हिन्दु होते हुए यीशु मसीह पर विश्वास करने से मुझे क्या मिला।

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इस लेख को पढ़कर आप जान जायेंगे की क्यों यीशु मसीह और बाइबिल ही एकमात्र सही और सच्चा जीवन का मार्ग है। ये मेरे व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर है. जो कुछ मैंने पाया वो आप भी पा सकते हैं। यीशु मसीह पर विश्वास करें। 

मैंने हिंदु धर्म क्यों छोड़ दिया।

सबसे पहला जो मुझे वो है आज़ादी।

मैं उत्तराखंड का रहनेवाला हूँ जो देवभूमि कहलाती है। बचपन से मुझे हमेशा परिवार व रिश्तेदारों के द्वारा टोका जाता था, शगुन अपशगुन के कारण। इस दिन ये न करो, उस दिन वो न करो और मेरे रोज़मर्रा के जीवन पर इन सब बातों का गहरा प्रभाव था। मैं हमेशा इस फिक्र में ही रहता था कि मुझसे कोई गलती न हो जाए जिसके कारण मुझपर कोई परेशानी आये। बोहुत बार सब सावधानी रखने के बाद भी गलती हो जाती थी जिसकी वजह से ग्रह दोष, शनि की साढ़े साती, काल सर्प दोष ऐसी कई सम्याओं का सामना और फिर समाधान करना पड़ता था।

पर जबसे यीशु मसीह पर विश्वास किया तबसे जो मेरे काम अक्सर असफल होते थे अब वो सफल होने लगे, और जहाँ पहले मैं बिल्कुल साधरण व्यक्ति था जो किसी भी प्रकार से प्रभवि नही था, और मेरे होने न होने से किसी को फर्क नही पड़ता था। वहीं अब सभा में मैं प्रभावी होने लगा। अब मैं प्रसन्न रहता था और किसी ग्रह नक्षत्र, काल सर्प, वास्तु दोष और इस प्रकार की किसी भी बात का मुझपर कोई प्रभाव न रहा। जादू टोना, किया कराया, ये सब मुझपर विफल थे। ये मेरे लिए सबसे ज़रूरी और प्रभावी आशीष थी जो मुझे यीशु मसीह पर विश्वास करने के कारण मिली।

दूसरी चीज़ जो मुझे मिली वो है कामयाबी

मेरे जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब मेरी पढ़ाई रुक गई और मेरे पास भविष्य की कोई दिशा और आशा नही थी। यहि वो समय था जब मैंने हताश होकर यीशु मसीह को अपना प्रभु स्वीकार किया और उसके बाद मेरी परिस्थितियां बदली। जहां पहले मैं हताश और निराश था वहीं अब चीज़ें मेरे पक्ष में होने लगी मेरे रास्ते खुद ब खुद ही बनते चले गए और आज मैं कामयाब हूँ और बेहतरीन तरीके से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा हूँ।

तीसरा मुझे मिले जीवन जीने के सही मूल्य या गुण

यीशु मसीह और बाइबल ने मुझे सिखाया शत्रुओं से प्रेम करो, गाली के बदले गाली नही बल्कि आशीष दो, सताने वालों के लिए प्रार्थना करो, हमारा शरीर परमेश्वर का मंदिर है। और हमें इस शरीर में कोई अशुद्ध वस्तु जैसे मादक पदार्थ, शराब, ड्रग्स और गन्दी चीज़ें नही डालने हैं। माता पिता का आदर करो, परमेश्वर का भय मानो। बाइबिल में इसी प्रकार की अन्य बोहुत सी शिक्षाएं जो अच्छे चरित्र और अच्छे भविष्य का निर्माण करती हैं।

