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1. भूमिका
उत्पत्ति बाइबल की पहली पुस्तक है और पूरे शास्त्र की नींव रखती है। यह पुस्तक सृष्टि, पाप के प्रवेश, और परमेश्वर की छुटकारा योजना की शुरुआत को प्रकट करती है। इसमें दो मुख्य भाग हैं:
- सृष्टि और प्रारंभिक इतिहास (उत्पत्ति 1-11) – ब्रह्मांड, मानवता और पाप की उत्पत्ति।
- कुलपतियों का इतिहास (उत्पत्ति 12-50) – अब्राहम, इसहाक, याकूब और यूसुफ की कहानियाँ।
2. सृष्टि की रचना (उत्पत्ति 1-2)
(i) परमेश्वर द्वारा सृष्टि की प्रक्रिया
- पहला दिन: प्रकाश बनाया गया (उत्पत्ति 1:3-5)।
- दूसरा दिन: आकाश (आकाशमंडल) की सृष्टि (उत्पत्ति 1:6-8)।
- तीसरा दिन: समुद्र, भूमि, और वनस्पतियाँ (उत्पत्ति 1:9-13)।
- चौथा दिन: सूर्य, चंद्रमा, और तारे (उत्पत्ति 1:14-19)।
- पाँचवाँ दिन: जलचर और आकाश के पक्षी (उत्पत्ति 1:20-23)।
- छठा दिन: भूमि के जीव-जंतु और मनुष्य (उत्पत्ति 1:24-31)।
- सातवाँ दिन: परमेश्वर ने विश्राम किया और इसे पवित्र किया (उत्पत्ति 2:1-3)।
(ii) मनुष्य की सृष्टि और अदन की वाटिका
- मनुष्य को परमेश्वर ने अपनी छवि में बनाया (इमागो देई – Imago Dei, उत्पत्ति 1:26-27)।
- आदम को अदन की वाटिका में रखा और उसे खेती करने और उसकी रक्षा करने का आदेश दिया (उत्पत्ति 2:15)।
- हव्वा की सृष्टि – आदम का साथी (उत्पत्ति 2:21-23)।
- विशेष आज्ञा: भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल न खाना (उत्पत्ति 2:16-17)।
3. पाप का प्रवेश और पतन (उत्पत्ति 3-11)
(i) आदम और हव्वा का पाप (उत्पत्ति 3)
- सर्प (शैतान) ने हव्वा को प्रलोभन दिया और उसने निषिद्ध फल खाया।
- आदम ने भी वही किया, जिससे पाप संसार में आया।
- परिणाम:
- मनुष्य और परमेश्वर के बीच अलगाव (उत्पत्ति 3:8-10)।
- स्त्री को प्रसव में कष्ट और पुरुष को श्रम में कठिनाई मिली (उत्पत्ति 3:16-19)।
- आदम और हव्वा को अदन की वाटिका से निकाल दिया गया (उत्पत्ति 3:23-24)।
(ii) कैन और हाबिल (उत्पत्ति 4)
- कैन ने अपने भाई हाबिल की हत्या की क्योंकि परमेश्वर ने हाबिल के बलिदान को ग्रहण किया, लेकिन कैन के बलिदान को नहीं।
- इससे दिखता है कि पाप ने मनुष्य के स्वभाव को प्रभावित करना शुरू कर दिया था।
(iii) जलप्रलय और नूह (उत्पत्ति 6-9)
- संसार में अत्यधिक दुष्टता बढ़ गई थी (उत्पत्ति 6:5-7)।
- परमेश्वर ने नूह को जहाज बनाने का आदेश दिया, जिससे वह अपने परिवार और प्रत्येक जीवजाति के कुछ जोड़ों को बचा सके (उत्पत्ति 6:14-22)।
- 40 दिन और 40 रात तक बारिश हुई और पूरी पृथ्वी जलमग्न हो गई (उत्पत्ति 7:17-24)।
- बाढ़ के बाद, नूह और उसके परिवार ने नई शुरुआत की और परमेश्वर ने उनके साथ नोहिक वाचा की (उत्पत्ति 9:8-17)।
(iv) बाबेल का गुम्मट (उत्पत्ति 11)
- मनुष्यों ने मिलकर एक गुम्मट बनाने की योजना बनाई ताकि वे परमेश्वर के समान बन जाएँ।
