परमेश्वर का वचन सामर्थी है । जैसा की दाऊद कहता है “मैंने तेरा वचन अपने हृदय में रख छोड़ा है ” उसी प्रकार हमें भी चाहिये की परमेश्वर के सामर्थी वचन को अपने मन, हृदय और आत्मा में रख लें । यहाँ पर पमेश्वर की शक्ति और सामर्थ से जुड़ी कुछ बाइबल की आयत दी गई हैं । इन्हें कंठस्थ कर लें और अपने जीवन में वचन की सामर्थ को देखें ।