चौथा मुझे मिला स्वर्ग का आश्वासन

मुझे हमेशा से इस बात की जिज्ञासा रहती थी कि मरने के बाद मेरे साथ क्या होगा। पंडितों और ग्रंथों की शिक्षाओं से मैं कभी संतुष्ट नही हो सका क्योंकि मुझे लगता था कि जब हमारे पंडित, ब्राह्मण और ईश्वर खुद ही गलत काम कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं व्यभिचार कर रहे हैं और हम अंधों की तरह उन्हें पूज रहे हैं तो फिर उनका बताया स्वर्ग का मार्ग कैसे विश्वसनीय हो सकता है। पर जब मैंने यीशु मसीह के जीवन, चरित्र और शिक्षाओं का अध्ययन किया तब मुझे संतुष्टि मिली। एक प्रवित्र जीवन जीवन जीने वाला व्यक्ति सदा सच बोलने वाला व्यक्ति ही स्वर्ग जैसे पवित्र स्थान का वारिस और ज्ञाता हो सकता है।

केवल यीशु मसीह ही मृत्यु को हराकर तीसरे दिन मुर्दों में से जिंदा हुये और जीवित स्वर्ग पर उठाए गए। इसके इलावा यीशु मसीह ने एक साधारण व्यक्ति यूहन्ना को स्वर्ग में लेजाकर उसको सबकुछ दिखाया ताकि वह संसार को बता सके स्वर्ग कैसा है। इस से मुझे पूरा विश्वास और आश्वासन मिला कि यीशु मसीह मे मेरा अनंतकाल का जीवन और मेरी आत्मा सुरक्षित है और मेरा स्वर्ग का मार्ग आश्वस्त है।

पांचवा जो मुझे मिला वह है सत्य कि पहचान।

यीशु मसीह को जानने से पहले मुझे लगता था ईसाई धर्म ही यीशु मसीह है, और पश्चिमी देशों और ईसाइयों में जो कुछ होता है वो ही बाइबल सिखाती है। पर जब खुद बाइबल पढ़ी तो पाया कि यीशु मसीह की शिक्षाएं उनके अनुयाइयों के द्वारा किये जाने वाले कामों के बिलकुल विपरीत हैं। जो बाहर से गंदा और अव्यवस्थित दिखाई देता है वह असलियत में पवित्र और सच्चा है। यीशु ने कहा जो मेरे पिता यानी परमेश्वर की पवित्र इच्छा पर चलता है केवल वह ही स्वर्ग का वारिस या स्वर्ग जाने के योग्य है। इस तरह मैंने सत्य को जाना।

छठा मुझे मिला अत्यंत प्रेम करने वाले पिता परमेश्वर जिनको मेरा ख्याल है और जो हमेशा मेरे साथ रहते हैं।

यीशु मसीह को प्रेमी पिता परमेश्वर ने भेजा ताकि यीशु मेरे किये पाप और अज्ञानता की सज़ा खुदपर उठाये और न्यायी परमेश्वर के न्याय और दण्ड को जो मेरे लिए था, खुद में पूरा कर के खुद में ही एक ऐसा द्वार बनाये जिसके द्वारा मैं निर्दोष होकर प्रवित्र परमेश्वर तक पोहच सकूं। इस से मुझे यह पता चलता है कि परमेश्वर मुझसे इस हद तक प्यार करते हैं कि मेरे लिए अपने एकलौते बेटे को भी सज़ा दे सकते हैं। ऐसा प्रेम तो मुझसे मेरे माता पिता ने भी नही किया।

सातवां मुझे मिला यीशु

यीशु के रूप में एक अत्यंत प्रेम करने वाला बड़ा भाई, एक सच्चा मित्र, एक प्रेमी प्रभु, मेरी गलतियों के बदले पिता से सज़ा पाने वाला मेरा शुभचिंतक भाई, हमेशा साथ रहने वाला रक्षक, मेरी ज़रूरतों को पूरा करने वाला सच्चा राजा, परमेश्वर के सामने मेरी वकालत करने वाला मेरा वकील और मेरी आत्मा का प्रेमी जो मेरी आत्मा को कभी भी नर्क में नही जाने देगा।

मैं इंसानों के हाथों से बनाये ईश्वरों को पूजता था और सोचता था यही ईश्वर हैं। पर धन्यवाद हो परमेश्वर पिता का जिन्होंने मुझे सही रास्ता दिखाया, मेरी आँखों को खोला। इन सब बातों में परमेश्व आपको आशीष दें।

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