प्रकाशित वाक्य – अध्याय 1

📖 प्रकाशित वाक्य 1 – यीशु का विजयी दर्शन और भविष्यवाणी की शुरुआत
(Revelation 1 – The Glorious Vision of Jesus and the Beginning of Prophecy)

🌟 अध्याय की झलक:
प्रकाशित वाक्य की किताब की शुरुआत एक अद्भुत रहस्योद्घाटन से होती है — यह स्वयं यीशु मसीह का प्रकाशन है।
यह किताब विशेष रूप से उन बातों को प्रकट करती है जो “जल्द ही होने वाली” हैं।
यूहन्ना को यह दर्शन पटमोस टापू पर मिलता हैऔर वह हमें मसीह की महिमाउसका संदेश और आने वाले समय के बारे में एक झलक देता है।


🔹 1-3 पद: भविष्यवाणी का उद्देश्य और आशीष

  • परमेश्वर ने यीशु मसीह के द्वारा अपने दासों को दिखाने के लिए यह रहस्योद्घाटन दिया।
  • यीशु ने अपने स्वर्गदूत के द्वारा यह संदेश यूहन्ना को पहुँचाया।
  • जो इसे पढ़ते और मानते हैंउन पर आशीष हैक्योंकि समय निकट है।

📜 सीख: परमेश्वर की भविष्यवाणियाँ हमें जागरूकतैयार और आशीषित बनाती हैं।


🔹 4-8 पद: अभिवादन और यीशु की महिमा

  • यूहन्ना एशिया की सात मंडलियों को लिखता है।
  • वह परमेश्वर को पहचानता है — जो “थाहै और आने वाला है”।
  • यीशु को महिमामंडित किया गया है — वह विश्वासयोग्य साक्षीमरे हुओं में से जी उठाऔर पृथ्वी के राजाओं का स्वामी है।
  • यीशु बादलों पर आने वाला है और हर आँख उसे देखेगी।

👑 सीख: यीशु मसीह शाश्वत राजा है — उसकी वापसी निश्चित और महिमामयी है।


🔹 9-11 पद: यूहन्ना को दर्शन का आदेश

  • यूहन्नाजो अपने भाई-बहनों के साथ क्लेश और धैर्य में सहभागी थापटमोस द्वीप पर था।
  • वह आत्मा में आया और उसके पीछे तुरही की सी आवाज़ गूंजी।
  • उसे आदेश मिला कि जो कुछ वह देखेउसे किताब में लिखे और सात मंडलियों को भेजे।

📖 सीख: परमेश्वर हमें अपनी बातों को दूसरों तक पहुँचाने के लिए बुलाता है — वफादारी से।


🔹 12-16 पद: यीशु का तेजस्वी दर्शन

  • यूहन्ना ने सात सोने के दीवट देखे और उनके बीच एक महिमामयी पुरुष — यीशु मसीह।
  • उसके वस्त्रबालआँखेंपैरआवाज़ और मुँह से निकली हुई तलवार — सब कुछ तेजस्वीशक्तिशाली और पवित्र था।
  • उसके दाहिने हाथ में सात तारे थे — मंडलियों के स्वर्गदूतों का प्रतीक।

🌟 सीख: यीशु अब न केवल उद्धारकर्ता हैबल्कि विजयी राजा और न्यायी है।


🔹 17-20 पद: प्रोत्साहन और रहस्योद्घाटन की कुंजी

  • यूहन्ना डर से गिर पड़ालेकिन यीशु ने उसे उठाया और कहा — “मत डर। मैं प्रथम और अंतिम हूँ। मैं वह हूँ जो जीवित है। मैं मर गया था और देखोअब युगानुयुग जीवित हूँ।”
  • यीशु ने उसे आदेश दिया कि वह जो देखेगा और जो होने वाला हैवह लिखे।

🛐 सीख: यीशु मृत्यु और समय दोनों पर अधिकार रखने वाला है — हमारे डर का कोई स्थान नहीं है।


 इस अध्याय से क्या सिखें?
✝️ यीशु मसीह शाश्वत राजा और न्यायी है।
✝️ जो उसके वचन को सुनतेपढ़ते और मानते हैंउन पर आशीष है।
✝️ मसीह की वापसी निश्चित है — हमें तैयार रहना चाहिए।
✝️ डर के समय भीयीशु हमें थामता और शक्ति देता है।


📌 याद रखने योग्य वचन
मत डरमैं प्रथम और अंतिम और जीवित हूँमैं मर गया थाऔर देखोयुगानुयुग जीवित हूँ।”
(प्रकाशित वाक्य 1:17-18)

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