🌟अध्याय की झलक: यह अध्याय सात मुहरों में से पहली छह मुहरों के खुलने का वर्णन करता है। हर मुहर के साथ पृथ्वी पर घटनाएँ घटती हैं — युद्ध, अकाल, मृत्यु और विनाश। यह “महाकष्टकाल” (Great Tribulation) की शुरुआत का प्रतीक है, जब परमेश्वर का न्याय प्रकट होता है।
🔹1-2 पद: पहली मुहर – सफेद घोड़े वाला विजेता
मेम्ना (यीशु) ने पहली मुहर खोली, और चार जीवित प्राणियों में से एक ने कहा, “आ!“
एक सफेद घोड़े पर एक सवार प्रकट हुआ, जिसके पास धनुष था और उसे एक मुकुट दिया गया।
वह विजयी होकर और आगे जीतने के लिए निकला।
प्रतीक:
सफेद घोड़ा — विजयी शक्ति या झूठा मसीहा।
धनुष — युद्ध का प्रतीक।
मुकुट (Crown) — अधिकार का संकेत।
कुछ व्याख्याओं में इसे झूठा मसीह (Antichrist) माना जाता है जो आरंभ में विजय प्राप्त करता है परन्तु विनाश लाता है।
🏹👑सीख: अंतिम समय में धोखेबाज नेता उभरेंगे जो शांति और विजय का दिखावा करेंगे लेकिन असल में विनाश लाएँगे।
🔹3-4 पद: दूसरी मुहर – लाल घोड़े वाला युद्ध
दूसरी मुहर खुली, और एक लाल घोड़े वाला सवार आया।
उसे पृथ्वी से शांति हटाने का अधिकार दिया गया ताकि लोग एक-दूसरे को मारें।
उसके पास एक बड़ी तलवार थी।
प्रतीक:
लाल घोड़ा — युद्ध और रक्तपात।
बड़ी तलवार — बड़े पैमाने पर हिंसा और युद्ध का संकेत।
⚔️🩸 सीख: एक झूठी शांति के बाद दुनिया व्यापक युद्धों और हिंसा में डूब जाएगी।
🔹5-6 पद: तीसरी मुहर – काला घोड़ा और अकाल
तीसरी मुहर पर एक काले घोड़े वाला सवार आया।
उसके हाथ में एक तराजू था।
चारों ओर से आवाज आई:
“गेहूँ का एक पैमाना एक दीनार में, और जौ के तीन पैमाने एक दीनार में। लेकिन तेल और दाखरस को हानि मत पहुँचाना।“
प्रतीक:
काला घोड़ा — शोक और अकाल।
तराजू — राशन वितरण, भोजन की कमी और महंगाई।
तेल और दाखरस को न छूना — विलासिता बनी रहेगी, लेकिन आमजन अकाल से पीड़ित होंगे।
⚖️🌾सीख: जब न्याय आता है, तो मूलभूत आवश्यकताएँ दुर्लभ और महंगी हो जाती हैं।
🔹7-8 पद: चौथी मुहर – पीला (हरा) घोड़ा और मृत्यु
चौथी मुहर खुलने पर एक पीला घोड़ा दिखाई दिया।
उसके सवार का नाम था “मृत्यु“, और अधोलोक (हादेस) उसके पीछे-पीछे था।
उन्हें तलवार, अकाल, महामारी और जंगली जानवरों के द्वारा एक चौथाई पृथ्वी पर अधिकार दिया गया।
प्रतीक:
पीला या हरा घोड़ा — मृत्यु और सड़न का रंग।
मृत्यु और अधोलोक — शारीरिक मृत्यु और आत्मिक नाश।
चार साधन — युद्ध, भूखमरी, बीमारी, और हिंसक पशु।
💀☠️सीख: जब परमेश्वर का क्रोध प्रकट होता है, तो व्यापक विनाश आता है।
🔹9-11 पद: पाँचवीं मुहर – शहीदों की पुकार
पाँचवीं मुहर खुलने पर यूहन्ना ने वे आत्माएँ देखीं जो परमेश्वर के वचन और अपनी गवाही के कारण मारे गए थे।
वे ऊँचे स्वर से पुकार रहे थे:
“हे प्रभु, तू कब तक न्याय नहीं करेगा और हमारे रक्त का बदला नहीं लेगा?“
उन्हें सफेद वस्त्र दिए गए और थोड़ी देर विश्राम करने के लिए कहा गया, जब तक उनके और भाई भी शहीद नहीं हो जाएँ।
प्रतीक:
शहीदों की आत्माएँ — सताए गए विश्वासी जो न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सफेद वस्त्र — धार्मिकता और विजय का प्रतीक।
थोड़ी देर का विश्राम — परमेश्वर के समय पर न्याय निश्चित है, लेकिन धैर्य अपेक्षित है।
👼👗सीख: परमेश्वर अपने जनों के अन्याय को अनदेखा नहीं करता; न्याय निश्चित है।
🔹12-17 पद: छठी मुहर – बड़ा भूकंप और आकाशीय घटनाएँ
छठी मुहर खुलने पर एक बड़ा भूकंप हुआ।
सूर्य काले कपड़े की तरह काला हो गया, चंद्रमा लाल हो गया, तारे पृथ्वी पर गिरे।
आकाश सिकुड़ गया जैसे पुस्तक लपेटी जाती है।
हर पहाड़ और टापू अपनी जगह से हट गया।
राजा, सेनापति, धनवान, बलवान — सब डर कर गुफाओं में छिप गए और कहने लगे:
“हम पर गिर पड़ो और हमें सिंहासन पर बैठे और मेम्ना के क्रोध से छिपा दो!“ “क्योंकि उनके क्रोध का महान दिन आ गया है, और कौन खड़ा रह सकता है?”
प्रतीक:
भूकंप, सूर्य का काला होना, चंद्रमा का लाल होना — परमेश्वर के प्रत्यक्ष न्याय की शुरुआत।
तारों का गिरना — नेताओं और शक्तियों का पतन।
लोगों का डर कर छिपना — परमेश्वर के न्याय से कोई नहीं बच सकता।
🌋🌑सीख: जब परमेश्वर का अंतिम न्याय आता है, तो कोई भी शक्तिशाली मनुष्य भी उसमें ठहर नहीं सकता।
✅इस अध्याय से क्या सिखें? ✝️मसीह ही न्याय और उद्धार दोनों के द्वार खोलते हैं। ✝️अंतिम समय में पृथ्वी पर असाधारण विपत्तियाँ आएँगी। ✝️ झूठी शांति के बाद भारी युद्ध, अकाल, महामारी और मृत्यु आएगी। ✝️शहीदों के न्याय का समय निश्चित है। ✝️परमेश्वर के क्रोध के दिन के लिए तैयार रहना जरूरी है — मसीह में विश्वास ही एकमात्र सुरक्षा है।
📌याद रखने योग्य वचन “उनके क्रोध का महान दिन आ गया है; और कौन खड़ा रह सकता है?” (प्रकाशित वाक्य 6:17)