Bible Study

मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 7

1 “दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए।2 क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।3 “तू क्यों अपने भाई की आँख के तिनके को…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 6

1 “सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धार्मिकता के काम न करो, नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।2 “इसलिए जब तू दान करे, तो अपना ढिंढोरा न पिटवा, जैसे कपटी*, आराधनालयों और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उनकी बड़ाई करें, मैं…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 5

1 वह भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।2 और वह अपना मुँह खोलकर उन्हें यह उपदेश देने लगा :3 “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।4 “धन्य हैं वे, जो शोक…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 4

1 तब उस समय पवित्र आत्मा यीशु को एकांत में ले गया ताकि शैतान से उसकी परीक्षा हो।*2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, तब उसे भूख लगी। (निर्ग. 34:28)3 तब परखनेवाले ने पास आकर उससे कहा, “यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 3

1 उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल* में यह प्रचार करने लगा :2 “मन फिराओ*, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”3 यह वही है जिसके बारे में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने कहा था : “जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है, कि प्रभु…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 2

1 हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम* में यीशु का जन्म हुआ, तब, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे,2 “यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है, कहाँ है? क्योंकि हमने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको झुककर प्रणाम करने आए हैं।” (गिन.…
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मत्ती रचित सुसमाचार – अध्याय 1

यीशु की वंशावली  मत्ती 1 का सारांश और सर्वेक्षण: सारांश:मत्ती 1 अध्याय मसीह (यीशु) की वंशावली और उसके जन्म की घटनाओं का वर्णन करता है। यह यहूदी पाठकों के लिए यीशु को अब्राहम और दाऊद के वंशज के रूप में स्थापित करता है, जिससे उसकी मसीही पहचान और दावों की…
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प्रकाशित वाक्य – अध्याय 21

सूची – नया नियम नया आकाश और नई पृथ्वी  1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा।2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते…
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प्रकाशित वाक्य – अध्याय 20

सूची – नया नियम हज़ार वर्ष का राज्य  1 फिर मै ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिस के हाथ में अथाह कुंड की कुंजी, और एक बड़ी जंजीर थी।2 और उस ने उस अजगर, अर्थात पुराने सांप को, जो इब्लीस और शैतान है; पकड़ के हजार वर्ष…
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प्रकाशित वाक्य – अध्याय 22

सूची – नया नियम 1 फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।2 और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़…
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