- परमेश्वर ने उनकी भाषा को गड़बड़ा दिया और उन्हें पूरी पृथ्वी पर बिखेर दिया।
4. कुलपतियों का इतिहास (उत्पत्ति 12-50)
(i) अब्राहम: विश्वास का पिता (उत्पत्ति 12-25)
- परमेश्वर ने अब्राहम को बुलाया और उससे अब्राहमिक वाचा की:
- भूमि का वादा (उत्पत्ति 12:1, 15:18-21)।
- वंश वृद्धि का वादा – उसकी संतान समुद्र की रेत के समान होगी (उत्पत्ति 22:17)।
- मसीह के आगमन की भविष्यवाणी – अब्राहम के वंश से सारी जातियाँ आशीष पाएँगी (उत्पत्ति 12:3)।
- इसहाक का जन्म – वाचा का उत्तराधिकारी (उत्पत्ति 21)।
- मोरिया पर्वत पर बलिदान की परीक्षा – परमेश्वर ने अब्राहम की आज्ञाकारिता परखने के लिए इसहाक को बलिदान करने को कहा (उत्पत्ति 22)।
(ii) इसहाक, याकूब और एस्वाव (उत्पत्ति 25-36)
- इसहाक अब्राहम की वाचा का उत्तराधिकारी बना।
- याकूब और एस्वाव का जन्म – परमेश्वर ने याकूब को वाचा का उत्तराधिकारी बनाया (उत्पत्ति 25:23)।
- याकूब ने एस्वाव से उसका जायदाद का अधिकार ले लिया और इसहाक से आशीर्वाद प्राप्त किया (उत्पत्ति 27)।
- याकूब का नाम “इस्राएल” रखा गया (उत्पत्ति 32:28)।
(iii) यूसुफ: परमेश्वर की योजना का कार्यान्वयन (उत्पत्ति 37-50)
- यूसुफ को उसके भाइयों ने गुलामी में बेच दिया, लेकिन परमेश्वर ने उसे मिस्र में ऊँचे पद पर पहुँचाया (उत्पत्ति 37-41)।
- यूसुफ ने अकाल के समय अपने परिवार को मिस्र में आश्रय दिया, जिससे इस्राएलियों का मिस्र में निवास शुरू हुआ (उत्पत्ति 46-47)।
5. प्रमुख धार्मिक संदेश
- सृष्टि परमेश्वर की योजना का हिस्सा है।
- पाप का परिणाम मृत्यु और अलगाव है।
- परमेश्वर की वाचा उद्धार की योजना को आगे बढ़ाती है।
- विश्वास और आज्ञाकारिता परमेश्वर के साथ चलने के लिए आवश्यक हैं।
6. सामान्य प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: उत्पत्ति की पुस्तक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह पुस्तक परमेश्वर की सृष्टि, पाप के प्रभाव, और उद्धार की योजना की नींव रखती है।
प्रश्न 2: आदम और हव्वा के पतन का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: पाप के कारण मानवता परमेश्वर से अलग हो गई और संसार में मृत्यु और पीड़ा आ गई (उत्पत्ति 3:16-19)।
प्रश्न 3: अब्राहमिक वाचा का क्या महत्व है?
उत्तर: यह वाचा इस्राएल राष्ट्र और मसीह के आने की भविष्यवाणी को दर्शाती है (उत्पत्ति 12:1-3)।
प्रश्न 4: यूसुफ की कहानी हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: परमेश्वर की योजना में हर परिस्थिति का उद्देश्य होता है, और वह बुराई को भी भलाई में बदल सकता है (उत्पत्ति 50:20)।
7. निष्कर्ष
उत्पत्ति की पुस्तक पूरे बाइबिल की कहानी की नींव रखती है। यह हमें परमेश्वर की शक्ति, न्याय, प्रेम, और उद्धार की योजना को समझने में मदद करती है। इसका अध्ययन हमारे विश्वास को मजबूत करता है और हमें परमेश्वर के उद्देश्यों को पहचानने में सहायता करता है।