नहीं बुझती।”
(iv) बाहरी अंधकार (Outer Darkness)
- मत्ती 8:12: “परन्तु राज्य के सन्तान बाहर अन्धकार में डाले जाएँगे, वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।”
(v) रोना और दाँत पीसना (Weeping and Gnashing of Teeth)
- मत्ती 13:42: “और उन्हें आग के कुंड में डाल देंगे, वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।”
(vi) जलती हुई भट्टी (Blazing Furnace)
- मत्ती 13:50: “और उन्हें आग की भट्ठी में डाल देंगे, वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।”
(vii) अनंत विनाश (Everlasting Destruction)
- 2 थिस्सलुनीकियों 1:9: “वे सदा विनाश की सज़ा पाएँगे और प्रभु की उपस्थिति से और उसकी महिमा की शक्ति से अलग हो जाएँगे।”
(viii) जहां कीड़ा नहीं मरता (Worms that Do Not Die)
- मरकुस 9:48: “जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती।”
(ix) आग की झील (Lake of Fire)
- प्रकाशितवाक्य 20:15: “और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया।”
(x) दूसरी मृत्यु (Second Death)
- प्रकाशितवाक्य 21:8: “परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूगरों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग उस झील में होगा जो आग और गंधक से जलती रहती है; यह दूसरी मृत्यु है।”
(xi) यातना का स्थान (Place of Torment)
- लूका 16:23-24: “नरक में उसने कष्ट उठाते हुए अपनी आँखें उठाईं और अब्राहम को दूर से और लाजर को उसकी गोद में देखा। उसने पुकार कर कहा, ‘हे पिता अब्राहम, मुझ पर दया कर और लाजर को भेज दे कि वह अपनी उंगली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडा करे, क्योंकि मैं इस आग में अत्यन्त कष्ट उठा रहा हूँ।’”
(xii) गड्ढा (अबीस) (Abyss)
- प्रकाशितवाक्य 9:1-2: “पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और मैंने देखा कि एक तारा आकाश से पृथ्वी पर गिरा है। उसे अथाह गड्ढे की कुँजी दी गई। जब उसने उस गड्ढे को खोला, तो उसमें से बड़ी भट्टी का धुआँ उठा, और धुएँ से सूर्य और आकाश अंधकारमय हो गए।”
(xiii) अनंत अपमान और तिरस्कार (Everlasting Contempt)
- दानिय्येल 12:2: “बहुत से जो भूमि की धूल में सोते हैं, वे जाग उठेंगे, कुछ अनन्त जीवन के लिए, और कुछ लज्जा और अनन्त तिरस्कार के लिए।”
4. नर्क किसके लिए बनाया गया था?
नरक मूल रूप से मनुष्यों के लिए नहीं, बल्कि उन श्रापित स्वर्गदूतों के लिए बनाया गया था जिन्होंने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया। (मत्ती 25:41) लेकिन जो लोग परमेश्वर को अस्वीकार करते हैं, वे भी उसी दंड के भागी होंगे।
5. नरक से बचने का मार्ग
परमेश्वर चाहता है कि कोई भी नरक में न जाए।
- यूहन्ना 3:16: “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।”
इसलिए, हमें परमेश्वर को खोजकर, यीशु मसीह पर विश्वास कर, और उसके वचन का पालन करना चाहिए ताकि हम अनंतकाल में उसके साथ रह सकें।